मॉनसून में खेत से लेकर गार्डन तक रखें खास ख्याल, ये 5 टिप्स करेंगे बड़ी मदद

Gardening Tips in Monsoon: मॉनसून तेजी से दस्तक दे रहा है, और यह बागवानी के शौकीनों के लिए सबसे अच्छा समय है। बारिश के मौसम में पौधे सामान्य से तीन गुना तेजी से बढ़ते हैं, क्योंकि बारिश प्राकृतिक रूप से नमी और पोषण प्रदान करती है। यह मौसम किचन गार्डन और छोटे खेतों में धान, सब्जियाँ, और फूलों की खेती के लिए अनुकूल है। हालांकि, जलभराव, कीटों का प्रकोप, और मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी जैसी चुनौतियाँ भी आती हैं। सही देखभाल और तैयारी से आप अपने बगीचे को हरा-भरा और उत्पादक बना सकते हैं। यहाँ मॉनसून में बागवानी और किचन गार्डन के लिए 5 जरूरी टिप्स दिए गए हैं।

1. जल निकासी का प्रबंध करें

मॉनसून में जलभराव पौधों की जड़ों को नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे फसल और बगीचे को खतरा होता है। अपने बगीचे या खेत की मिट्टी की जल निकासी क्षमता की जाँच करें। अगर पानी जमा हो रहा है, तो ऊँची क्यारियाँ (रेज्ड बेड्स) बनाएँ, जो जलभराव को रोकती हैं। मिट्टी में सड़ी हुई गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, या अन्य कार्बनिक पदार्थ मिलाएँ। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और पानी को सोखने में मदद करता है। मल्चिंग के लिए पुआल, सूखी पत्तियाँ, या छाल का उपयोग करें, जो मिट्टी के कटाव को रोकता है और नमी को संतुलित रखता है। किचन गार्डन में 15-20 सेंटीमीटर ऊँची क्यारियाँ बनाना विशेष रूप से उपयोगी है।

2. सही पौधों का चयन करें

मॉनसून में उन पौधों को चुनें जो गीली मिट्टी और उच्च नमी में अच्छी तरह पनप सकें। फूलों के लिए गेंदा, गुड़हल, और जैस्मीन अच्छे विकल्प हैं, क्योंकि ये नमी सहन करते हैं और कीटों से कम प्रभावित होते हैं। किचन गार्डन के लिए पालक, भिंडी, खीरा, और लौकी उपयुक्त हैं, जो तेजी से बढ़ते हैं और अच्छी पैदावार देते हैं। मिश्रित खेती अपनाएँ, जैसे गेंदा और तुलसी को मुख्य फसलों के साथ लगाएँ, जो कीटों को प्राकृतिक रूप से दूर रखते हैं। अपने क्षेत्र के स्थानीय कृषि कार्यालय से मॉनसून के लिए उपयुक्त पौधों की जानकारी लें।

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3. कीटों और रोगों से सावधानी

मॉनसून की नमी के कारण कीट और फंगल रोगों का खतरा बढ़ जाता है। पौधों की पत्तियों और तनों की नियमित जाँच करें। प्राकृतिक कीटनाशकों, जैसे नीम का तेल (5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) या लहसुन का स्प्रे, का उपयोग करें। ये पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं और पौधों को नुकसान नहीं पहुँचाते। गेंदा और तुलसी जैसे पौधे कीटों को प्राकृतिक रूप से भगाते हैं, इसलिए इन्हें अपने बगीचे में शामिल करें। रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करने से पहले स्थानीय कृषि कार्यालय से सलाह लें और केवल प्रमाणित उत्पाद चुनें। किचन गार्डन में जैविक उपायों को प्राथमिकता दें।

4. पोषक तत्वों की पूर्ति करें

भारी बारिश मिट्टी से नाइट्रोजन, पोटेशियम, और अन्य जरूरी पोषक तत्वों को बहा सकती है। पौधों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से उर्वरक दें। वर्मीकम्पोस्ट या प्लांट फर्टिलाइजर स्टिक्स का उपयोग करें, जो धीरे-धीरे पोषक तत्व प्रदान करते हैं। केले के छिलके का पाउडर पोटेशियम की पूर्ति करता है और पौधों के तनों को मजबूत बनाता है। एप्सम सॉल्ट (10 ग्राम प्रति लीटर पानी) का छिड़काव पत्तियों को हरा-भरा रखता है और मैग्नीशियम की कमी को पूरा करता है। खेतों में धान या सब्जियों के लिए गोबर का घोल हर 15-20 दिन में डालें।

5. कटाई-छंटाई और सहारा देना

मॉनसून की तेज हवाएँ और भारी बारिश पौधों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। अतिरिक्त पत्तियों और शाखाओं की छंटाई करें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे और फंगल रोगों का खतरा कम हो। खीरा, लौकी, और टमाटर जैसे लंबे पौधों को बाँस या लकड़ी के सहारे से बाँधें ताकि वे गिरें नहीं। किचन गार्डन में छोटे ट्रेलिस बनाएँ। मृत या सड़ी पत्तियों को नियमित रूप से हटाएँ और मिट्टी को ढीला करें ताकि पानी जमा न हो। ये उपाय आपके बगीचे को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखेंगे।

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  • Shashikant

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