विश्व दूध दिवस 2025 पर करनाल के राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) ने बकरी के दूध से बने अनोखे प्रोडक्ट्स के साथ सबका ध्यान खींचा है। NDRI के वैज्ञानिकों ने बकरी के दूध से ऐसे डेयरी प्रोडक्ट्स बनाए हैं, जो न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि किसानों की जेब भी भर सकते हैं। बकरी का दूध आसानी से पच जाता है, इम्युनिटी बढ़ाता है, और खासकर महिलाओं के हार्मोन संतुलन में मदद करता है। इस बार विश्व दूध दिवस पर NDRI ने बकरी दूध से बने कोटी चीज़, फेटा चीज़, और जोहा राइस मिल्क जैसे नए प्रोडक्ट्स पेश किए।
बकरी दूध के सेहतमंद फायदे
बकरी का दूध गाय या भैंस के दूध से अलग है। ये पचाने में आसान होता है और इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, और विटामिन A जैसे पोषक तत्व भरे होते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये दूध इम्युनिटी को मज़बूत करता है और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए फायदेमंद है। खास बात ये है कि जिन लोगों को गाय का दूध एलर्जी करता है, वे अक्सर बकरी का दूध आसानी से पी सकते हैं। साथ ही, ये महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को ठीक करने में भी मददगार है। NDRI के वैज्ञानिकों ने इन फायदों को देखते हुए बकरी दूध से नए-नए प्रोडक्ट्स बनाए हैं, जो सेहत के साथ-साथ स्वाद में भी लाजवाब हैं।
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NDRI के नए बकरी दूध प्रोडक्ट्स
NDRI के डेयरी टेक्नोलॉजी विभाग ने बकरी दूध से कई अनोखे प्रोडक्ट्स तैयार किए हैं, जो विश्व दूध दिवस 2025 पर प्रदर्शित किए गए। इनमें शामिल हैं:
गोट मिल्क कोटी चीज़: ये एक खास तरह की चीज़ है, जो बाज़ार में आसानी से नहीं मिलती। इसे घर पर बनाना भी मुश्किल है, लेकिन NDRI ने इसे बनाने की तकनीक विकसित की है। ये चीज़ स्वाद में शानदार और सेहत के लिए फायदेमंद है।
गोट मिल्क फेटा चीज़: ये चीज़ हल्की और पौष्टिक है, जो सलाद या दूसरी डिशेज़ में इस्तेमाल हो सकती है। इसका स्वाद और बनावट इसे खास बनाती है।
जोहा राइस मिल्क: ये एक अनोखा प्रोडक्ट है, जिसमें असम के खास जोहा चावल का इस्तेमाल किया गया है। ये न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भी भरपूर है।
इसके अलावा, NDRI ने बकरी दूध से खीर भी बनाई है, जिसमें जोहा चावल का उपयोग हुआ है। ये खीर सेहत और स्वाद का शानदार मेल है।
किसानों की कमाई का नया रास्ता
NDRI के निदेशक डॉ. धीर सिंह ने बताया कि उनका मकसद सिर्फ सेहतमंद प्रोडक्ट्स बनाना नहीं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाना भी है। बकरी का दूध भले ही कम मात्रा में मिलता हो (कुल दूध का 4-5%), लेकिन इसकी गुणवत्ता गाय-भैंस के दूध से कहीं बेहतर है। NDRI इन प्रोडक्ट्स को बाज़ार तक ले जाने के लिए उद्यमियों के साथ काम कर रहा है। इससे बकरी पालने वाले किसानों को नया बाज़ार मिलेगा और उनकी कमाई बढ़ेगी। खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए ये बड़ा मौका है, क्योंकि बकरी पालन में लागत कम और मुनाफा ज़्यादा है। मिसाल के तौर पर, बकरी दूध से बनी चीज़ और खीर जैसे प्रोडक्ट्स की माँग बढ़ने से किसानों को अच्छा दाम मिलेगा।
महिलाओं के लिए खास फायदे
NDRI की वैज्ञानिक डॉ. संगीता गांगुली ने बताया कि बकरी दूध से बने प्रोडक्ट्स महिलाओं के लिए खास तौर पर फायदेमंद हैं। ये हार्मोनल संतुलन को ठीक करने में मदद करते हैं, जो महिलाओं की सेहत के लिए बड़ा फायदा है। साथ ही, बकरी दूध में मौजूद विटामिन A और दूसरे पोषक तत्व इम्युनिटी बढ़ाने और त्वचा को स्वस्थ रखने में भी कारगर हैं। इन प्रोडक्ट्स की माँग बढ़ने से न सिर्फ किसान, बल्कि महिला उद्यमी भी डेयरी कारोबार में आगे आ सकती हैं। सरकार की डेयरी उद्यमिता योजनाएँ, जैसे डेयरी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम, ऐसी महिलाओं को लोन और ट्रेनिंग दे रही हैं।
NDRI की इस पहल से बकरी पालन को बढ़ावा मिलेगा, जो छोटे किसानों और ग्रामीण इलाकों के लिए बड़ा वरदान है। बकरी पालना आसान है और इसके लिए बड़ी ज़मीन या ज़्यादा लागत की ज़रूरत नहीं। साथ ही, बकरी दूध से बने प्रोडक्ट्स की माँग बढ़ने से किसानों को स्थिर आय मिलेगी। NDRI उद्यमियों के साथ मिलकर इन प्रोडक्ट्स को बाज़ार में लाने की योजना बना रहा है।
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