किसानों को मिलेगा सालाना 35,000 रुपए का लाभ, उप राष्ट्रपति ने किया योजना का खुलासा

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में 26 मई 2025 को आयोजित कृषि उद्योग समागम 2025 में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों की जिंदगी बदलने वाला फॉर्मूला दिया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की सारी सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जाए, तो हर किसान को सालाना कम से कम 35,000 रुपये मिल सकते हैं। इस तीन दिवसीय समागम में उप राष्ट्रपति ने किसानों को “एग्रीप्रेन्योर” बनने का मंत्र भी दिया, ताकि खेती न सिर्फ आजीविका का साधन बने, बल्कि मुनाफे का धंधा भी।

कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, और कई मंत्री, सांसद, उद्योगपति व किसान मौजूद थे। उप राष्ट्रपति ने 116 करोड़ रुपये की लागत वाले 86 विकास कार्यों का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया। आइए, इस खबर की पूरी डिटेल जानते हैं।

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सीधी सब्सिडी से 35,000 रुपये का फायदा

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत में किसानों को खाद, बीज, और अन्य योजनाओं के लिए भारी सब्सिडी दी जाती है, लेकिन ये ज्यादातर अप्रत्यक्ष होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर ये सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जाए, जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 6000 रुपये, तो हर किसान को सालाना 35,000 रुपये तक मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका जैसे देशों में किसान परिवारों की आय सामान्य परिवारों से ज्यादा है, क्योंकि वहाँ सरकारी मदद सीधे खातों में जाती है।

धनखड़ ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से इस पर शोध करने और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो। उन्होंने कहा कि देश के 10 करोड़ किसानों को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 3 लाख 46 हजार करोड़ रुपये मिल चुके हैं। ये सीधी मदद किसानों की आर्थिक ताकत बढ़ा रही है, और बाकी सब्सिडी भी ऐसे ही दी जानी चाहिए।

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खेती को बनाएं धंधा

उप राष्ट्रपति ने किसानों से सिर्फ खेती तक सीमित न रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसानों को “एग्रीप्रेन्योर” बनना होगा, यानी खेती को उद्यम की तरह लेना होगा। इसके लिए उन्हें अपने उत्पादों की मार्केटिंग, वैल्यू एडिशन, और खाद्य प्रसंस्करण पर ध्यान देना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि देश में 730 कृषि विज्ञान केंद्र और ICAR की संस्थाएं किसानों को नई तकनीक और जानकारी दे रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सांसद, विधायक, और बड़े एनजीओ किसी गाँव को गोद लें और वहाँ एग्रीप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दें। इससे गाँव की कायापलट होगी और किसानों की कमाई बढ़ेगी।

नरसिंहपुर की तुअर दाल को “वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट” योजना में शामिल करने की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक ले जाना होगा। धनखड़ ने जोर दिया कि कृषि सिर्फ खेती नहीं, बल्कि उद्योग से जुड़ा एक बड़ा क्षेत्र है, और किसानों की मेहनत से ही भारत 2047 से पहले विकसित राष्ट्र बनेगा।

नई तकनीक नए मौके

नरसिंहपुर में 26 से 28 मई तक चले इस समागम का मकसद कृषि को उद्योग से जोड़ना है। कार्यक्रम में 90 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए, जहाँ ड्रोन, पॉलीहाउस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त उपकरण, जैविक खाद, और स्मार्ट सिंचाई तकनीकों का प्रदर्शन हुआ। उप राष्ट्रपति ने इन स्टॉलों का दौरा किया और किसानों, खासकर ग्रामीण महिलाओं के नवाचारों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ये तकनीकें खेती को आसान और मुनाफेदार बनाएंगी। समागम में उद्योगपतियों को भूमि आवंटन पत्र और आशय पत्र भी दिए गए, ताकि खाद्य प्रसंस्करण और चीनी उद्योग को बढ़ावा मिले।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि नरसिंहपुर की तुअर दाल और प्राकृतिक खेती पूरे देश में मशहूर है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश गेहूं खरीद में देश में दूसरे नंबर पर है, और 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से रिकॉर्ड खरीद हुई है। ये समागम किसानों को नए बाजार और निवेश के मौके देगा।

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  • Rahul Maurya

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और मैंने संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं Krishitak.com का संस्थापक और प्रमुख लेखक हूं। पिछले 3 वर्षों से मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाएं, और ग्रामीण भारत से जुड़े विषयों पर लेखन कर रहा हूं।

    Krishitak.com के माध्यम से मेरा उद्देश्य है कि देशभर के किसानों तक सटीक, व्यावहारिक और नई कृषि जानकारी आसान भाषा में पहुँचे। मेरी कोशिश रहती है कि हर लेख पाठकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी साबित हो, जिससे वे खेती में आधुनिकता और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकें।

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