खरबूजे की अगेती खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसकी खेती में लागत से कई गुना ज्यादा मुनाफा होता है। यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। आइए, इस लेख में खरबूजे की अगेती खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं।
फरवरी में खरबूजे की खेती क्यों करें?
खरबूजे की अगेती खेती फरवरी के महीने में की जा सकती है। यह किसानों के लिए एक बेहतरीन मौका हो सकता है। यह फल साल में कुछ ही महीनों के लिए बाजार में उपलब्ध होता है, इसलिए इसकी मांग बहुत ज्यादा होती है। सर्दियों के मौसम में इसकी खेती करने से बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। जनवरी के बाद केला और सेब जैसे फलों की डिमांड कम हो जाती है, और खरबूजे की डिमांड बढ़ जाती है। इसकी वजह से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
खरबूजे की खेती करने का एक और फायदा यह है कि यह फल जल्दी तैयार हो जाता है। बुआई के बाद यह लगभग 65 दिनों में तैयार हो जाता है। इसलिए, किसान इसे उगाकर जल्दी कमाई कर सकते हैं।
खरबूजे की अगेती खेती कैसे करें?
खरबूजे की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए। खेत की अच्छी तरह जुताई करें और मिट्टी में गोबर की खाद मिलाएं। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल अच्छी होती है।
अच्छी किस्म के बीजों का चुनाव करें। बीजों के अंकुरण के लिए 25 डिग्री तापमान की जरूरत होती है, और पौधों के विकास के लिए 35 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है। बुआई के बाद खरबूजे की फसल लगभग 65 दिनों में तैयार हो जाती है।
खरबूजे की खेती में सिंचाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पौधों को समय-समय पर पानी देना चाहिए, लेकिन ज्यादा पानी देने से बचें। इससे फसल खराब हो सकती है। खरबूजे की फसल में कीट और रोगों का भी ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करें।
कितना मुनाफा होगा?
खरबूजे की अगेती खेती से किसानों को बहुत अच्छा मुनाफा होता है। एक एकड़ में खरबूजे की खेती से लगभग 200 से 250 क्विंटल तक पैदावार मिलती है। इससे आप लगभग 3 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
खरबूजे की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि इसमें पोषक तत्व भी भरपूर होते हैं। इसलिए, लोग इसे खाना पसंद करते हैं। इसकी वजह से किसानों को इसकी खेती से अच्छा मुनाफा होता है।
खरबूजे की अगेती खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक है। इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है, और इससे अच्छी कमाई होती है। इसलिए, किसानों को इसकी खेती जरूर करनी चाहिए।
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