बिहार के अरवल जिले के किसान भाइयों के लिए खुशखबरी है! अब धान, गेहूं और मक्का के साथ-साथ बागवानी फसलों से भी अच्छी कमाई का रास्ता खुल रहा है। बिहार सरकार की खास योजना के तहत अरवल के किसानों को आंवला, अमरूद, बेर और नींबू की खेती के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। यह योजना न सिर्फ़ खेतों को हरा-भरा बनाएगी, बल्कि किसानों की जेब भी भरेगी। सरकार ने इसके लिए 38 हेक्टेयर जमीन पर बागवानी का लक्ष्य रखा है, जिसमें हर हेक्टेयर पर एक लाख रुपये की लागत का आधा हिस्सा यानी 50 हजार रुपये सब्सिडी के रूप में मिलेगा।
सब्सिडी कैसे मिलेगी
इस योजना में सब्सिडी दो हिस्सों में दी जाएगी, ताकि किसानों को खेती शुरू करने में आसानी हो। पहली बार में 30 हजार रुपये की पहली किस्त मिलेगी, और बाद में 20 हजार रुपये की दूसरी किस्त। यह रकम सीधे किसानों के खाते में आएगी। सरकार का मकसद है कि किसान बागवानी की तरफ बढ़ें और अपनी आमदनी को दोगुना करें। साथ ही, यह योजना गाँव की मिट्टी को और उपजाऊ बनाने में भी मदद करेगी।
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किन फसलों की खेती होगी?
अरवल में बागवानी को बढ़ाने के लिए सरकार ने खास फसलों को चुना है। कुल 38 हेक्टेयर जमीन पर आंवला, अमरूद, नींबू और एप्पल बेर की खेती होगी। इसमें 8 हेक्टेयर पर आंवला, 10 हेक्टेयर पर एप्पल बेर, 10 हेक्टेयर पर नींबू और 10 हेक्टेयर पर अमरूद की खेती का प्लान है। इन फसलों के लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान पर पौधे भी देगी, ताकि किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकें। हर किसान इस योजना के तहत अधिकतम 2 हेक्टेयर जमीन पर खेती के लिए लाभ ले सकता है।
आवेदन कैसे करें?
इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। बस बिहार सरकार के DBT पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन का नियम है “पहले आओ, पहले पाओ”, यानी जो पहले आवेदन करेगा, उसे पहले लाभ मिलेगा। अच्छी बात यह है कि इस योजना में रैयत और गैर-रैयत दोनों तरह के किसान हिस्सा ले सकते हैं। बस अपने कागज़ात तैयार रखें और पोर्टल पर रजिस्टर करें।
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किसानों की जिंदगी में आएगा बदलाव
बागवानी की यह योजना सिर्फ़ पैसे कमाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह किसानों की सेहत और खेतों की सेहत को भी बेहतर बनाएगी। आंवला और नींबू जैसी फसलें न सिर्फ़ बाज़ार में अच्छा दाम लाती हैं, बल्कि ये पौष्टिक भी हैं। इससे गाँव में नई तरह की खेती को बढ़ावा मिलेगा और अरवल के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे।
अरवल के जिला उद्यान कार्यालय के सहायक निदेशक रूपेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद है कि अरवल के किसान नई खेती अपनाएँ और अपनी कमाई बढ़ाएँ। उद्यान विभाग हर कदम पर किसानों की मदद करेगा।” उनके इस बयान से साफ है कि सरकार और अधिकारी पूरी तरह से किसानों के साथ हैं।
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