केंद्र सरकार गाँव के किसान भाइयों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय-समय पर कई शानदार योजनाएँ लाती है। इनमें से एक बड़ी योजना है पीएम किसान एफपीओ योजना, जो खेती से जुड़ा व्यापार शुरू करने के इच्छुक किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत 11 किसानों का समूह बनाकर 15 लाख रुपये की आर्थिक मदद लोन के तौर पर मिलती है।
भारत में आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है, लेकिन मौसम, पानी, बीज, मिट्टी और कमजोर आर्थिक हालात जैसी समस्याएँ उनकी राह में रोड़े अटकाती हैं। इन्हीं मुश्किलों को दूर करने के लिए सरकार ने ये योजना शुरू की है। चलिए, इसके बारे में ताजा जानकारी और लाभ लेने का तरीका जानते हैं।
क्या है पीएम किसान एफपीओ योजना
ये योजना किसानों को संगठित करने और खेती को व्यापार की तरह चलाने का मौका देती है। इसके लिए फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) बनाना होता है, जो एक तरह का किसान संगठन है। ये संगठन छोटे और सीमांत किसानों को बीज, खाद, उपकरण और बाजार तक पहुँचने में मदद करता है। 2024 की ताजा जानकारी के मुताबिक, सरकार ने 10,000 एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से अब तक 8,000 से ज्यादा बन चुके हैं। हर एफपीओ को 15 लाख रुपये की मदद दी जाती है, जो 3 साल में मिलती है। साथ ही, 2027-28 तक 30 लाख किसानों को इससे जोड़ने का प्लान है, जिसमें 40 प्रतिशत महिलाएँ शामिल होंगी।
योजना के फायदे और लेटेस्ट अपडेट्स
इस योजना से किसानों को कई तरह के फायदे मिलते हैं। हर एफपीओ को 15 लाख रुपये की मदद मिलती है, जिससे खेती का बिजनेस शुरू करना आसान हो जाता है। एफपीओ के जरिए किसान अपनी फसल को सीधे व्यापारियों को बेच सकते हैं, जिससे बिचौलियों का खेल खत्म होता है। बीज, खाद और उपकरण सस्ते दामों पर मिलते हैं। 2024 में घोषणा हुई कि एफपीओ में रखी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने का विकल्प भी मिलेगा। गाँव में नौकरियाँ भी बढ़ेंगी, क्योंकि एफपीओ को चलाने के लिए लोगों की जरूरत पड़ेगी।
फरवरी 2024 में पीएम मोदी ने 500 नए एफपीओ की नींव रखी थी। अब तक 8,900 से ज्यादा एफपीओ बन चुके हैं। 2027-28 तक 6,865 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। 18,000 पैक्स और एफपीओ को कम्प्यूटरीकृत करने का काम शुरू हो चुका है, जिसके लिए 2,516 करोड़ रुपये रखे गए हैं। महिलाओं की 40 प्रतिशत भागीदारी का लक्ष्य भी रखा गया है, जो खेती में नई क्रांति लाएगा।
योजना का लाभ कैसे लें
इस योजना का फायदा उठाने का तरीका बड़ा आसान है। आपको कम से कम 11 किसानों का समूह बनाना होगा। पहाड़ी इलाकों में 100 और मैदानी इलाकों में 300 किसानों का ग्रुप बन सकता है। इसके लिए आधार कार्ड, जमीन के कागजात, बैंक खाता डिटेल, राशन कार्ड, आय प्रमाण और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे कागजात तैयार रखें।
फिर राष्ट्रीय कृषि बाजार की वेबसाइट https://www.enam.gov.in/web/ पर जाएँ। वहाँ होमपेज पर FPO ऑप्शन चुनें, रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें, डिटेल्स भरें और कागजात अपलोड करके फॉर्म सबमिट कर दें। अगर ऑनलाइन नहीं करना चाहते, तो नजदीकी ई-नाम मंडी या कृषि कार्यालय में जाकर भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। किसी दिक्कत के लिए हेल्पलाइन नंबर 155261 या 1800115526 पर कॉल कर सकते हैं।
खेत में कैसे शुरू करें
अपने गाँव में 11 किसानों को इकट्ठा करके एक संगठन बनाइए। इसे कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर करवाइए। 15 लाख रुपये से गोदाम, बीज स्टोर या छोटी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कर सकते हैं। ई-नाम पोर्टल के जरिए फसल बेचकर मुनाफा कमाइए। ये सब करने से पहले अच्छी प्लानिंग कर लीजिए, ताकि पैसा सही जगह लगे और फायदा ज्यादा हो। गाँव में बिजली-सड़क की कमी दिक्कत डाल सकती है, इसलिए पहले उसका इंतजाम देख लें। एफपीओ चलाने वालों को ट्रेनिंग लेने की सलाह भी दी जाती है, ताकि काम आसानी से चले।
मुनाफे का रास्ता
ये योजना गाँव के किसानों के लिए बड़ा मौका लेकर आई है। 15 लाख की मदद से आप खेती को बिजनेस बना सकते हैं। मंडी में सही दाम, सस्ते संसाधन और MSP का विकल्प आपकी जेब भर सकता है। फर्जीवाड़े से बचने के लिए सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट या ऑफिस से ही आवेदन करें। तो भाइयों, अपने गाँव में एफपीओ बनाइए, रजिस्ट्रेशन कराइए और इस योजना से आत्मनिर्भर बनिए। मौका हाथ से न जाने दीजिए, अपनी मेहनत को दोगुना फल दीजिए।
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