खेती के साथ करें इस पक्षी का पालन ,होगी जबरदस्त कमाई

Duck Farming : किसान साथियों , गाँव में खेती के साथ-साथ अगर कुछ ऐसा करें जो कम मेहनत में अच्छी कमाई दे, तो बतख पालन से बढ़िया क्या हो सकता है। बतख न सिर्फ अंडे और मांस के लिए उपयोगी हैं, बल्कि खेतों में कीड़े-मकोड़े खाकर फसल को भी बचाते हैं। गाँव में पानी और खेत की जगह का फायदा उठाकर इसे आसानी से शुरू कर सकते हैं। ये धंधा ऐसा है जो मेहनत का पूरा जवाब देता है। आइए, समझें कि बतख पालन कैसे करें और फायदा कैसे कमाएँ।

जगह और पानी का देसी इंतजाम

बतख पालन(Duck Farming) के लिए सबसे पहले थोड़ी जगह चाहिए। गाँव में खेत के पास या घर के पीछे छोटा सा बाड़ा बना लें। बाँस या लकड़ी से चारों तरफ घेर दें, ताकि बतख बाहर न जाएँ। बतख को पानी में तैरना पसंद है, तो पास में छोटा तालाब या टब रखें। अगर तालाब न हो, तो पुराने ड्रम में पानी भर दें, बस इतना ध्यान रखें कि पानी साफ रहे। गाँव में नहर या कुएँ का पानी इस्तेमाल करें। छाँव के लिए नीम या बरगद का पेड़ हो तो बढ़िया, वरना टाट की छत बना दें। ऐसा करने से बतख खुश रहेंगे।

बतख के बच्चे कहाँ से लें

शुरुआत के लिए बतख के बच्चे यानी डकलिंग्स चाहिए। गाँव में पोल्ट्री फार्म या नजदीकी बाजार से 1-2 दिन के बच्चे ले सकते हैं। देसी बतख या रनर बतख की नस्ल बढ़िया है, क्यूँकि ये कम खर्च में जल्दी बढ़ते हैं और अंडे भी अच्छे देते हैं। एक बार में 10-15 बच्चे लेकर शुरू करें। इन्हें पहले हफ्ते गर्म जगह पर रखें, जैसे गोदाम में भूसे के पास। गाँव में पुराने लोग कहते हैं कि शुरू में थोड़ा ध्यान दो, तो आगे रास्ता आसान हो जाता है। बच्चे खरीदते वक्त देख लें कि वो तंदुरुस्त हों।

खाना और देखभाल का नुस्खा

बतख (Duck) को खिलाने के लिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं। शुरू में चावल का भात या टूटे दाने और चारा मिलाकर दें। बड़े होने पर खेत का पानी, कीड़े-मकोड़े और हरा चारा जैसे धान की पत्तियाँ खा लेते हैं। गाँव में बचे हुए अनाज या सब्जियों के छिलके भी काम आते हैं। दिन में दो बार खाना दें और पानी हमेशा पास रखें। कीचड़ में रहने से इनके पैर गंदे हो सकते हैं, तो हफ्ते में एक बार पानी से धो दें। नीम का पानी छिड़कें, इससे बीमारी कम होगी। ऐसा करने से बतख जल्दी बढ़ते हैं। इसके अलावा यदि आप छोटा तालाब बनवा दें तो वे उसमे तैरकर अपनी दैनिक एक्सरसाइज भी कर लेंगी जिससे उनका ग्रोथ अच्छा होता है।

अंडे और मांस से कमाई

बतख 5-6 महीने में अंडे देना शुरू करते हैं। एक बतख साल में 200-250 अंडे दे सकती है। गाँव में अंडे 10-15 रुपये में बिकते हैं, तो 15 बतख से 30-40 हज़ार रुपये की कमाई हो सकती है। मांस के लिए भी बतख का अच्छा दाम मिलता है, 300-400 रुपये किलो। अगर 10 बतख बेचें, तो 15-20 हज़ार रुपये अलग से। खेत में ये धान के कीड़ों को खाते हैं, तो कीटनाशक का खर्चा भी बचता है। गाँव में बेकार पड़े अनाज को ये खा लेते हैं, यानी खर्चा कम और फायदा ज्यादा।

गाँव के लिए खास फायदा

 गाँवों में जहाँ की खेती होती है, वहाँ बतख पालन (Duck Farming) दोहरा फायदा देता है। ये खेत में घूमकर कीड़े खाते हैं और गोबर से मिट्टी को ताकत देते हैं। छोटे तालाब या गड्ढे में इन्हें रख सकते हैं, जो गाँव में आसानी से बन जाते हैं। गाँव की बहनें अंडों से अच्छा नाश्ता बनाती हैं, और बच्चे इन्हें देखकर खुश होते हैं। तो भाइयों, इस बार बतख पालन को आजमाएँ, खेती के साथ कमाई का नया रास्ता खुलेगा।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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