यूपी के इस जिले में प्लम की खेती से किसानों की किस्मत चमकी, कम ज़मीन में हो रहा तगड़ा मुनाफा

Plum Farming: लखीमपुर खीरी, जिसे कभी “चीनी का कटोरा” कहा जाता था, आज खेती की नई राह पर आगे बढ़ रहा है। जहां पहले ज्यादातर किसान गन्ने की खेती पर निर्भर थे, वहीं अब उन्होंने बागवानी को अपनाना शुरू कर दिया है। आलू बुखारा यानी अलूचा की खेती यहां के किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। यह फल स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए फायदेमंद भी है और किसानों की जेब को भी भर रहा है।

बागवानी की ओर किसानों का रुख

कुछ साल पहले तक यहां के 80 फीसदी किसान केवल गन्ना बोते थे, लेकिन अब समय बदल रहा है। किसान समझ चुके हैं कि बागवानी से कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। खासकर आलू बुखारा की खेती ने किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी है। पहले यह फल कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे ठंडे इलाकों तक ही सीमित था, लेकिन लखीमपुर की मिट्टी और जलवायु ने भी इसे अपना लिया है।

यूपी के इस जिले में प्लम की खेती से किसानों की किस्मत चमकी, कम ज़मीन में हो रहा तगड़ा मुनाफा

बांकेगंज क्षेत्र के किसान धीरेंद्र मौर्य बताते हैं कि आलू बुखारा लगाने के बाद सिर्फ दो साल में ही पेड़ फूल और फल देने लगते हैं। फरवरी-मार्च में इन पर फूल आते हैं और जून से अगस्त तक फल बाजार के लिए तैयार हो जाते हैं। इसका आकार लीची जैसा होता है, छिलका बैंगनी और गूदा पीला होता है, जो स्वाद में खट्टा-मीठा होता है।

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बाजार में बढ़ती मांग

आलू बुखारा का सीजन आम से पहले आता है, इस वजह से किसानों को अच्छे दाम मिलते हैं। सुपरमार्केट में इसकी कीमत 150 से 200 रुपये किलो तक रहती है, जबकि स्थानीय मंडियों में भी भाव ठीक-ठाक मिल जाते हैं। इस फल में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन A, C और K के साथ कैल्शियम और फॉस्फोरस पाए जाते हैं। यही वजह है कि इसे लोग “एंटी-कैंसर फल” भी कहते हैं।

यूपी के इस जिले में प्लम की खेती से किसानों की किस्मत चमकी, कम ज़मीन में हो रहा तगड़ा मुनाफा

कम लागत, लंबे समय तक फायदा

आलू बुखारा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बीमारियों का खतरा बहुत कम होता है और एक बार पेड़ लगाने पर यह 20 से 25 साल तक लगातार फल देता रहता है। शुरुआती सालों में थोड़ी देखभाल और खाद-पानी की जरूरत होती है, लेकिन बाद में यह पेड़ हर साल फल देकर किसानों की आय को स्थायी रूप से बढ़ाता है। छोटे किसानों के लिए भी यह फसल बेहतर है, क्योंकि इसे सीमित जगह में भी उगाया जा सकता है।

खेती की नई दिशा

लखीमपुर खीरी के किसानों ने साबित कर दिया है कि खेती में बदलाव अपनाने से आमदनी बढ़ती है और जीवन स्तर सुधरता है। गन्ने के साथ-साथ आलू बुखारा की बागवानी किसानों के लिए कमाई का नया रास्ता खोल रही है। यदि आप भी खेती से अधिक मुनाफा पाना चाहते हैं, तो आलू बुखारा का बगीचा लगाना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। यह न केवल आपकी आमदनी बढ़ाएगा बल्कि आपके खेत को भी नई पहचान देगा।

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  • Shashikant

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