सरसों तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट, होली से पहले बाजार में मंदी का दबाव

Edible Oil Prices: होली का त्योहार नजदीक आने के बावजूद बाजार में सरसों तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट देखी गई है। नई फसल की आवक और मांग में कमी के कारण सरसों तेल, सोयाबीन तेल, कच्चा पाम तेल (सीपीओ), पामोलीन और बिनौला तेल के दाम गिरावट पर बंद हुए हैं। फिलहाल, सरसों तेल सबसे सस्ता तेल है और लोगों के बीच इसकी मांग भी बनी हुई है।

सरसों तेल और तिलहन की स्थिति 

सरसों तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण नई फसल की आवक है। सरसों तेल के दाम दादरी में 13,200 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों तिलहन के दाम 6,075 से 6,175 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बंद हुए। सरसों तेल की पक्की घानी की कीमत 2,275 से 2,375 रुपये प्रति क्विंटल और कच्ची घानी की कीमत 2,275 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल रही।

सोयाबीन तेल और तिलहन की स्थिति 

सोयाबीन तेल के दाम भी गिरावट पर बंद हुए। दिल्ली में सोयाबीन तेल की कीमत 13,750 रुपये प्रति क्विंटल और इंदौर में 13,500 रुपये प्रति क्विंटल रही। सोयाबीन तिलहन के दाम 4,250 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच बंद हुए। सोयाबीन लूज की कीमत 3,950 से 4,050 रुपये प्रति क्विंटल रही। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से लगभग 15% कम होने के कारण सोयाबीन तिलहन की कीमतें स्थिर रहीं।

मूंगफली तेल और तिलहन की स्थिति 

मूंगफली तिलहन की कीमतें मजबूत बंद हुईं। मूंगफली तिलहन के दाम 5,375 से 5,700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहे। मूंगफली तेल की कीमत गुजरात में 14,150 रुपये प्रति क्विंटल और रिफाइंड मूंगफली तेल की कीमत 2,150 से 2,450 रुपये प्रति क्विंटल रही। बिनौला खल की मांग बढ़ने के कारण मूंगफली खल के दाम में सुधार देखा गया।

पाम तेल और बिनौला तेल की स्थिति 

मलेशिया और शिकागो एक्सचेंज में गिरावट के कारण कच्चा पाम तेल (सीपीओ) और पामोलीन के दाम भी कमजोर रहे। कांडला में सीपीओ की कीमत 12,950 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलीन की कीमत 13,500 रुपये प्रति क्विंटल रही। बिनौला तेल की कीमत हरियाणा में 12,800 रुपये प्रति क्विंटल रही। बिनौला खल की मांग बढ़ने के बावजूद बिनौला तेल के दाम कमजोर बंद हुए।

कपास और बिनौला सीड की स्थिति 

भारतीय कपास निगम (CCI) द्वारा बिनौला सीड का दाम 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने के बाद कपास नरमा के दाम में सुधार देखा गया। अब तक किसान लगभग 70% उपज बाजार में ला चुके हैं। अगली फसल आने में अभी पांच-छह महीने का समय है, इसलिए CCI को बिनौला सीड की बिक्री संभलकर करनी चाहिए।

होली के त्योहार से पहले बाजार में तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट देखी गई है। नई फसल की आवक और मांग में कमी के कारण सरसों तेल, सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल और पाम तेल के दाम कमजोर रहे। अगले कुछ दिनों में बाजार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल किसानों और व्यापारियों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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  • Shashikant

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