खेती-किसानी में हमारे किसान भाई हमेशा कुछ नया सोचते हैं। उत्तर प्रदेश के जरवल ब्लॉक की ग्राम सभा चहलार में कुछ किसानों ने ऐसा ही कमाल किया है। यहाँ के किसान राम सेवक और रामतेज ने खेत की मेड़ों को खाली न छोड़कर उन पर फलों की खेती शुरू की है। साथ ही खेत के बीच में सब्जियाँ उगा रहे हैं। इस मिश्रित खेती के तरीके से उनकी कमाई दोगुनी हो गई है। आइए, जानते हैं कि उन्होंने ये कैसे किया और आप भी इसे कैसे आजमा सकते हैं।
मेड़ों पर फलों की खेती का देसी नुस्खा
राम सेवक और रामतेज ने अपने खेतों की मेड़ों को खाली नहीं छोड़ा। उन्होंने मेड़ों पर आम, नींबू और केले के पौधे लगाए। ये पौधे अब बड़े होकर फल देने लगे हैं। दशहरी आम के पेड़ों पर रसीले फल लटक रहे हैं, नींबू के पेड़ों पर भी खूब फल आए हैं। केले के पौधों में भी जल्द ही फल आने वाले हैं। खास बात ये है कि इन पेड़ों की देखभाल के लिए उन्हें ज्यादा मेहनत या खर्च नहीं करना पड़ता। खेत में दी जाने वाली खाद और पानी ही इन पेड़ों के लिए काफी है। इससे उनकी लागत कम रहती है और मुनाफा ज्यादा होता है।
खेत में भिंडी की खेती से मोटी कमाई
मेड़ों पर फल उगाने के साथ-साथ ये किसान खेत के बीच वाले हिस्से में भिंडी की खेती कर रहे हैं। इस समय भिंडी की तुड़ाई जोर-शोर से चल रही है और बाजार में 40 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है। भिंडी की फसल जल्दी तैयार होती है और इसे बेचने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती। स्थानीय बाजारों में इसकी अच्छी माँग रहती है। राम सेवक बताते हैं कि भिंडी की खेती से हर सीजन में उन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है, और ऊपर से मेड़ों के फल अलग से कमाई करा देते हैं।
मिश्रित खेती के फायदे
पिछले पाँच साल से राम सेवक और रामतेज इस मिश्रित खेती के तरीके को अपना रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरीके से न सिर्फ उनकी कमाई बढ़ी है, बल्कि खेत की मिट्टी भी स्वस्थ रहती है। मेड़ों पर लगे पेड़ों की जड़ें मिट्टी को मजबूत रखती हैं, जिससे बारिश में मिट्टी का कटाव कम होता है। साथ ही, फलों और सब्जियों की बिक्री से साल भर कमाई होती रहती है। अगर एक फसल का दाम कम भी मिले, तो दूसरी फसल उसकी भरपाई कर देती है। ये तरीका कम जोखिम वाला है और छोटे किसानों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
आप भी आजमाएँ ये तरीका
राम सेवक और रामतेज का ये तरीका इतना आसान है कि कोई भी किसान इसे अपने खेत में आजमा सकता है। अगर आपके खेत की मेड़ें खाली पड़ी हैं, तो उन पर आम, नींबू, अमरूद या केले जैसे फलदार पेड़ लगा सकते हैं। ये पेड़ एक बार लगाने के बाद सालों तक फल देते हैं। साथ ही, खेत में ऐसी सब्जियाँ उगाएँ, जिनकी बाजार में अच्छी माँग हो, जैसे भिंडी, बैंगन या टमाटर। रामतेज सलाह देते हैं कि शुरू में छोटे स्तर पर इस तरीके को आजमाएँ और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएँ। इससे आपको अनुभव मिलेगा और नुकसान का डर भी नहीं रहेगा।
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