अब किसान घर बैठे मिनटों में लें कृषि लोन! KCC डिजिटल पोर्टल तैयार, जानिए पूरी डिटेल

किसानों के लिए अब खेती में पैसों की तंगी कोई बड़ी मुश्किल नहीं रहने वाली। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने चेन्नई की कंपनी 24X7 मनीवर्क्स के साथ मिलकर एक नया ई-किसान क्रेडिट पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल का मकसद है किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) धारकों को तेजी से और आसानी से लोन देना। ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के लिए खास तौर पर बनाया गया ये पोर्टल किसानों को बैंक के चक्कर काटने और कागजी झंझटों से मुक्ति दिलाएगा।

घर बैठे लोन की सुविधा

अब तक किसानों को लोन लेने के लिए बार-बार बैंक जाना पड़ता था। कागजात जमा करने से लेकर मंजूरी तक, कई हफ्तों का इंतज़ार करना पड़ता था। लेकिन इस नए पोर्टल ने लोन की प्रक्रिया को पूरी तरह बदल दिया है। अब किसान घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। आधार कार्ड और कुछ ज़रूरी कागजात के साथ आवेदन करना आसान है। पोर्टल में आधार वेरिफिकेशन, ई-केवाईसी, और ई-साइन की सुविधा है, जिससे लोन की प्रक्रिया तेज हो गई है। नाबार्ड का कहना है कि इससे समय की बचत होगी और किसानों को खेती के लिए सही समय पर पैसा मिलेगा।

छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट

नाबार्ड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सूद ने बताया कि ई-किसान क्रेडिट पोर्टल को अभी छह राज्यों में टेस्ट किया जा रहा है। ये एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसके अच्छे नतीजे आने के बाद इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। इस पोर्टल की खास बात ये है कि ये रिजर्व बैंक के इनोवेशन हब से डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को जोड़ता है। इससे खेत के कागजात चेक करने में देरी नहीं होती, और लोन जल्दी मंजूर हो जाता है। गाँव के किसानों का कहना है कि पहले लोन के लिए महीने भर इंतज़ार करना पड़ता था, लेकिन अब ये पोर्टल उनकी राह आसान कर रहा है।

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पुरानी प्रक्रिया की थीं दिक्कतें

पहले लोन लेना किसानों के लिए किसी इम्तिहान से कम नहीं था। कागजात इकट्ठा करने से लेकर बैंक की लंबी प्रक्रिया तक, सब कुछ मुश्किल था। कई बार बैंक वाले नए कागजात माँग लेते थे, और लोन मंजूरी में 3-4 हफ्ते लग जाते थे। गाँव के कई किसानों ने शिकायत की कि खेत का काम छोड़कर बैंक के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन ई-किसान क्रेडिट पोर्टल ने इन दिक्कतों को दूर कर दिया है। ये पोर्टल ग्रामीण बैंकों को डिजिटल ताकत दे रहा है, ताकि वो तेजी से लोन दे सकें। नाबार्ड की कोशिश है कि हर किसान को बिना परेशानी के पैसा मिले।

सस्ता लोन

देश में करीब 8 करोड़ लोग किसान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें मछली पालन और पशुपालन करने वाले किसान भी शामिल हैं। इस पोर्टल के ज़रिए बीज, खाद, कीटनाशक, और खेती की दूसरी ज़रूरतों के लिए लोन आसानी से मिलेगा। सरकार की योजना के तहत 3 लाख रुपये तक का लोन 7% ब्याज पर मिलता है। अगर समय पर लोन चुकाया जाए, तो ब्याज घटकर 4% तक हो जाता है। खास बात ये है कि 2026 से लोन की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को ज़्यादा रकम कम ब्याज पर मिलेगी, जो खेती को और मुनाफे वाला बनाएगा।

छोटे किसानों के लिए वरदान

नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने कहा कि ये पोर्टल छोटे और सीमांत किसानों के लिए गेम-चेंजर है। पहले बैंक की जटिल प्रक्रियाओं से छोटे किसान डरते थे, लेकिन अब ये पोर्टल लोन को आसान और पारदर्शी बना रहा है। जल्द ही इस पोर्टल में डेयरी और मछली पालन के लिए खास लोन प्रोडक्ट्स भी शामिल होंगे। साथ ही, ये कृषि मंत्रालय के किसान लोन पोर्टल से जुड़ेगा, जिससे ब्याज सब्सिडी अपने आप मिलेगी। इससे गाँव के छोटे किसानों को खेती में नई ताकत मिलेगी।

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  • Shashikant

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