प्यारे पशुपालक भाइयों, अगर आपकी गाय का सिमन (कृत्रिम गर्भाधान) या गर्भधारण नहीं हो रहा, तो ये आम समस्या है, जिसका समाधान आसान और प्राकृतिक उपायों से हो सकता है। गाय का गर्भ न ठहरने की वजह खराब पोषण, हार्मोनल असंतुलन, गलत समय पर सिमन, या स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। देसी गाय (साहीवाल, गिर) और विदेशी नस्ल (हॉल्स्टीन, जर्सी) दोनों में ये दिक्कत देखी जाती है। सही देखभाल, पौष्टिक चारा, और समय पर उपाय करने से 80-90% गायें गर्भवती हो सकती हैं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार जैसे राज्यों में पशुपालक इन तरीकों से लाखों कमा रहे हैं। आइए जानें क्या करें।
गर्भधारण न होने की वजहें
गाय का गर्भ न ठहरने के कई कारण हैं। खराब पोषण से शरीर में कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन A, D की कमी हो जाती है, जिससे गर्मी (हीट) कमजोर होती है। गलत समय पर सिमन (कृत्रिम गर्भाधान) भी असफलता का बड़ा कारण है। गाय की गर्मी 18-24 घंटे रहती है, और सही समय पर सिमन जरूरी है। हार्मोनल असंतुलन, गर्भाशय का संक्रमण, या तनाव भी गर्भधारण रोकता है। मोटापा या कमजोरी, खासकर बार-बार बच्चे देने वाली गायों में, प्रजनन क्षमता कम करती है। पशु चिकित्सक से जाँच कराएँ ताकि सही कारण पता चले। प्राकृतिक और वैज्ञानिक उपायों से इन समस्याओं का हल संभव है।
पौष्टिक चारा और पोषण
गाय को गर्भवती करने के लिए पोषण सबसे जरूरी है। गाय को रोज 20-25 किलो हरा चारा (बरसीम, ज्वार, मक्का), 5-7 किलो सूखा चारा (भूसा, गन्ना छिलका), और 2-3 किलो दाना (चोकर, खली, मिनरल मिक्स) दें। 50 ग्राम मिनरल मिक्स (कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन) रोज जरूरी है। नमक की ढेली हर हफ्ते रखें। गुड़ और अनारदाना (200 ग्राम रोज) हार्मोनल संतुलन बनाता है। गाय को साफ, ताजा पानी 30-40 लीटर रोज दें। चारे में रासायनिक खाद न हो, जैविक चारा जैसे ढैंचा, लोबिया दें। गर्भवती होने से पहले 2-3 महीने ये डाइट दें, ताकि शरीर मजबूत हो। सही पोषण से गर्मी साफ दिखती है और सिमन की सफलता बढ़ती है।
सही समय पर सिमन
गाय की गर्मी का सही समय जानना जरूरी है। गाय हर 21 दिन में गर्मी में आती है। संकेत हैं: बेचैनी, बार-बार मूतना, पूँछ हिलाना, चिल्लाना। गर्मी शुरू होने के 12-18 घंटे बाद सिमन कराएँ, यानी सुबह गर्मी दिखे तो अगली सुबह सिमन बेस्ट है। अनुभवी सिमन कार्यकर्ता या पशु चिकित्सक से काम कराएँ। सिमन के लिए अच्छी नस्ल का सीमेन (जैसे साहीवाल, HF) चुनें, जो 100-200 रुपये में मिलता है। सिमन के बाद गाय को तनाव न दें, शांत जगह पर रखें। अगर 21 दिन बाद गर्मी फिर आए, तो दोबारा सिमन कराएँ। सही समय पर सिमन से 70-80% सफलता मिलती है।
प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपाय
प्राकृतिक उपाय गाय के गर्भधारण में बहुत असरदार हैं। अश्वगंधा चूर्ण (10 ग्राम रोज) और शतावरी चूर्ण (10 ग्राम) दाने में मिलाकर 15-20 दिन दें, ये हार्मोन संतुलित करते हैं। मेथी दाना (50 ग्राम) और गुड़ (100 ग्राम) 10 दिन तक खिलाएँ, इससे गर्भाशय मजबूत होता है। नीम की पत्तियाँ (200 ग्राम) चारे में मिलाएँ, जो गर्भाशय के संक्रमण को कम करती हैं। गोमूत्र (100 मिलीलीटर) और त्रिफला चूर्ण (10 ग्राम) 7 दिन तक पिलाएँ। गाय को तनावमुक्त रखें, खुली जगह में चरने दें। ये उपाय सस्ते (500-1000 रुपये) और असरदार हैं, जिनसे गर्भधारण की संभावना 20-30% बढ़ती है।
स्वास्थ्य और देखभाल
गाय का स्वास्थ्य गर्भधारण के लिए जरूरी है। गर्भाशय के संक्रमण की जाँच कराएँ, अगर डिस्चार्ज या बदबू हो तो पशु चिकित्सक से इलाज कराएँ। हर 6 महीने में कीड़े मारने की दवा (अल्बेंडाजोल, 10 मिलीग्राम/किलो वजन) दें। खुरपका, गलघोंटू के टीके समय पर लगवाएँ। गाय का वजन सामान्य रखें, मोटापा या कमजोरी ठीक करें। शेड को साफ, हवादार रखें, और गंदगी न जमने दें। गाय को रोज 2-3 घंटे खुला चरने दें, इससे तनाव कम होता है। नियमित पशु चिकित्सक से जाँच कराएँ। स्वस्थ गाय में गर्भधारण की संभावना 90% तक बढ़ जाती है।
सावधानियाँ और टिप्स
गाय का गर्भधारण सुनिश्चित करने के लिए कुछ बातें ध्यान रखें। सिमन के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति चुनें। गाय की गर्मी का रिकॉर्ड रखें, ताकि सही समय पता चले। रासायनिक दवाओं से बचें, प्राकृतिक उपाय पहले आजमाएँ। चारे में सड़ा-गला सामान न दें। पशु चिकित्सक से नियमित सलाह लें। गाय को शांत, तनावमुक्त माहौल दें। छोटे पशुपालक 2-3 गायों से शुरू करें। सरकारी पशुपालन योजनाओं से सब्सिडी और ट्रेनिंग लें। इन उपायों से गाय जल्दी गर्भवती होगी, और आपकी डेयरी की कमाई बढ़ेगी।
ये भी पढ़ें – कीजिए तोतापुरी बकरी पालन : कमाई का सुनहरा मौका, एक बकरा बिकेगा 1 लाख रूपये का
