भारत में परंपरागत खेती को पीछे छोड़ते हुए अब एग्रोफॉरेस्ट्री यानी पेड़-आधारित खेती का चलन तेजी से बढ़ रहा है। मालाबार नीम, पॉपुलर, और महोगनी जैसे पेड़ न केवल कम लागत में बंपर मुनाफा दे रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी हरियाला बना रहे हैं। अगस्त का मानसून इन पेड़ों की रोपाई के लिए सबसे उपयुक्त समय है, क्योंकि इस दौरान मिट्टी में नमी रहती है, जो पौधों की जड़ों को मजबूत करती है। कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और कई राज्य सरकारें किसानों को इसके लिए मार्गदर्शन और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की सुविधा दे रही हैं। आइए, जानें इन पेड़ों की खेती से कैसे बन सकते हैं लखपति।
मालाबार नीम: 6-8 साल में करोड़पति बनने का मौका
मालाबार नीम (Melia Dubia) तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है, जो 6-8 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। इसकी लकड़ी का उपयोग कागज उद्योग, प्लाईवुड, और फर्नीचर में होता है। एक एकड़ में 400-500 पेड़ लगाए जा सकते हैं, और प्रति पेड़ 3,000-4,000 रुपये की कमाई हो सकती है। यानी एक एकड़ से 15-20 लाख रुपये का मुनाफा संभव है। ICAR के अनुसार, 10 एकड़ में खेती करने पर 8 साल में 1.5-2 करोड़ रुपये तक की कमाई हो सकती है। यह पेड़ कम पानी और देखभाल में भी अच्छी तरह बढ़ता है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और तमिलनाडु में इसकी माँग बढ़ रही है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत कई कंपनियाँ लकड़ी खरीद की गारंटी देती हैं।
पॉपुलर: पंजाब-हरियाणा का पसंदीदा
पॉपुलर (Populus) की खेती खासकर पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय है। यह पेड़ 6-7 साल में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। एक एकड़ में 200-300 पेड़ लगाए जा सकते हैं, और प्रति पेड़ 2,000-3,000 रुपये की कमाई हो सकती है। यानी एक एकड़ से 7-8 लाख रुपये तक का मुनाफा संभव है। इसकी लकड़ी का उपयोग प्लाईवुड, माचिस की तीलियाँ, और पैकिंग बॉक्स बनाने में होता है। पॉपुलर की खेती के लिए दोमट मिट्टी और नियमित सिंचाई जरूरी है। KVK, लुधियाना के विशेषज्ञों के अनुसार, ड्रिप सिंचाई और जैविक खाद से पैदावार 15% तक बढ़ सकती है। इसकी बिक्री के लिए स्थानीय लकड़ी मंडियों से संपर्क करें।
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महोगनी: लॉन्ग टर्म निवेश का खजाना
महोगनी (Swietenia) की लकड़ी अपनी शानदार गुणवत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यह फर्नीचर और इंटीरियर डेकोरेशन में बड़ी माँग रखती है, खासकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में। इसकी कटाई में 10-12 साल लगते हैं, लेकिन प्रति पेड़ 50,000-1 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। एक एकड़ में 100-150 पेड़ लगाकर 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का मुनाफा संभव है। महोगनी की खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी और मध्यम पानी की जरूरत होती है। केरल और कर्नाटक में इसकी खेती तेजी से बढ़ रही है। ICAR-IIHR के वैज्ञानिकों का कहना है कि नियमित छंटाई और कीट नियंत्रण से इसकी गुणवत्ता बढ़ती है।
अगस्त में रोपाई क्यों खास?
अगस्त का मानसून पेड़ों की रोपाई के लिए आदर्श समय है। इस दौरान मिट्टी में नमी रहती है, जिससे जड़ें मजबूत होती हैं और पौधे तेजी से बढ़ते हैं। मालाबार नीम और पॉपुलर को 4×4 मीटर की दूरी पर, जबकि महोगनी को 5×5 मीटर की दूरी पर लगाएँ। गड्ढों में 10-15 किलो गोबर की खाद मिलाएँ। ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग से पानी की बचत होगी। पहले दो साल नियमित निगरानी और जैविक कीटनाशक (नीम तेल, 2 मिली/लीटर) का उपयोग करें।
किसान भाइयों, एग्रोफॉरेस्ट्री शुरू करने के लिए नजदीकी KVK या वन विभाग से संपर्क करें। मालाबार नीम, पॉपुलर, और महोगनी के प्रमाणित पौधे नर्सरी से लें। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए लकड़ी खरीदने वाली कंपनियों से करार करें। मिट्टी की जाँच और ड्रिप सिंचाई अपनाएँ। ज्यादा जानकारी के लिए ICAR की वेबसाइट (icar.gov.in) या अपने जिला कृषि कार्यालय से संपर्क करें। यह खेती आपको कम लागत में लखपति बना सकती है।
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