NADCP टीकाकरण से बदलेगी पशुपालन की तस्वीर, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

भारत, जहाँ पशुपालन लाखों परिवारों की आजीविका का आधार है, अब फुट एंड माउथ डिजीज (FMD) से मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह संक्रामक रोग गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर जैसे खुर वाले पशुओं को प्रभावित करता है, जिससे दूध उत्पादन घटता है, वृद्धि रुकती है, और बछड़ों की संख्या कम होती है। इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी पर असर पड़ता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में व्यापार भी प्रभावित होता है। लेकिन चिंता की बात नहीं, क्योंकि पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार ने नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NADCP) के तहत मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू किया है।

NADC, FMD को हराने का प्लान

NADCP को 2019 में माननीय प्रधानमंत्री ने लॉन्च किया था, जिसका लक्ष्य 2025 तक FMD को नियंत्रित करना और 2030 तक इसे पूरी तरह खत्म करना है। इस योजना के तहत देश के 100% संवेदनशील पशुओं गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर का हर छह महीने में टीकाकरण किया जा रहा है। इसके लिए 13,343 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जो पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। टीकाकरण से पशु स्वस्थ रहते हैं, दूध उत्पादन बढ़ता है, और किसानों की आय में इजाफा होता है। हाल के अपडेट्स के अनुसार, लाखों पशुओं को टीका लगाया जा चुका है, और यह संख्या बढ़ती जा रही है।

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टीकाकरण के फायदे और प्रक्रिया

FMD मुक्त पशु न सिर्फ बीमारी से सुरक्षित रहते हैं, बल्कि उनकी उत्पादकता भी बढ़ती है। टीका लगवाने से दूध की मात्रा में 10-15% तक वृद्धि देखी गई है, जो छोटे पशुपालकों के लिए बड़ी राहत है। इसके अलावा, यह रोग निर्यात बाजार में बाधा बनने से रोकता है, जिससे मांस और डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ सकती है। टीकाकरण प्रक्रिया में पशुओं की कान में टैगिंग की जाती है, डेटा ऑनलाइन रिकॉर्ड होता है, और मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाता है। अभियान के तहत कोल्ड चेन (रेफ्रिजरेटर और वैक्सीन कैरियर) की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वैक्सीन की गुणवत्ता बनी रहे। यह प्रक्रिया सुरक्षित और आसान है, जिसे पशु चिकित्सक की देखरेख में पूरा किया जाता है।

पशुपालकों की जिम्मेदारी

हालांकि सरकार ने सारी व्यवस्था की है, पशुपालकों का सहयोग भी जरूरी है। टीकाकरण के लिए अपने पशुओं को पशु चिकित्सक के पास ले जाएँ और निर्धारित समय पर दोबारा टीका लगवाएँ। अगर कोई पशु बीमार दिखे, तो तुरंत रिपोर्ट करें और उसे अलग रखें, ताकि रोग न फैले। स्वच्छता और बायो-सिक्योरिटी जैसे कदम जैसे पशुशाला की नियमित सफाई और नए पशुओं की जांच भी अपनाएँ। इससे न सिर्फ आपके पशु सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आपकी मेहनत का फल भी बढ़ेगा। सरकार की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें पशुपालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

NADCP के तहत देश के कई राज्यों में टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। आठ राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, और गुजरात में FMD मुक्त जोन बनाने की योजना है, जहाँ उन्नत टीकाकरण चल रहा है। इससे पशु उत्पादों के निर्यात में वृद्धि की उम्मीद है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, 24 करोड़ से ज्यादा गाय और भैंसों का टीकाकरण हो चुका है, और यह संख्या 2025 तक और बढ़ेगी। लद्दाख और नागालैंड जैसे क्षेत्रों में भी तीसरे चरण का टीकाकरण शुरू हो गया है, जो इस अभियान की व्यापकता दिखाता है।

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भविष्य की संभावनाएँ

FMD को नियंत्रित करने से भारत का पशुपालन उद्योग नई ऊँचाइयों को छू सकता है। स्वस्थ पशु ज्यादा दूध और मांस देंगे, जिससे किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत का डेयरी और मांस निर्यात बढ़ेगा, जो अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। 2025 तक FMD पर काबू पाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार और पशुपालकों का मिला-जुला प्रयास जरूरी है। आने वाले सालों में यह अभियान न सिर्फ पशुओं की सेहत, बल्कि किसानों के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा।

FMD से मुक्ति आपके हाथ में है। अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें और अपने पशुओं का मुफ्त टीकाकरण करवाएँ। यह कदम न सिर्फ आपके पशुओं को बीमारी से बचाएगा, बल्कि आपकी आमदनी भी बढ़ाएगा। सरकार का यह अभियान आपके लिए है, तो इसे गंभीरता से लें और अपने पशुओं को स्वस्थ जीवन दें। FMD मुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हम सब मिलकर काम करें।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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