मध्य प्रदेश के किसान भाइयों के लिए राहत की खबर है। खरीफ 2025 सीजन में यूरिया और डीएपी की किल्लत की शिकायतों के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रियों और अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में खाद की कमी को दूर करने, कालाबाजारी पर रोक लगाने, और किसानों को आसानी से खाद उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े कदमों की घोषणा की गई। सबसे खास बात यह है कि सरकार अब खाद की होम डिलीवरी पर विचार कर रही है, ताकि किसानों को सहकारी समितियों और बिक्री केंद्रों पर लंबी कतारों में न लगना पड़े।
खाद की कालाबाजारी पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि यूरिया और डीएपी जैसी सब्सिडी वाली खाद की कालाबाजारी और अवैध भंडारण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस खरीफ सीजन में नकली और अनियमित खाद के मामलों में 30 FIR दर्ज की गई हैं। साथ ही, 56 लाइसेंस रद्द किए गए, 70 सस्पेंड हुए, और 188 विक्रेताओं पर बिक्री प्रतिबंध लगाया गया है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कालाबाजारी, नकली खाद, और गलत ब्रांडिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। कुछ मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। मुरैना और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में किसानों ने कालाबाजारी और खाद वितरण में भेदभाव की शिकायत की थी, जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया है।
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खाद की होम डिलीवरी का प्लान
किसानों को खाद की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सीएम ने खाद की होम डिलीवरी शुरू करने पर जोर दिया। इससे न सिर्फ किसानों को लंबी लाइनों से राहत मिलेगी, बल्कि सब्सिडी वाली खाद का दुरुपयोग भी रुकेगा। कई बार यूरिया का इस्तेमाल पशु आहार, पोल्ट्री फीड, शराब बनाने, या मिलावटी दूध उत्पादन में होता है। सीएम ने अधिकारियों को ऐसे गलत इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखने और औचक निरीक्षण करने के लिए कहा। खाद की होम डिलीवरी से किसानों को उनके खेतों तक सही समय पर यूरिया और डीएपी मिल सकेगा, जिससे सोयाबीन और मक्का जैसी खरीफ फसलों की बुवाई में मदद मिलेगी।
बिक्री केंद्रों पर अतिरिक्त काउंटर
प्रदेश के कई जिलों, जैसे मुरैना और सागर, में खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें और अव्यवस्था की खबरें आई हैं। किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, और कई बार खाली हाथ लौटना पड़ता है। इसे देखते हुए सीएम ने बिक्री केंद्रों पर अतिरिक्त काउंटर लगाने और वितरण प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए। साथ ही, विपणन संघ और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (PACS) में खाद का भंडारण तय अनुपात में करने को कहा गया। जिला कलेक्टरों को डबल लॉक केंद्रों, निजी बिक्री केंद्रों, और PACS का आकस्मिक निरीक्षण कर भंडारण की जाँच करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। इससे खाद की कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर रोक लगेगी।
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किसानों को रैक की जानकारी दे सरकार
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले सात दिनों में यूरिया और डीएपी की मांग वाले जिलों में आने वाले रैक और वितरण की जानकारी किसानों तक पहुंचाई जाए। इससे किसान भ्रमित नहीं होंगे और उन्हें समय पर खाद मिल सकेगा। खासकर सागर, मुरैना, और छिंदवाड़ा जैसे जिलों में, जहाँ किसानों ने खाद की कमी की शिकायत की है, वहाँ पारदर्शिता जरूरी है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि सहकारी समितियों के जरिए खाद का वितरण सुचारु हो और किसी तरह का भेदभाव न हो।
नैनो यूरिया को बढ़ावा
खाद की कमी को देखते हुए सरकार अब नैनो यूरिया और NPK जैसे विकल्पों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। सीएम ने कहा कि नैनो यूरिया न सिर्फ लागत कम करता है, बल्कि फसलों की पैदावार भी बढ़ाता है। यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है और विदेशी खाद पर निर्भरता कम करता है। किसानों को नैनो यूरिया के फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएँगे। साथ ही, खरीफ और रबी 2024-25 के लिए खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय किया जा रहा है।
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