छोटे किसानों को मिला खेती का सुपरपावर! जानिए कस्टम हायरिंग सेंटर का कमाल

Farm Machinery: किसान भाइयों, आज भी कई खेतों में पुराने तरीके से हल-बैल और हाथ से जुताई चल रही है, लेकिन समय के साथ खेती के तरीके बदल गए हैं। विज्ञान और तकनीक ने खेती को आसान बना दिया है। पहले जो काम हफ्तों में पूरा होता था, आज ट्रैक्टर और थ्रेशर जैसी मशीनों से घंटों में हो जाता है। लेकिन छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह सुविधा सपना बनकर रह जाती है। कम आमदनी की वजह से वे महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते। ऐसे में केंद्र सरकार ने कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) की शुरुआत की है, जो छोटे किसानों को सस्ती दरों पर आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराता है।आइए जानें यह केंद्र क्या है।

कस्टम हायरिंग सेंटर क्या है?

कस्टम हायरिंग सेंटर एक ऐसी सुविधा है, जहाँ ट्रैक्टर, रोटावेटर, थ्रेशर, बीज बोने की मशीन, स्प्रेयर, और कंबाइन हार्वेस्टर जैसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध होती हैं। इसे सरकार, सहकारी समितियों, या निजी उद्यमों द्वारा संचालित किया जाता है। इसका मकसद छोटे किसानों को बिना भारी निवेश के तकनीक का लाभ देना है। ये केंद्र खास तौर पर उन किसानों के लिए हैं, जिनके पास 1-2 एकड़ जमीन है और वे मशीनें खरीदने में असमर्थ हैं। CHC के जरिए वे अपनी जरूरत के हिसाब से मशीनें किराए पर ले सकते हैं और खेती के काम को तेज कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें –  49 तालाबों की होगी खुदाई, मिलेगा 50% अनुदान, इस जिले के किसानो के लिए सरकार की है यह योजना!

यह कैसे काम करता है?

कस्टम हायरिंग सेंटर में मशीनें सस्ती दरों पर किराए पर दी जाती हैं। किसान नजदीकी केंद्र पर जा सकते हैं या सरकार के मोबाइल ऐप/वेबसाइट के जरिए मशीन बुक कर सकते हैं। बुकिंग के बाद मशीन तय समय पर खेत तक पहुँचाई जाती है या किसान खुद इसे ले सकता है। उपयोग के बाद मशीन को वापस करना होता है। कई केंद्रों में डिलीवरी और ऑपरेटर की सुविधा भी मिलती है, जिससे किसानों को मशीन चलाने की चिंता नहीं रहती। किराया आमतौर पर घंटे या दिन के आधार पर लिया जाता है, जो खेत के आकार और मशीन के प्रकार पर निर्भर करता है।

लाभ कैसे उठाएँ?

CHC का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले नजदीकी केंद्र में पंजीकरण करना जरूरी है। इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, और जमीन के दस्तावेज जमा करने पड़ सकते हैं। पंजीकरण के बाद सरकार के ऐप जैसे फार्म मशीनरी सॉल्यूशन या राज्य की वेबसाइट पर लॉगिन करें। यहाँ मशीनों की उपलब्धता और किराए की जानकारी मिलती है। अपनी जरूरत (जुताई, बीज बोना, कटाई) के हिसाब से मशीन चुनें और तारीख-समय बुक करें। भुगतान ऑनलाइन या केंद्र पर नकद/डिजिटल तरीके से करें। बुकिंग के बाद मशीन खुद लेने जाएँ या डिलीवरी का विकल्प चुनें। उपयोग के बाद समय पर मशीन वापस करें ताकि अगले किसान को सुविधा मिले।

ये भी पढ़ें – सरकार दे रही है भारी सब्सिडी! ये कृषि यंत्र सस्ते में पाने का मौका, जल्दी करें आवेदन

कस्टम हायरिंग सेंटर के फायदे

CHC छोटे किसानों के लिए वरदान है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि महंगे यंत्र खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती, जो लाखों रुपये की बचत कराता है। इससे खेती की लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है। मशीनों से काम तेजी से होता है, जिससे समय की बचत होती है और फसल के मौसम में देरी का डर नहीं रहता। आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन स्प्रेयर या स्मार्ट सीडर तक आसानी से पहुँच मिलती है, जो पैदावार को बढ़ाता है। सरकार ने इस योजना के तहत 80% सब्सिडी भी दी है, जिससे किराया और सस्ता हो जाता है।

सरकार की पहल और भविष्य

केंद्र सरकार ने सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (SMAM) के तहत CHC को बढ़ावा दिया है। देशभर में 10,000 से ज्यादा केंद्र खोले गए हैं, और 2025 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य है। किसानों के लिए मोबाइल ऐप और हेल्पलाइन भी शुरू की गई हैं, जो मशीन बुकिंग को आसान बनाते हैं। यह योजना न सिर्फ खेती को आसान बनाती है, बल्कि युवाओं को खेती से जोड़ने में भी मदद कर रही है।

कस्टम हायरिंग सेंटर छोटे किसानों की मेहनत को आसान और मुनाफेदार बनाता है। अगर आप भी खेती में तकनीक का फायदा उठाना चाहते हैं, तो नजदीकी CHC से संपर्क करें। अपने खेतों को आधुनिक बनाएँ और बंपर पैदावार का आनंद लें। यह योजना आपके लिए सुनहरा मौका है!

ये भी पढ़ें – खेती में अपनाएं ये मॉर्डन मशीनें, लागत का 50% देगी सरकार! होगी तगड़ी कमाई

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

    View all posts

Leave a Comment