देश की जानी-मानी बीज कंपनी ईगल सीड्स एंड बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड ने इस साल गेहूं की दो नई संशोधित किस्में, ईगल-1213 और ईगल-1214, लॉन्च की हैं। ये किस्में कम समय में पककर ज्यादा पैदावार देने के लिए खास तौर पर तैयार की गई हैं। कंपनी के जनरल मैनेजर (मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट) डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि इन बीजों को 5-6 साल के गहन शोध के बाद विकसित किया गया है। यह शोध किसानों की जरूरतों और क्षेत्रीय मिट्टी व मौसम के हिसाब से किया गया, ताकि हर इलाके के किसानों को फायदा हो। इन नई किस्मों के साथ कंपनी का लक्ष्य है कि किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिले।
ईगल-1213: स्वाद और पैदावार का शानदार मेल
ईगल-1213 मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और उत्तर भारत के कई इलाकों के लिए खास तौर पर उपयुक्त है। यह किस्म कम समय में पकती है और मुश्किल मौसम में भी अच्छी पैदावार देती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसमें मौजूद उच्च प्रोटीन की मात्रा, जिससे बनी चपातियां मुलायम और स्वादिष्ट होती हैं। मध्य प्रदेश के किसान रामस्वरूप चौधरी ने बताया कि इस तरह की किस्में न सिर्फ खेत में अच्छी पैदावार देती हैं, बल्कि बाजार में भी अच्छा दाम दिलाती हैं। यह किस्म प्रतिकूल मौसम को झेलने में सक्षम है, जिससे किसानों को फसल खराब होने की चिंता कम रहती है।
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ईगल-1214: समय पर बुवाई, बंपर पैदावार
ईगल-1214 उन किसानों के लिए वरदान है, जो समय पर बुवाई करते हैं। इस किस्म में ज्यादा फुटाव होता है, यानी एक पौधे से ज्यादा तने निकलते हैं, जिससे पैदावार बढ़ती है। साथ ही, यह किस्म गिरने के प्रति सहनशील है, जिससे तेज हवा या बारिश में भी फसल को नुकसान नहीं होता। उत्तर भारत के किसानों के बीच यह किस्म जल्द ही लोकप्रिय होने की उम्मीद है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि इस किस्म को खास तौर पर उन क्षेत्रों के लिए डिजाइन किया गया है, जहाँ किसान समय पर बुवाई करते हैं और ज्यादा उत्पादन की उम्मीद रखते हैं।
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ईगल सीड्स की पुरानी किस्में भी हैं हिट
ईगल सीड्स पहले भी गेहूं की कई शानदार किस्में लॉन्च कर चुकी है, जो किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। पिछले साल लॉन्च हुई ईगल-1201 और ईगल-1204 ने उत्तर और मध्य भारत के किसानों का भरोसा जीता। इसके अलावा, सुशिका (ईगल-135) और हर्षिका (ईगल-145) जैसी किस्में भी सालों से किसानों की पहली पसंद बनी हुई हैं। सुशिका खासकर मध्य प्रदेश और गुजरात में अच्छी पैदावार के लिए जानी जाती है। वहीं, हर्षिका ड्यूरम (काठिया) गेहूं की श्रेणी में आती है, जो अपनी मजबूती और उच्च पैदावार के लिए पिछले दस सालों से किसानों को लुभा रही है।
किसानों के लिए भरोसे का नाम
ईगल सीड्स पिछले 42 सालों से सोयाबीन और गेहूं के बीजों में अग्रणी रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक वैभव जैन और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनिल कोलते के नेतृत्व में कंपनी लगातार नए शोध और नवाचार के जरिए किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध करा रही है। कंपनी का मकसद है कि भारतीय किसानों को ऐसी किस्में मिलें, जो उनकी मेहनत को सही दाम दिलाएं। मध्य प्रदेश के किसान श्यामलाल कहते हैं कि ईगल सीड्स के बीजों ने उनकी खेती को पहले से ज्यादा फायदेमंद बना दिया है।
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