Straw Reaper: किसान भाइयों, रबी के मौसम में गेहूं की कटाई का समय आ गया है। मार्च के आखिरी हफ्ते से खेतों में हार्वेस्टर की गूंज शुरू हो जाती है। लेकिन हार्वेस्टर से कटाई के बाद खेत में बची पराली कई बार सिरदर्द बन जाती है। पहले इसका भूसा बनता था, पर अब यह खेत में छूट जाता है। चिंता न करें, क्योंकि अब पराली आपकी कमाई का ज़रिया बनेगी। स्ट्रॉ रीपर मशीन इस पराली को भूसा बनाती है, जिसे आप अपने पशुओं को खिला सकते हैं या बाज़ार में बेचकर जेब भर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि यह मशीन कैसे आपके खेत को सोने की खान बनाएगी।
पराली का नया रास्ता
गेहूं की कटाई के बाद खेतों में डंठल बिखरे रहते हैं। पहले किसान इन्हें जलाकर अगली फसल की तैयारी करते थे। लेकिन पराली जलाने से मिट्टी की ताकत कम होती है, क्योंकि उसमें मौजूद छोटे-छोटे जीव मर जाते हैं। इससे फसल की पैदावार पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही, धुआँ हवा को जहरीला बनाता है। अब स्ट्रॉ रीपर मशीन इस मुसीबत को मौके में बदल देती है। यह खेत में खड़ी पराली को काटकर बारीक भूसा बनाती है। चाहे आपके पास गाय-भैंस हों या नहीं, इस भूसे को मंडी में बेचकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यह मशीन न सिर्फ आपकी जेब भरती है, बल्कि पर्यावरण को भी बचाती है।
स्ट्रॉ रीपर का कमाल
स्ट्रॉ रीपर मशीन पराली को भूसा बनाने का जादूगर है। यह खेत में बिखरे डंठलों को तेज़ी से काटती है और उन्हें बारीक टुकड़ों में बदल देती है। यह भूसा पशुओं के लिए पौष्टिक चारा है, जिसकी बाज़ार में खूब डिमांड रहती है। जिन किसानों के पास पशु नहीं हैं, वे इसे बेचकर कमाई कर सकते हैं। बिहार के एक किसान ने बताया कि उसने स्ट्रॉ रीपर से भूसा बनाकर एक सीज़न में बीस हज़ार रुपये अतिरिक्त कमा लिए। यह मशीन तेज़ और आसान है, जिससे खेत जल्दी साफ हो जाता है और अगली फसल की बुवाई में देर नहीं होती।
मशीन की ताकत और ज़रूरत
स्ट्रॉ रीपर कोई साधारण मशीन नहीं है। इसे चलाने के लिए मज़बूत ट्रैक्टर चाहिए, जिसकी ताकत 45 हॉर्सपावर से ज़्यादा हो। यह मशीन खेत में तेज़ी से घूमकर पराली को चटपट भूसा बनाती है। इसका इस्तेमाल आसान है, लेकिन इसे चलाने से पहले ट्रैक्टर की जाँच कर लें। अगर आपके पास ऐसा ट्रैक्टर नहीं है, तो अपने गाँव के उन किसानों से बात करें, जो किराए पर ट्रैक्टर देते हैं। सही मशीन और थोड़ी समझदारी से आप पराली को सोने में बदल सकते हैं।
लागत और सरकार का साथ
स्ट्रॉ रीपर मशीन की कीमत साढ़े तीन से चार लाख रुपये के आसपास है। यह सुनकर जेब थोड़ी भारी लग सकती है, लेकिन सरकार इसमें आपका साथ दे रही है। केंद्र और राज्य सरकारें कृषि मशीनों पर अच्छी-खासी सब्सिडी देती हैं। कुछ राज्यों में 50 प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है। अपने जिला कृषि अभियांत्रिकी विभाग में जाएँ और अनुदान की पूरी जानकारी लें। वहाँ आपको फॉर्म और दस्तावेज़ों का ब्यौरा मिलेगा। सब्सिडी के साथ यह मशीन आपकी जेब पर हल्की पड़ेगी और लंबे समय तक मुनाफा देगी।
मिट्टी और हवा की रक्षा
पराली जलाने से न सिर्फ मिट्टी की सेहत खराब होती है, बल्कि हवा में धुआँ फैलकर साँस लेना मुश्किल हो जाता है। स्ट्रॉ रीपर इस समस्या को जड़ से खत्म करती है। जब आप पराली को भूसा बनाएंगे, तो मिट्टी में मौजूद छोटे जीव सुरक्षित रहेंगे। इससे खेत की उर्वरता बनी रहेगी और अगली फसल ज़्यादा देगी। साथ ही, धुआँ न फैलने से गाँव का माहौल साफ रहेगा। यह मशीन न सिर्फ आपकी कमाई बढ़ाती है, बल्कि खेत और पर्यावरण को भी तंदुरुस्त रखती है।
खेत से कमाई तक
किसान भाइयों, स्ट्रॉ रीपर मशीन आपके खेत की पराली को अनमोल खज़ाना बनाती है। चाहे आप भूसा अपने पशुओं को खिलाएँ या बाज़ार में बेचें, मुनाफा पक्का है। सरकार की सब्सिडी और थोड़ी सी मेहनत से यह मशीन आपके लिए वरदान साबित होगी। जब आपके खेत साफ होंगे, मिट्टी मज़बूत होगी, और जेब में अतिरिक्त कमाई आएगी, तो मेहनत का असली मज़ा आएगा। तो देर न करें अपने कृषि कार्यालय में अनुदान की जानकारी लें और इस रबी सीज़न में पराली को कमाई का रास्ता बनाएँ।
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