31 मार्च तक जल्दी करें ये काम, अगर चूके तो नहीं मिलेगा सरकारी योजना का फायदा

Farmer Registry Campaign: आजकल सरकार की एग्रीस्टैक योजना के तहत सिरोही जिले में किसानों की ऑनलाइन कुंडली तैयार करने का काम जोर-शोर से चल रहा है। 5 फरवरी से जिले में फार्मर रजिस्ट्री कैंप लगाए जा रहे हैं, जिसमें हर ब्लॉक और पंचायत को शामिल किया गया है।

राज्य सरकार की 24 मार्च की समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, सिरोही में 65,965 पीएम किसान लाभार्थियों में से 54,069 किसानों का पंजीयन हो चुका है, यानी 81.92 प्रतिशत काम पूरा हो गया। राजस्थान में जयपुर के बाद सिरोही जिला सबसे आगे है। अब डोर-टू-डोर संपर्क करके बाकी किसानों को भी जोड़ने की तैयारी है। चलिए, आपको बताते हैं कि ये योजना आपके लिए कैसे फायदेमंद है और इसे कैसे पूरा किया जा रहा है।

डोर-टू-डोर संपर्क से शत-प्रतिशत पंजीयन का लक्ष्य

सिरोही के जिला कलक्टर अल्पा चौधरी ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री कैंप अब अपने आखिरी दौर में हैं। मार्च के अंत तक सभी किसानों का पंजीयन करने के लिए डोर-टू-डोर संपर्क शुरू करने की योजना है। इसके लिए पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सहायक और पटवारियों की टीमें बनाई जा रही हैं। ये टीमें घर-घर जाकर बचे हुए किसानों का रजिस्ट्रेशन करेंगी, ताकि कोई भी इस योजना से वंचित न रहे। जिला कलक्टर का कहना है कि ये पंजीयन किसानों के लिए बहुत जरूरी है, और भविष्य में ये उनकी खेती को आसान और फायदेमंद बनाएगा।

फार्मर रजिस्ट्री क्यों है जरूरी

अब सरकार की योजनाओं का फायदा लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य हो गया है। अगर आपके पास फार्मर आईडी नहीं होगी, तो 31 मार्च 2025 के बाद पीएम-किसान सम्मान निधि की किश्त आपके खाते में नहीं आएगी। इसके अलावा, कृषि विभाग की दूसरी सुविधाएँ जैसे फसल खराब होने पर मुआवजा, किसान क्रेडिट कार्ड या सब्सिडी भी बिना इस आईडी के नहीं मिलेंगी। गाँव के किसान भाइयों के लिए ये एक ऐसा मौका है, जिसे छोड़ना ठीक नहीं। पंजीयन करवाइए, ताकि आपकी मेहनत का पूरा फल मिले।

पंजीयन का आसान तरीका

फार्मर रजिस्ट्री के लिए आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं। कैंप में अधिकारी आपकी मदद के लिए मौजूद हैं। आपको बस अपने आधार कार्ड, जमीन के कागजात और मोबाइल नंबर साथ ले जाना है। वहाँ e-KYC होगी, जिसमें आधार से आपकी पहचान चेक की जाएगी। इसके बाद पटवारी आपके जमीन के रिकॉर्ड को वेरिफाई करेंगे। सब ठीक रहा, तो आपको एक यूनिक फार्मर आईडी मिल जाएगी। अगर कैंप तक नहीं जा सकते, तो डोर-टू-डोर टीम आपके घर आएगी। बस अपने कागजात तैयार रखिए।

फार्मर आईडी के फायदे

ये फार्मर रजिस्ट्री सिर्फ कागजी काम नहीं, बल्कि आपके लिए ढेर सारे फायदों का रास्ता है। इससे पीएम-किसान की 6,000 रुपये सालाना मदद सीधे आपके खाते में आएगी। फसल खराब हो जाए, तो मुआवजा मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड से सस्ता लोन ले सकते हैं। साथ ही, बीज, खाद और दूसरी सरकारी मदद भी आसानी से मिलेगी। गाँव में कई किसान भाई इस आईडी की वजह से पहले ही फायदा उठा रहे हैं। आप भी इसमें शामिल हो जाइए, ताकि सरकार की हर योजना का लाभ आपके दरवाजे तक पहुँचे।

सिरोही जिला क्यों है आगे

सिरोही ने इस योजना में शानदार काम किया है। 65,965 में से 54,069 किसानों का पंजीयन हो चुका है, जो पूरे राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा है। ये जिला कलक्टर और उनकी टीम की मेहनत का नतीजा है। अब बचे हुए 11,896 किसानों को जोड़ने के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन चलाया जा रहा है। गाँव-गाँव में कमेटियाँ बनाई गई हैं, जो ये सुनिश्चित करेंगी कि हर किसान का नाम इस रजिस्ट्री में जुड़ जाए।

अभी करवाइए पंजीयन, वरना होगा नुकसान

अगर आपने अभी तक फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाई, तो जल्दी कीजिए। 31 मार्च तक का वक्त है, उसके बाद बिना आईडी के आप सरकारी योजनाओं से वंचित रह सकते हैं। अपने नजदीकी कैंप में जाइए या डोर-टू-डोर टीम का इंतजार कीजिए। ये छोटा सा कदम आपकी खेती को बड़ा फायदा देगा। गाँव के किसान भाइयों, ये मौका हाथ से न जाने दीजिए, अपनी फार्मर आईडी बनवाइए और सरकार की हर मदद को हासिल कीजिए।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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