Uttar Pradesh Fake Fertilizer News: उत्तर प्रदेश के किसानों को शुद्ध और सस्ते उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए चल रही मुहिम में एक और सफलता हासिल हुई है। कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने जनपद कन्नौज के तिर्वा तहसील में नकली पोटाश बनाने वाली एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया। शनिवार को हुई इस छापेमारी में फिल्मी अंदाज अपनाते हुए टीम ने कारोबारी बनकर जाल बिछाया और मौके से 147 बोरी नकली पोटाश बरामद की। फैक्ट्री को सील कर दिया गया है, जबकि 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
किसान की शिकायत से शुरू हुई जांच
यह कार्रवाई हसेरन निवासी किसान नीरज राजावत की शिकायत से शुरू हुई। नीरज ने जिला कृषि अधिकारी को बताया कि हसेरन के एक खाद कारोबारी के घर से नकली पोटाश लदी एक पिकअप निकली है। इस सूचना पर जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की। टीम ने पिकअप को ट्रेस किया और चालक से पूछताछ की। चालक ने पूछताछ में खुलासा किया कि नकली पोटाश तिर्वा क्षेत्र की एक फैक्ट्री से आ रही है, जहां इसे सस्ते दाम पर बनाकर बेचा जा रहा है।
फिल्मी अंदाज में जाल, 700 रुपये प्रति बोरी के दाम पर ऑर्डर
कृषि विभाग की टीम ने चालाकी दिखाई। कर्मचारियों ने किसान बनकर नकली पोटाश बनाने वालों से मोबाइल पर संपर्क किया। उन्होंने 100 बोरी पोटाश मांगी, जिसमें 60 बोरी स्टॉक के लिए 700 रुपये प्रति बोरी के दाम तय किए। जैसे ही डिलीवरी का समय आया, टीम ने फैक्ट्री पर धावा बोल दिया। मौके पर नकली पोटाश बनाने की पूरी मशीनरी, कच्चा माल और पैकिंग सामग्री बरामद हुई। कुल 147 बोरी नकली पोटाश जब्त की गई, जो ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर पैक की जा रही थी। गिरफ्तार आरोपियों में फैक्ट्री मालिक और उसके साथी शामिल हैं।
मंत्री के निर्देश, किसानों को बिना टैगिंग शुद्ध उर्वरक
यह कार्रवाई प्रदेश स्तर पर चल रहे अभियान का हिस्सा है। कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने हाल ही में निर्देश दिए थे कि किसानों को सुचारू रूप से उचित मूल्य पर बिना टैगिंग और ओवररेटिंग के उर्वरक वितरण सुनिश्चित किया जाए। मंत्री ने साफ कहा था कि नकली और घटिया उर्वरक बनाने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो। कन्नौज जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है, और आधार कार्ड के माध्यम से 3-4 बोरी प्रति किसान उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस छापेमारी से न सिर्फ नकली पोटाश का सर्कुलेशन रुका, बल्कि अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ गई।
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जिला कृषि अधिकारी संतलाल गुप्ता ने बताया कि नकली पोटाश में नमक, चूना और सस्ते केमिकल मिलाए जाते हैं, जो फसल को पोषण देने के बजाय मिट्टी की उर्वरता नष्ट कर देते हैं। इससे खेत बंजर हो जाते हैं और उपज 30-40% तक घट जाती है। कन्नौज जैसे कृषि प्रधान जिले में रबी फसल की बुवाई का समय चल रहा है, ऐसे में नकली उर्वरक का प्रसार किसानों के लिए घातक साबित हो सकता था। टीम ने सैंपल लैब में भेजे हैं, और रिपोर्ट आने पर और सख्त कार्रवाई होगी।
आगे की कार्रवाई, मुकदमा दर्ज, अन्य जिलों में अलर्ट
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी) और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। फैक्ट्री सील होने से आसपास के खाद कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने अन्य जिलों को अलर्ट जारी किया है, ताकि नकली उर्वरक का नेटवर्क टूट सके। किसान नीरज राजावत ने कहा, “शिकायत करने से तुरंत कार्रवाई हुई। अब असली उर्वरक मिलेगा।”
यह घटना किसानों के लिए चेतावनी है। कृषि विभाग ने अपील की है कि उर्वरक खरीदते समय आधार कार्ड दिखाएं, बिल लें और ब्रांडेड डीलर से ही लें। हेल्पलाइन 1800-180-1551 पर शिकायत करें। कन्नौज में उर्वरक स्टॉक पर्याप्त है, कोई घबराहट न करें।
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