किसानों के हित में बड़ा फैसला हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कैबिनेट ने खरीफ सीजन 2025 (1 अप्रैल से 30 सितंबर) के लिए फॉस्फेट और पोटाश (P&K) उर्वरकों पर 37,216 करोड़ रुपये की सब्सिडी को हरी झंडी दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) दरें तय कर दी गई हैं, ताकि मिट्टी को सही पोषण मिले और किसानों को सस्ते दाम पर खाद मिले। इससे डीएपी (DAP) का दाम 1,350 रुपये प्रति 50 किलो बैग पर बरकरार रहेगा। सरकार का मकसद ये है कि अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बढ़ने का बोझ किसानों पर न पड़े।
किसानों को कैसे होगा फायदा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा किसानों की चिंता की है। इस सब्सिडी से करोड़ों किसानों को राहत मिलेगी। 37,216.15 करोड़ रुपये की ये रकम उर्वरक कंपनियों को दी जाएगी, ताकि वो सस्ते दाम पर खाद बेच सकें। एनपीकेएस (NPKS) ग्रेड सहित P&K उर्वरकों पर सब्सिडी तय दरों से मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक और कच्चे माल की कीमतें ऊपर-नीचे होती रहती हैं, लेकिन इस सब्सिडी से किसानों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरकार 28 ग्रेड के P&K उर्वरक सस्ते दाम पर दे रही है, जो अप्रैल 2010 से NBS योजना के तहत चल रहा है।
सब्सिडी का पूरा हिसाब
खरीफ 2025 के लिए 37,216 करोड़ रुपये की सब्सिडी का मतलब है कि किसानों को हर हाल में सस्ती खाद मिलेगी। ये पैसा उर्वरक कंपनियों को जाएगा, जो तय और अधिसूचित दरों पर काम करेंगी। इससे खेती की लागत कम रहेगी और फसल अच्छी होगी। सरकार का कहना है कि ये कदम खेती को मजबूत करने और किसानों की जेब बचाने के लिए उठाया गया है।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी
कैबिनेट ने सिर्फ किसानों की ही नहीं, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की भी सुनी। महंगाई भत्ते (DA) में 2% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। इससे DA मूल वेतन/पेंशन का 53% से बढ़कर 55% हो गया है। करीब 48.66 लाख कर्मचारी और 66.55 लाख पेंशनभोगी इससे फायदा उठाएँगे। सालाना 6,614.04 करोड़ रुपये का खर्च सरकार पर आएगा। ये बढ़ोतरी महंगाई से राहत देने के लिए है, ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स की जिंदगी आसान हो।
सरकार ने किसानों और कर्मचारियों, दोनों को सौगात दी है। 37,216 करोड़ की सब्सिडी से खेती चमकेगी, DAP सस्ता रहेगा, और फसल की पैदावार बढ़ेगी। दूसरी तरफ, 2% DA बढ़ने से कर्मचारियों-पेंशनभोगियों की जेब में थोड़ा ज्यादा पैसा आएगा। ये फैसले दिखाते हैं कि सरकार हर वर्ग का ध्यान रख रही है। मेहनत करिए, फायदा पाइए!