Garmiyon Mein Sabji Ki Kheti : किसान भाइयों, गर्मी का मौसम आते ही खेतों में नई रौनक छा जाती है। यह समय है जब आप लौकी, कद्दू, तुरई, करेला, भिंडी, बैंगन, और हरी मिर्च जैसी सब्जियाँ उगाकर बाज़ार की डिमांड का फायदा उठा सकते हैं। रायबरेली के कृषि विशेषज्ञ शिव शंकर वर्मा बताते हैं कि गर्मियों में इन हरी सब्जियों की माँग आसमान छूती है, क्योंकि लोग इन्हें सेहत और स्वाद के लिए खूब पसंद करते हैं। अप्रैल में बुवाई शुरू करके आप कम लागत में अच्छी कमाई कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कौन सी सब्जी कैसे आपके खेत और जेब को चमकाएगी।
लौकी

लौकी गर्मियों की सबसे पसंदीदा सब्जी है। यह न सिर्फ खाने में हल्की और सेहतमंद है, बल्कि बाज़ार में इसकी डिमांड भी ज़बरदस्त रहती है। अप्रैल के पहले या दूसरे हफ्ते में लौकी की बुवाई करें, और 55 से 70 दिन में यह फसल तैयार हो जाएगी। खेत में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और जैविक खाद डालें, ताकि लौकी की बेलें तेज़ी से बढ़ें। इसकी खेती में पानी का ध्यान रखें, लेकिन ज़्यादा गीलापन न होने दें। लौकी की मोटी-मोटी फसल देखकर आपका मन खुश हो जाएगा, और बाज़ार में इसका अच्छा दाम भी मिलेगा।
तुरई और भिंडी
तुरई की बेलें गर्मी में खूब फलती-फूलती हैं। अप्रैल में बुवाई करें, और 55 से 60 दिन में यह फसल आपको कमाई देने लगेगी। बाज़ार में तुरई की सब्जी लोग चाव से खरीदते हैं, क्योंकि यह पेट के लिए हल्की और पौष्टिक होती है। उसी तरह भिंडी तो हर घर की पसंद है। गर्मियों में भिंडी की माँग इतनी होती है कि आपकी पूरी फसल चटकते ही बिक जाएगी। अप्रैल में भिंडी बोएँ, और इसे अच्छी धूप और थोड़ा पानी दें। यह फसल कम मेहनत में ज़्यादा मुनाफा देती है। दोनों ही फसलों के लिए नीम का तेल छिड़कें, ताकि कीड़े पास न आएँ।
कद्दू
कद्दू की खेती गर्मियों में किसानों के लिए सोने का अंडा है। अप्रैल में बुवाई शुरू करें, और 90 से 100 दिन बाद यह फसल तैयार हो जाएगी। कद्दू की खासियत है कि यह गर्म और सूखी दोनों जलवायु में आसानी से उगता है। बाज़ार में इसकी डिमांड गर्मियों में खूब बढ़ती है, क्योंकि लोग इसे सब्जी, हलवा, या देसी खाने में इस्तेमाल करते हैं। कद्दू की बेलों को फैलने के लिए जगह दें और गोबर की खाद डालें। इसकी मोटी-मोटी फसल न सिर्फ खेत में अच्छी लगती है, बल्कि आपकी जेब भी भर देती है।
करेला और बैंगन
करेला भले ही स्वाद में कड़वा हो, लेकिन गर्मियों में यह बाज़ार का चहेता है। लोग इसे सेहत के लिए खूब खरीदते हैं, खासकर डायबिटीज़ और पेट की समस्याओं के लिए। अप्रैल में करेले की बुवाई करें, और 60 से 70 दिन में यह फल देना शुरू कर देगा। उसी तरह बैंगन की खेती गर्मियों में खूब चलती है। यह फसल पूरे साल उगाई जा सकती है, लेकिन अप्रैल में बोने से पैदावार ज़्यादा मिलती है। दोनों फसलों को अच्छी धूप और नियमित पानी चाहिए। बाज़ार में इनका दाम अच्छा मिलता है, और आपकी मेहनत का पूरा फल आपको मिलेगा।
हरी मिर्च
हरी मिर्च के बिना देसी खाने का मज़ा अधूरा है। गर्मियों में इसकी माँग इतनी होती है कि छोटा सा खेत भी आपको बड़ा मुनाफा दे सकता है। अप्रैल में हरी मिर्च की रोपाई करें, और इसे अच्छी मिट्टी और थोड़ा पानी दें। यह फसल जल्दी तैयार होती है और बाज़ार में इसके छोटे-छोटे बंडल अच्छे दाम पर बिकते हैं। कीड़ों से बचाने के लिए देसी नुस्खे, जैसे नीम का काढ़ा, इस्तेमाल करें। हरी मिर्च की खेती छोटे किसानों के लिए भी आसान और फायदेमंद है।
मुनाफे की खेती
किसान भाइयों, गर्मियों की खेती में कुछ छोटी बातें बड़ा फर्क लाती हैं। अप्रैल में बुवाई से पहले अपने खेत की मिट्टी जाँच लें और गोबर या जैविक खाद डालें। लौकी, तुरई, और करेले जैसी बेल वाली फसलों को मचान दें, ताकि फल ज़मीन से न सड़ें। पानी का ध्यान रखें, लेकिन खेत को दलदल न बनने दें। अपने गाँव के उन किसानों से सलाह लें, जो इन सब्जियों की खेती कर चुके हैं। बाज़ार में बिक्री से पहले सब्जियों को साफ करें, ताकि ग्राहक खींचे चले आएँ। अगर पास में मंडी नहीं है, तो स्थानीय दुकानदारों से बात करें। ये छोटे नुस्खे आपकी कमाई को दोगुना कर देंगे।
गर्मी में हरियाली, जेब में खुशहाली
गर्मियों में सब्जी की खेती सिर्फ खेतों को हरा-भरा नहीं करती, बल्कि आपकी जिंदगी में भी रंग भरती है। लौकी, कद्दू, तुरई, करेला, भिंडी, बैंगन, और हरी मिर्च जैसी फसलें कम लागत में उगती हैं और बाज़ार में अच्छा दाम देती हैं। अप्रैल में बुवाई शुरू करें, और 2-3 महीने में कमाई का मज़ा लें। जब आपकी सब्जियाँ बाज़ार में बिकेंगी और लोग तारीफ करेंगे, तो मेहनत का असली फल मिलेगा। तो देर न करें, अपने खेत को तैयार करें और गर्मियों को मुनाफे का मौसम बनाएँ।
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