Farming Tips: हमारे खेत की मिट्टी हमारी असली ताकत है। अगर मिट्टी स्वस्थ रहेगी, तो फसल भी अच्छी होगी। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी जी कहते हैं कि मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने के लिए गहरी जुताई बहुत जरूरी है। जब हम खेत को अच्छे से जोतते हैं, तो मिट्टी में हवा का आना-जाना बढ़ता है। इससे मिट्टी की बनावट सुधरती है और उसकी ताकत बढ़ती है। गाँव में पुराने जमाने से लोग कहते आए हैं कि मिट्टी को साँस लेने दो, तभी वो हमें भरपूर फसल देगी। तो हर बार फसल की तैयारी से पहले गहरी जुताई जरूर करें।
फसल के अवशेष का सही इस्तेमाल
फसल काटने के बाद जो डंठल और पत्तियाँ बचती हैं, उन्हें जलाने की बजाय खेत में ही मिला दें। ऐसा करने से न तो हवा खराब होगी, न ही धुआँ फैलेगा। साथ ही, मिट्टी में प्राकृतिक ताकत बढ़ेगी। डॉ. त्रिपाठी बताते हैं कि इससे मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ता है, जो रासायनिक खाद की जरूरत को कम करता है। हमारे गाँवों में पहले लोग ऐसा ही करते थे, और आज भी ये तरीका कारगर है। इससे खेत की मिट्टी मजबूत होती है, और हमें बाहर से महंगी खाद खरीदने की जरूरत कम पड़ती है।
खेत का हाल जानें
समय-समय पर मिट्टी की जाँच करवाना भी जरूरी है। ये जाँच बताती है कि हमारे खेत में कौन-सा तत्व कम है और क्या चाहिए। डॉ. त्रिपाठी कहते हैं कि जाँच रिपोर्ट के आधार पर ही खाद डालें, ताकि मिट्टी को वही मिले जो उसकी जरूरत है। गाँव में कई बार हम बिना सोचे खाद डालते रहते हैं, लेकिन सही जानकारी से काम करें तो फसल भी अच्छी होगी और पैसा भी बचेगा। ये छोटा-सा कदम आपकी खेती को बड़ा फायदा दे सकता है।
हरी खाद से मिट्टी को दें ताकत
मिट्टी को तंदुरुस्त रखने का एक और शानदार तरीका है हरी खाद। गेहूँ की फसल काटने के बाद खेत में ढैचा बो दें। अगर ढैचा न हो, तो मूंग या उड़द भी बो सकते हैं। इन फसलों को बड़ा होने दें, फिर हरा-हरा ही खेत में जोत दें। इससे मिट्टी में प्राकृतिक खाद मिलती है, और उसकी उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। गाँव में बुजुर्ग कहते हैं कि हरी खाद मिट्टी का पोषण है, और ये बात बिल्कुल सही है। इससे फसल भी अच्छी होती है और खेत भी खुश रहता है।
मिट्टी का संतुलन बनाए रखें
अगर हम हर बार एक ही फसल बोते रहेंगे, तो मिट्टी थक जाएगी। इसलिए फसल चक्र अपनाना जरूरी है। कभी दलहन जैसे मूंग-चने की बुवाई करें, कभी तिलहन जैसे सरसों, तो कभी दूसरी फसलें लगाएँ। ऐसा करने से मिट्टी के तत्वों का संतुलन बना रहता है, और उसकी ताकत कम नहीं होती। डॉ. त्रिपाठी जी कहते हैं कि ये तरीका मिट्टी को लंबे समय तक उपजाऊ रखता है। हमारे गाँवों में ये पुरानी परंपरा रही है, और आज भी इसका फायदा देखने को मिलता है।
गोबर की खाद मिट्टी का सबसे अच्छा दोस्त
गोबर की सड़ी हुई खाद मिट्टी के लिए सोने जैसी है। इसमें सारे जरूरी तत्व होते हैं, जो मिट्टी को ताकत देते हैं। हर छह महीने में खेत में गोबर की खाद मिलाएँ। अगर आपके पास वर्मी कंपोस्ट हो, तो वो भी डाल सकते हैं। गाँव में लोग कहते हैं कि गोबर डालो, तो मिट्टी खिल उठती है। ये बात बिल्कुल सच है, क्योंकि ये प्राकृतिक तरीके से मिट्टी को पोषण देता है, और फसल भी शानदार होती है।
अपना तजुर्बा: छोटी बातें, बड़ा असर
गाँवों में देखा गया है कि कुछ किसान गोबर की खाद में थोड़ी लकड़ी की राख मिला देते हैं। इससे मिट्टी में और ताकत आती है। साथ ही, फसल चक्र में मूंग बोने से न सिर्फ मिट्टी को फायदा होता है, बल्कि घर के लिए दाल भी निकल आती है। ये छोटे-छोटे नुस्खे हमारे पुरखों से आए हैं, और आज भी काम करते हैं। बस मेहनत और समझदारी से मिट्टी को संभालें, तो वो हमें कभी निराश नहीं करेगी।
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