Gardening Tips: हमारे गाँवों में बगीचा हर घर की शान होता है। चाहे वो फूलों का गुलदस्ता हो या सब्जियों का छोटा-सा प्लॉट, बगीचे को हरा-भरा रखना हर किसी का सपना होता है। लेकिन कई बार हम ऐसी चीजें फेंक देते हैं, जो बगीचे के लिए सोने का काम कर सकती हैं। खरबूजा, पपीता और तरबूज के छिलके इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। गर्मियों में ये फल हर घर में खाए जाते हैं, लेकिन उनके छिलके कूड़े में चले जाते हैं। अगर आप अपने बगीचे को जैविक तरीके से चमकाना चाहते हैं, तो इन छिलकों को फेंकने की बजाय खाद और पोषण के लिए इस्तेमाल करें। जानें कि इन छिलकों से बगीचा कैसे संवारा जा सकता है।
खरबूजे के छिलके
खरबूजा खाने के बाद उसके छिलके अक्सर कूड़ेदान की शोभा बढ़ाते हैं, लेकिन ये आपके बगीचे की मिट्टी के लिए किसी खजाने से कम नहीं। इन छिलकों में ढेर सारा पानी, पोटैशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों को ताकत देते हैं। इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर बगीचे की मिट्टी में मिला दें। कुछ हफ्तों में ये सड़कर जैविक खाद बन जाएंगे, जिससे मिट्टी की सेहत सुधरेगी और आपके फूलों-सब्जियों के पौधे लहलहाएँगे।
अगर आप गमलों में बागवानी करते हैं, तो खरबूजे के छिलकों को पानी में भिगोकर उस पानी को पौधों की जड़ों में डालें। ये पानी पौधों को नमी देता है और छोटे कीड़ों को दूर रखता है। खासकर गुलाब, मिर्च या तुलसी जैसे पौधों के लिए ये तरीका कमाल का है। बस इतना ध्यान रखें कि छिलकों को ज्यादा गीला न छोड़ें, वरना फंगस लग सकता है। छिलकों को हल्का सुखाकर मिट्टी में मिलाना ज्यादा अच्छा रहता है।
पपीते के छिलके
पपीता हमारी सेहत का दोस्त है, और इसके छिलके बगीचे के लिए किसी वरदान से कम नहीं। इन छिलकों में नाइट्रोजन और कई तरह के एंजाइम होते हैं, जो मिट्टी को पोषण देते हैं और पौधों की जड़ों को मजबूती देते हैं। पपीते के छिलकों को इकट्ठा करके छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर इन्हें सूखी पत्तियों, गोबर या रसोई के बचे हुए छिलकों के साथ मिलाकर एक छोटे गड्ढे या ड्रम में डाल दें। ऊपर से थोड़ी मिट्टी डालकर ढक दें। कुछ हफ्तों में ये मिश्रण शानदार जैविक खाद में बदल जाएगा।
इस खाद को आप अपने बगीचे के फूलों, सब्जियों या हर्ब्स के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। टमाटर, पालक या धनिया जैसे पौधे इस खाद को बहुत पसंद करते हैं। अगर आपके पास खाद बनाने की जगह नहीं है, तो छिलकों को पानी में उबालकर ठंडा करें और उस पानी को पौधों की जड़ों में डालें। ये पानी पौधों को ताजगी देता है और मिट्टी में छोटे कीटों को पनपने से रोकता है। छिलकों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से धो लें, ताकि उनमें कोई केमिकल न रहे।
तरबूज के छिलके
तरबूज का रसीला गूदा तो हर कोई चाव से खाता है, लेकिन इसके छिलके भी बगीचे में कमाल दिखा सकते हैं। इन छिलकों में ढेर सारा पानी और पोषक तत्व, जैसे मैग्नीशियम और कैल्शियम, होते हैं, जो पौधों की सेहत के लिए जरूरी हैं। तरबूज के छिलकों को छोटे टुकड़ों में काटकर बगीचे की मिट्टी में मिला दें। ये मिट्टी को नमी और पोषण देते हैं, जिससे पौधे गर्मी में भी तरोताजा रहते हैं। खासकर छोटे बगीचों या गमलों में, जहाँ पानी की कमी रहती है, ये छिलके मिट्टी को गीला रखने में बहुत मदद करते हैं।
अगर आप गमले में बागवानी करते हैं, तो तरबूज के छिलकों को पानी में भिगोकर उस पानी को पौधों में डालें। ये पानी पौधों को नमी देता है और उनकी जड़ों को ताकत देता है। इसके अलावा, छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और उसे मिट्टी में मिलाएँ। ये पाउडर धीरे-धीरे पोषक तत्व छोड़ता है, जिससे पौधे लंबे समय तक हरे-भरे रहते हैं। तरबूज के छिलके इस्तेमाल करने से बगीचे की खूबसूरती बढ़ती है और खर्चा भी बचता है।
बगीचे के लिए इन छिलकों का फायदा
खरबूजा, पपीता और तरबूज के छिलकों का इस्तेमाल करने से बगीचे को कई तरह से फायदा होता है। ये छिलके पूरी तरह प्राकृतिक हैं, यानी मिट्टी और पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। इनसे बनी खाद केमिकल खाद की जरूरत को कम करती है, जिससे आपका पैसा बचता है। ये मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं, पानी की बचत करते हैं और छोटे कीटों को दूर रखते हैं। साथ ही, कूड़ा कम होने से पर्यावरण भी साफ रहता है।
अगर आप अपने बगीचे को जैविक बनाना चाहते हैं, तो ये देसी नुस्खे आपके लिए बेस्ट हैं। इन छिलकों से बनी खाद से आपके फूल ज्यादा खिलेंगे, सब्जियाँ ताजी होंगी और बगीचा हरियाली से भरा रहेगा। बस इतना ध्यान रखें कि छिलकों को साफ करके और सही तरीके से इस्तेमाल करें, ताकि बगीचे में फंगस या गंध की समस्या न हो।
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