Fish Vaccines: किसान भाइयों, मत्स्य पालन न केवल आजीविका का साधन है, बल्कि यह खाद्य और पोषण सुरक्षा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार साहू ने हाल ही में भुनेश्वर में बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 मत्स्य पालकों और किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आ रहा है। इस अभियान में फिश वैक्सीन जैसी नई तकनीक को विशेष महत्व दिया गया है, जिसे डॉ. साहू ने मत्स्य पालकों के लिए वरदान बताया है। आइए, इस अभियान और फिश वैक्सीन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 का उद्देश्य
भारत सरकार ने विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 शुरू किया है, जो 29 मई से 12 जून 2025 तक पूरे देश के 700 से अधिक जिलों में चलेगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य खेती और मत्स्य पालन को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना है, ताकि गाँव के किसान और मत्स्य पालक अधिक उत्पादन और मुनाफा कमा सकें। इस दौरान वैज्ञानिक, कृषि अधिकारी, और प्रगतिशील किसान गाँव-गाँव जाकर लगभग 1.5 करोड़ किसानों और मत्स्य पालकों से सीधे बात करेंगे।
यह अभियान लैब में विकसित नई तकनीकों को खेत और तालाब तक पहुँचाने पर केंद्रित है। इसमें मत्स्य पालकों को फिश वैक्सीन, बेहतर प्रजातियों की मछलियाँ, और पानी के प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बाजार तक पहुँचने के तरीकों पर भी सलाह मिलेगी।
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फिश वैक्सीन से होगी मत्स्य पालन में क्रांति
मत्स्य पालन में सबसे बड़ी चुनौती है मछलियों का बीमार होना। जीवाणु रोग जैसे एडवर्ड्सिलोसिस और कॉलमनेरिस मछलियों को नुकसान पहुँचाते हैं, जिससे पालकों का भारी नुकसान होता है। केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान ने ऐसी फिश वैक्सीन विकसित की हैं, जो मछलियों को इन बीमारियों से बचाती हैं। डॉ. साहू के अनुसार, यह वैक्सीन मछलियों को इंजेक्शन या खाने के साथ दी जा सकती है, जिससे वे स्वस्थ रहती हैं और तेजी से बढ़ती हैं।
इस वैक्सीन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे मछलियों का नुकसान कम होगा। स्वस्थ मछलियाँ न केवल उत्पादन बढ़ाएँगी, बल्कि बाजार में उनकी मांग भी ज्यादा होगी, क्योंकि ये शुद्ध और सुरक्षित मानी जाती हैं। साथ ही, जहरीली दवाइयों का उपयोग कम होने से तालाब का पानी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। गाँव के मत्स्य पालकों के लिए यह वैक्सीन लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने का एक शानदार तरीका है।
अभियान से मत्स्य पालकों को लाभ
विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 मत्स्य पालकों के लिए कई अवसर लेकर आ रहा है। इस अभियान के तहत 2,000 से ज्यादा टीमें 65,000 गाँवों में जाएँगी और नई तकनीकों की जानकारी देंगी। मत्स्य पालकों को फिश वैक्सीन के उपयोग, तालाब प्रबंधन, और बेहतर मछली प्रजातियों के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कम पानी में मछली पालन की तकनीकें भी सिखाई जाएँगी।
इस अभियान में मत्स्य पालकों को बाजार तक पहुँचने और अपनी उपज का अच्छा दाम पाने की सलाह दी जाएगी। डॉ. साहू ने बताया कि मत्स्य पालन भारत की अर्थव्यवस्था और पोषण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इस अभियान के जरिए गाँव के मत्स्य पालक अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
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मत्स्य पालकों के लिए उपयोगी सुझाव
फिश वैक्सीन (Fish Vaccines) और अभियान के अलावा, गाँव के मत्स्य पालक कुछ आसान तरीकों से अपने तालाबों को बेहतर बना सकते हैं। तालाब का पानी साफ रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि गंदा पानी मछलियों को बीमार करता है। समय-समय पर पानी की जाँच करें और जरूरत पड़ने पर उसे बदलें। रोहू, कतला, और मृगल जैसी देसी मछलियाँ पालें, जो हमारे मौसम और पानी के लिए उपयुक्त हैं। मछलियों को केमिकल खाना देने के बजाय, चावल की भूसी, सरसों की खल, और हरी घास से बना प्राकृतिक खाना दें।
सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएँ
भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) मत्स्य पालकों के लिए कई तरह की मदद देती हैं। इन योजनाओं के तहत तालाब बनाने, फिश वैक्सीन खरीदने, और बाजार तक पहुँचने के लिए आर्थिक सहायता और सलाह मिलती है। अपने नजदीकी मत्स्य विभाग या कृषि कार्यालय में संपर्क करें। विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान वैज्ञानिक और विशेषज्ञ आपके गाँव आएँगे, उनसे मिलकर नई तकनीकों के बारे में जरूर पूछें।
अंत में यह भी जानें
विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 और फिश वैक्सीन मत्स्य पालकों के लिए एक नई राह खोल रहे हैं। डॉ. प्रमोद कुमार साहू का कहना है कि ये वैक्सीन मछलियों को बीमारियों से बचाएगी और उत्पादन बढ़ाएगी। गाँव के मत्स्य पालक इस अभियान में शामिल होकर नई तकनीकें सीखें और अपने तालाबों को मुनाफे का स्रोत बनाएँ। अगर आपके मन में कोई सवाल है, तो अपने गाँव के मत्स्य पालकों से चर्चा करें या हमें लिखें।
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