गाय को मिल्क फीवर से बचाना है तो भूलकर भी न करें ये गलती, जानें जरूरी उपाय

Milk Fever : किसान भाइयों, खेती-बाड़ी के साथ पशुपालन तो हमारा पुराना दोस्त है। पहले बैल खेतों में हल जोतते थे, गाय-भैंस दूध देती थीं, और घर का काम चलता था। लेकिन अब जमाना बदल गया है। पशुपालन सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि कमाई का बड़ा जरिया बन गया है। गाँव में लोग अब इसे धंधे की तरह देखते हैं। हर पशुपालक का सपना होता है कि उसके पशु तंदुरुस्त रहें, खूब दूध दें, और घर में सुख-शांति आए।

लेकिन कई बार थोड़ी अनजानी गलती या जानकारी की कमी से पशु बीमार पड़ जाते हैं। कुछ बीमारियाँ तो इतनी खतरनाक होती हैं कि पशु की जान तक ले लेती हैं। ऐसा ही एक रोग है मिल्क फीवर। ये गाय को कमजोर कर देता है और सही वक्त पर इलाज न हो तो बड़ा नुकसान हो जाता है। तो आइए, इसे समझें और अपने पशुओं को बचाने के आसान उपाय जानें।

मिल्क फीवर क्या है और कैसे होता है

पशुओं के जानकार डॉ. दिनेश महतो जी बताते हैं कि मिल्क फीवर तब लगता है, जब गाय के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। ये बीमारी खासकर तब होती है, जब गाय बच्चा देती है। बच्चा देने के बाद गाय का शरीर दूध बनाने में सारी ताकत लगा देता है। कई बार पशुपालक सोचते हैं कि सारा दूध एक बार में निकाल लें, तो काम जल्दी हो जाएगा। लेकिन ऐसा करना गाय के लिए मुसीबत बन जाता है।

एकदम सारा दूध निकालने से शरीर से कैल्शियम बाहर चला जाता है, और गाय कमजोर पड़ने लगती है। अगर गाय गाभिन हो और उसे पहले से सही खुराक न मिले, तो मिल्क फीवर का खतरा और बढ़ जाता है। कमजोरी बढ़ती है, गाय उठ-बैठ नहीं पाती, और हालत बिगड़ने पर उसकी जान तक जा सकती है। लेकिन थोड़ी सी समझदारी और प्यार से इसे रोका जा सकता है।

सही खुराक से रखें पशु तंदुरुस्त

डॉ. दिनेश जी की सलाह है कि पशुओं की सेहत का पहला राज है उनका खाना। गाय-भैंस को ऐसा खाना दें, जो उनकी ताकत बनाए रखे। खासकर जब गाय बच्चा देने वाली हो, तो उसका ख्याल और भी बढ़ जाता है। रोजाना 50 ग्राम मिनरल्स और 50 एमएल कैल्शियम की खुराक दें। ये शरीर में ऊर्जा बनाए रखेगा और गाय को कमजोरी नहीं छूएगी।

हरा चारा, दाना, और साफ पानी का इंतजाम रखें। चारे में थोड़ी हरी घास, भूसा और गुड़ मिलाकर दे सकते हैं, ताकि गाय को स्वाद भी आए और पोषण भी मिले। अगर दूध निकालना हो, तो थोड़ा-थोड़ा करके निकालें, पूरा एक बार में नहीं। ऐसा करने से गाय की सेहत बनी रहेगी और दूध भी अच्छा आएगा। गाय को प्यार से देखभाल करें, जैसे अपने घर के सदस्य को करते हैं।

मिल्क फीवर से बचने के लिए पहले से तैयारी

मिल्क फीवर से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि गाय को कमजोर होने ही न दें। जब गाय गाभिन हो, तो उसकी खुराक में पहले से ही कैल्शियम और मिनरल्स बढ़ा दें। पशु चिकित्सक से सलाह लेकर खाने का पूरा हिसाब रखें। गाय को दिन में दो बार चारा दें और पानी की कमी न होने दें। अगर गाय सुस्त दिखे, खड़ी न हो पाए, या दूध कम दे, तो समझ जाएँ कि कुछ गड़बड़ है।

ऐसे में फौरन पशु डॉक्टर को बुलाएँ। गाँव में कई बार देसी नुस्खे भी काम आते हैं, जैसे गुड़ और चूने का पानी मिलाकर देना। लेकिन बड़ी बीमारी में डॉक्टर की सलाह ही सही रहती है। थोड़ी सी मेहनत और जागरूकता से आप अपने पशु को बचा सकते हैं और धंधे को चमका सकते हैं।

छोटी सावधानी, बड़ा फायदा

पशुपालन में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना बड़ा फर्क डालता है। गाय को सही वक्त पर खाना, पानी और आराम मिले, तो वो बीमार कम पड़ती है। मिल्क फीवर जैसी बीमारी से बचने के लिए गाय की गाभिन अवस्था से ही तैयारी शुरू कर दें। बच्चा होने के बाद भी उसकी देखभाल में ढील न दें। अगर गाय तंदुरुस्त रहेगी, तो दूध भी खूब देगी और आपकी मेहनत रंग लाएगी। गाँव में पशुपालन न सिर्फ कमाई का जरिया है, बल्कि हमारी पुरानी परंपरा भी है। इसे प्यार और समझदारी से करें, तो घर में सुख-समृद्धि जरूर आएगी।

ये भी पढ़ें- पशुपालकों के लिए खुशखबरी! चारा और बाड़े पर मिल रही है 50% सब्सिडी, जानिए पूरा प्रोसेस

Author

  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

    View all posts

Leave a Comment