गेंदे की खेती पर किसानों को मिल रही 50 फीसदी तक की सब्सिडी, यहां से करें अप्लाई

जिले के किसानों के लिए अच्छी खबर है। राज्य स्कीम गेंदा फूल विकास योजना के तहत 25 हेक्टेयर में गेंदा फूल की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना में किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान और माल वाहक वाहन खरीदने पर सब्सिडी दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। माँ मुंडेश्वरी मंदिर के पास बनारस के बाजार में गेंदा फूल की साल भर मांग को देखते हुए यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान

सहायक निदेशक उद्यान डॉ. अभय कुमार गौरव ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में 25 हेक्टेयर में गेंदा फूल की खेती का लक्ष्य रखा गया है। प्रति हेक्टेयर खेती की लागत 80,000 रुपये है, जिसमें से 50 प्रतिशत यानी 40,000 रुपये अनुदान के रूप में दिए जाएंगे। किसान न्यूनतम 25 डिसमिल और अधिकतम 4 हेक्टेयर तक की खेती के लिए यह अनुदान ले सकते हैं। योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। डॉ. गौरव ने कहा कि गेंदा फूल की खेती से किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

माल वाहक वाहन पर भी सब्सिडी

किसानों को फूलों को बाजार तक पहुँचाने में आसानी हो, इसके लिए माल वाहक वाहन खरीदने पर भी अनुदान की सुविधा दी जा रही है। सहायक निदेशक ने बताया कि यह सुविधा छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी। बनारस के बाजार में गेंदा फूल की मांग पूरे साल रहती है, और वाहन सुविधा से किसान अपने फूल समय पर बेच सकेंगे। अनुदान की पूरी जानकारी उद्यान विभाग के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।

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रैयत और गैर-रैयत किसानों के लिए समान अवसर

यह योजना रैयत और गैर-रैयत दोनों तरह के किसानों के लिए खुली है। सह निदेशक ने बताया कि किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। जिले में पिछले कुछ सालों से पारंपरिक खेती की जगह फूल, फल, और सब्जी की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। गेंदा फूल की खेती कम लागत और अधिक मुनाफे के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है। इस योजना से गाँव के किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उद्यान विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए आधार कार्ड, खेत के दस्तावेज, बैंक खाता विवरण, और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज जरूरी हैं। आवेदन के बाद प्रखंड स्तर पर दस्तावेजों का सत्यापन होगा, और जिला स्तर से अनुदान की राशि जारी की जाएगी। किसानों को सलाह दी गई है कि वे आवेदन प्रक्रिया और अंतिम तारीख की जानकारी के लिए नजदीकी उद्यान कार्यालय से संपर्क करें।

खेती की तैयारी और उर्वरक

गेंदा फूल की खेती के लिए दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली जमीन उपयुक्त है। मिट्टी का पीएच मान 7.0-7.6 होना चाहिए। खेत की तैयारी के लिए गहरी जुताई करें और 15-20 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर डालें। उर्वरक के लिए 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फॉस्फोरस, और 80 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर डालें। नाइट्रोजन को तीन हिस्सों में बाँटकर रोपाई के समय, 30 दिन बाद, और 45 दिन बाद डालें। गर्मी में जनवरी-फरवरी, बरसात में मई-जून, और सर्दी में सितंबर-अक्टूबर में बुवाई करें। बीज को फफूंदनाशक (थायरम या बाविस्टिन) से उपचारित करें। प्रति हेक्टेयर 200-250 ग्राम बीज पर्याप्त हैं।

किसानों के लिए सुझाव

किसानों को गेंदा फूल की खेती शुरू करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। प्रमाणित बीज नजदीकी उद्यान केंद्र से खरीदें। पूसा नारंगी, पूसा बसंती, या संकर किस्में जैसे इंका और डिस्कवरी चुनें, जो अधिक उपज देती हैं। खेत में ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें, ताकि पानी की बचत हो। नियमित निराई-गुड़ाई और कीट नियंत्रण के लिए नीम तेल का छिड़काव करें। योजना का लाभ लेने के लिए जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन करें। नजदीकी उद्यान कार्यालय या कृषि सलाहकार से खेती और अनुदान की पूरी जानकारी लें।

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  • Shashikant

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