उत्तर प्रदेश में खेती अब और आसान हो रही है। राज्य सरकार ने 62 जिलों के किसानों को 450 कंबाइन हार्वेस्टर बाँटे हैं, जो फसल कटाई को तेज और नुकसान को कम करने में बड़ा सहारा बन रहे हैं। यह मशीन एक साथ फसल काटने, गहाई करने और अनाज को साफ करने का काम करती है। इससे न सिर्फ किसानों का समय बचता है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बनी रहती है। गाँव के किसानों के लिए यह पहल मेहनत को कम करने और कमाई को बढ़ाने का सुनहरा मौका है।
फसल कटाई में समय और नुकसान की बचत
पहले फसल कटाई में कई दिन लगते थे। मजदूरों से काम करवाने में मेहनत और खर्च दोनों ज्यादा होते थे। बारिश या मौसम की मार से फसल खराब होने का डर भी रहता था। कंबाइन हार्वेस्टर ने इस मुश्किल को आसान कर दिया है। यह मशीन तेजी से काम करती है और अनाज को बिना नुकसान के साफ करती है। इससे फसल की गुणवत्ता बनी रहती है और बाजार में अच्छा दाम मिलता है। यह तकनीक छोटे और बड़े दोनों तरह के किसानों के लिए फायदेमंद है।
इन जिलों को मिला बड़ा फायदा
इस योजना से उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसानों को बड़ी राहत मिली है। बरेली को सबसे ज्यादा 46 हार्वेस्टर मिले हैं। महराजगंज और फतेहपुर को 31-31, रामपुर को 27, पीलीभीत को 19, संत कबीर नगर को 18, हरदोई और उन्नाव को 16-16, शाहजहांपुर और लखीमपुर खीरी को 15-15, झांसी को 11, और अमेठी व प्रतापगढ़ को 10-10 हार्वेस्टर बाँटे गए हैं। इन जिलों के किसानों को अब फसल कटाई में कम मेहनत और कम समय लगेगा। इससे उनकी फसल जल्दी बाजार तक पहुँचेगी और मुनाफा बढ़ेगा।
ये भी पढ़ें- ‘मेघदूत ऐप’ क्यों है किसानों का सबसे बड़ा साथी? खूबियां जानकर आप भी करेंगे डाउनलोड
महिला किसान दिखा रहीं नया जोश
इस पहल की सबसे खास बात है कि गाँव की महिलाएँ भी कंधे से कंधा मिलाकर खेती में नया जोश दिखा रही हैं। सिद्धार्थनगर, अमेठी, बस्ती, चित्रकूट, गोरखपुर, झांसी, कन्नौज, और कानपुर देहात जैसे 15 जिलों में 26 महिला किसानों ने कंबाइन हार्वेस्टर चलाने और प्रबंधन की जिम्मेदारी ली है। ये महिलाएँ न सिर्फ खेती कर रही हैं, बल्कि आधुनिक मशीनों की सक्षम संचालक भी बन रही हैं। सरकार की योजनाएँ, जैसे आत्मनिर्भर कृषक योजना, समन्वित कृषि विकास योजना, और कृषि अवसंरचना कोष, इन महिलाओं को ट्रेनिंग और आर्थिक मदद दे रही हैं। इससे गाँव की महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं।
कंबाइन हार्वेस्टर जैसी आधुनिक मशीनें खेती को और आसान बना रही हैं। ये मशीनें न सिर्फ समय और मेहनत बचाती हैं, बल्कि फसल के नुकसान को भी कम करती हैं। इससे किसानों को बाजार में अच्छी कीमत मिलती है और उनकी आय बढ़ती है। सरकार की योजनाएँ, जैसे राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, किसानों को ऐसी मशीनें लेने के लिए सब्सिडी दे रही हैं। किसान अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और इन योजनाओं का लाभ उठाएँ। यह पहल उत्तर प्रदेश के गाँवों को समृद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करना चाहिए। वहाँ से कंबाइन हार्वेस्टर की ट्रेनिंग और सब्सिडी की जानकारी मिलेगी। मशीन को सही रखरखाव के साथ इस्तेमाल करें, ताकि यह लंबे समय तक काम करे। छोटे किसान किराए पर भी ऐसी मशीनें ले सकते हैं। इससे खेती का काम आसान होगा और मुनाफा बढ़ेगा।