ड्रमस्टिक की खेती से सुनहरा मुनाफा, NSC Certified बीज से उगाएँ पौष्टिक फसल और पाएं 3 लाख तक सालाना कमाई

Moringa Farming: सर्दी हो या गर्मी, जब बात पौष्टिक फसल की आती है, तो ड्रमस्टिक यानी मोरिंगा का नाम सबसे पहले आता है। इसे ‘मिरेकल ट्री’ कहते हैं, क्योंकि इसकी पत्तियाँ, फलियाँ और जड़ें तक फायदेमंद हैं। विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम—सब कुछ इसमें भरा है। चाहे आँगन में गमला हो या खेत, फार्म सोना प्रीमियम ड्रमस्टिक बीज से आप इसे आसानी से उगा सकते हैं। कम पानी, कम मेहनत, और बंपर पैदावार यह फसल छोटे बगीचे से लेकर बड़े खेत तक सबके लिए है। आइए, देसी टिप्स के साथ जानें कैसे बनाएँ मोरिंगा का बगीचा और कमाएँ मुनाफा।

फार्म सोना प्रीमियम, बंपर उपज की गारंटी

फार्म सोना प्रीमियम ड्रमस्टिक बीज हाइब्रिड किस्म से तैयार हैं, जो 90% से ज्यादा अंकुरण दर देते हैं। पेड़ 10-15 फीट ऊँचे होते हैं, और प्रति पेड़ 200-300 फलियाँ सालाना मिलती हैं। एक पेड़ से 5-7 किलो पत्तियाँ हर कटाई में, जो बाजार में 20-30 रुपये प्रति किलो बिकती हैं। फलियाँ 50-100 रुपये प्रति किलो की कीमत लाती हैं। यह किस्म सूखा सहन करती है और हर मिट्टी में उगती है। NSC के सर्टिफाइड बीज रोगमुक्त हैं, तो चिंता की बात नहीं। 10 ग्राम पैक में 50-60 बीज, जो छोटे बगीचे के लिए काफी। अनुभवी माली कहते हैं, “पहले साल 5 पेड़ लगाओ, तीसरे साल से कमाई शुरू!” यह फसल डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और पोषण की कमी में रामबाण है।

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बुआई का देसी तरीका

ड्रमस्टिक उगाना आसान है, बस सही शुरुआत चाहिए। फरवरी-मार्च या जून-जुलाई में बुआई करें। बीज को रातभर पानी में भिगोएँ, अंकुरण तेज होगा। 12-14 इंच गहरे गमले या खेत में आधा इंच गहराई पर बोएँ। मिट्टी का मिश्रण: 50% बगीचे की मिट्टी, 30% गोबर खाद, 20% रेत। धूप वाली जगह चुनें। 7-10 दिन में अंकुर निकलेंगे। पौधा 1-2 फीट का हो तो खेत या बड़े गमले में ट्रांसप्लांट करें। पेड़ों के बीच 10-12 फीट दूरी रखें। बगीचे में 4-5 पेड़, खेत में 100-200 प्रति एकड़। पानी हफ्ते में 2-3 बार, ज्यादा गीलापन न करें। पहले 2 महीने खरपतवार साफ रखें। ये देसी जुगाड़ पेड़ को मजबूत बनाएंगे।

देखभाल और पोषण का आसान फंडा

मोरिंगा कम मेहनत माँगती है। हर 15 दिन में गोमूत्र या वर्मी कम्पोस्ट का घोल डालें। उर्वरक: प्रति पेड़ 100 ग्राम NPK, साल में दो बार। गर्मी में सिंचाई बढ़ाएँ, लेकिन जड़ें गीली न रहें। पत्तियाँ हर 45 दिन में काटें, फलियाँ 6-8 महीने बाद। एक पेड़ से 50-100 किलो फल सालाना। कीटों से बचाव: नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) हर 10 दिन में छिड़कें। पाउडरी मिल्ड्यू पर बोर्डो मिश्रण डालें। पेड़ 20-25 साल चलते हैं, यानी लंबी कमाई। बगीचे में फेंसिंग या इंटरक्रॉपिंग के लिए लगाएँ।

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रोग-कीटों से देसी जंग

एफिड्स या फल मक्खी परेशान कर सकती हैं। नीम की खली मिट्टी में मिलाएँ। सफेद फफूंद दिखे तो बेकिंग सोडा घोल (1 चम्मच/लीटर पानी) छिड़कें। जैविक तरीके से ट्राइकोडर्मा डालें। NSC से सलाह लें अगर रोग बढ़े। ये नुस्खे रासायनिक दवाओं से बचाते हैं और फसल सुरक्षित रखते हैं। फार्म सोना से प्रति एकड़ 10-15 टन फलियाँ, 50-100 रुपये/किलो। पत्तियाँ 20-30 रुपये/किलो। प्रति एकड़ 2-3 लाख मुनाफा। बगीचे में 5 पेड़ से 10-15 हजार सालाना। मोरिंगा पाउडर, तेल और हेल्थ प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ रही है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन से सब्सिडी लें।

राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) 1963 से भारत सरकार की संस्था है, जो सर्टिफाइड और ट्रुथफुल बीज देती है। 100+ किस्में, 90% से ज्यादा अंकुरण। मुख्यालय नई दिल्ली, देशभर में 100 केंद्र। mystore.in से फार्म सोना 10gm @34 रुपये में ऑर्डर करें, UPI से पेमेंट, 3-5 दिन में डिलीवरी। NSC ट्रेनिंग और सब्सिडी भी देता है, खेती को आत्मनिर्भर बनाता है। फार्म सोना प्रीमियम बीज से NSC स्टोर पर ऑर्डर करें, और बगीचे को पौष्टिक बनाएँ।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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