किसान भाइयों, मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले के छीरखेड़ा में 17 अगस्त 2025 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन की जली हुई फसलों का औचक निरीक्षण किया। किसानों ने शिकायत की थी कि एक कंपनी की खरपतवारनाशक दवा ने उनकी फसल को राख में बदल दिया। शिवराज ने खेतों में जाकर स्थिति देखी, किसानों से दिल खोलकर बात की, और दोषी कंपनी पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। आइए, इस घटना को समझें और जानें कि किसानों के लिए क्या राहत मिलने वाली है।
खेतों में जली फसलें, किसानों का दर्द
छीरखेड़ा के खेतों में शिवराज सिंह चौहान ने जो मंज़र देखा, वो किसी भी किसान का दिल तोड़ दे। सोयाबीन की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी, और खेतों में सिर्फ़ खरपतवार लहलहा रहे थे। किसानों ने बताया कि HPM कंपनी की खरपतवारनाशक दवा डालने के बाद उनकी फसल जल गई। ये नुकसान सिर्फ़ एक-दो किसानों का नहीं, बल्कि पूरे इलाके के कई किसानों की मेहनत पर भारी पड़ा है। शिवराज ने भावुक होकर कहा, “किसान की फसल चली गई, तो उसकी ज़िंदगी ही चली गई।” उन्होंने साफ़ किया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और किसानों को इंसाफ ज़रूर मिलेगा।
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दोषियों पर कड़े कदम का ऐलान
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को भरोसा दिलाया कि दोषी कंपनी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने तुरंत एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों की जाँच समिति गठित करने का आदेश दिया। ये समिति खेतों का दौरा करेगी, नुकसान की वजह ढूँढेगी, और विस्तृत रिपोर्ट देगी। शिवराज ने कहा कि अगर कंपनी की दवा में खराबी पाई गई, तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। सरकार का ये कदम दिखाता है कि वो किसानों की मेहनत की कीमत समझती है और उनकी बर्बादी को हल्के में नहीं लेगी।
मामले की गहराई तक जाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने एक विशेष जाँच समिति बनाई है। इस समिति की अगुवाई जबलपुर के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (DWR) के निदेशक डॉ. जे.एस. मिश्रा करेंगे। इसमें ATARI जोन 9 और रायसेन-विदिशा के कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी भी शामिल हैं। ये समिति 18 अगस्त 2025 को छीरखेड़ा के खेतों में जाकर नमूने लेगी और नकली दवा के असर का विश्लेषण करेगी। इसका मकसद नुकसान की सही वजह जानना और दोषियों को जवाबदेह ठहराना है, ताकि किसानों को मुआवज़ा मिल सके।
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नकली कीटनाशकों के खिलाफ देशव्यापी मुहिम
शिवराज सिंह चौहान ने साफ़ शब्दों में कहा कि नकली कीटनाशक, खाद, और बीज बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार अब देशभर में सख्त अभियान चलाएगी। ऐसी कंपनियाँ किसानों के साथ धोखा कर रही हैं और उनकी मेहनत को बर्बाद कर रही हैं। ये अभियान न सिर्फ़ मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश में नकली दवाओं और खादों की जाँच करेगा। सरकार का मकसद है कि किसानों को सही और गुणवत्तापूर्ण सामग्री मिले, ताकि हमारे खेतों की मेहनत रंग लाए।
निरीक्षण के दौरान शिवराज ने रायसेन के कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) की पुरानी जाँच रिपोर्ट को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि पहले की रिपोर्ट में सच्चाई सामने नहीं आई थी, इसलिए अब एक नई और निष्पक्ष जाँच होगी। ये कदम सरकार की पारदर्शिता को दर्शाता है। नई जाँच से न सिर्फ़ नुकसान की असल वजह सामने आएगी, बल्कि किसानों को ये भरोसा भी मिलेगा कि उनकी बात सुनी जा रही है।
किसानों का हक़, सरकार की ज़िम्मेदारी
शिवराज सिंह चौहान का छीरखेड़ा दौरा और सख्त रुख दिखाता है कि सरकार किसानों के साथ मज़बूती से खड़ी है। नकली कीटनाशकों के खिलाफ अभियान और जाँच समिति का गठन इस बात का सबूत है कि सरकार किसानों की मेहनत को बर्बाद नहीं होने देगी। रायसेन के किसानों की तरह ही देशभर के किसान भाइयों को उम्मीद है कि उन्हें जल्द न्याय और राहत मिलेगी।
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