Gehun ki katai kab karen : किसान भाइयों, गेहूं की फसल रबी मौसम का सोना है, और सही वक्त पर कटाई करना मुनाफे की कुंजी है। मार्च का महीना चल रहा है, और अब खेतों में गेहूं काटने का समय आ गया है। अगर कटाई जल्दी या देर से करें, तो नुकसान हो सकता है। अपने इलाके में गेहूं तैयार है या नहीं, ये पहचानना आसान है, बशर्ते कुछ देसी नुस्खों का ध्यान रखें। आइए, अपनी सहज भाषा में समझें कि गेहूं की कटाई के लिए सही वक्त कैसे पहचानें और मेहनत का पूरा फल कैसे पाएँ।
गेहूं तैयार होने की पहली निशानी
हमारे यहाँ गेहूं की कटाई का सबसे बड़ा संकेत उसका रंग है। जब गेहूं की बालियाँ हरे से सुनहरे या भूरे रंग में बदल जाएँ, तो समझ लें कि फसल पकने वाली है। अपने खेतों में देखें कि पत्ते और तना सूखकर पीले पड़ गए हैं या नहीं। अगर 80-90% बालियाँ सुनहरी हो गई हैं, तो कटाई का वक्त करीब है। गेहूं को 110-130 दिन लगते हैं तैयार होने में, जो बुआई के समय पर निर्भर करता है। हमारे यहाँ नवंबर-दिसंबर में बोया गेहूं मार्च-अप्रैल में पकता है। ये रंग का बदलाव कुदरत का इशारा है।
दाने की जाँच का देसी तरीका
गेहूं के दाने को देखकर भी पक्का पता चलता है। अपने इलाके में खेत में जाएँ और कुछ बालियों को हाथ में लें। बालियों को हल्के से मसलें—अगर दाने सख्त और सूखे हैं, तो कटाई का समय हो गया। दाने को मुँह में डालकर चबाएँ; अगर वो कुरकुरे और सूखे लगें, न कि नरम या चिपचिपे, तो फसल तैयार है। नमी 12-14% से कम होनी चाहिए। हमारे यहाँ पुराने किसान कहते हैं कि दाना अगर नाखून से आसानी से कट जाए, लेकिन टूटे नहीं, तो कटाई के लिए बिल्कुल सही है। ये देसी जाँच फसल की पक्की खबर देती है।
मौसम और समय का ध्यान
कटाई का सही वक्त मौसम पर भी निर्भर करता है। अपने आसपास मार्च-अप्रैल में गर्मी बढ़ती है, और गेहूं को सूखे मौसम में काटना बढ़िया रहता है। अगर बारिश की आशंका हो, तो थोड़ा पहले काट लें, वरना दाने भीगकर खराब हो सकते हैं। सुबह का वक्त चुनें, जब ओस सूख जाए, लेकिन धूप तेज न हो। हमारे यहाँ किसान भाई सुबह 8-11 बजे के बीच कटाई शुरू करते हैं। सही समय पर काटने से दाने की चमक और वजन बरकरार रहता है। ये मौसम का खेल फसल को सुरक्षित रखता है।
कटाई के बाद का फायदा
सही वक्त पर कटाई से गेहूं की गुणवत्ता बढ़िया रहती है। अपने खेतों में अगर गेहूं तैयार है, तो एक बीघे से 10-15 क्विंटल पैदावार हो सकती है। MSP 2575 रुपये प्रति क्विंटल है, यानी 25,000-38,000 रुपये की कमाई। मंडी में दाम ज्यादा हों, तो और फायदा। हमारे यहाँ सही समय पर काटा गेहूं लंबे समय तक स्टोर रहता है और कीटों से भी बचा रहता है। देर करने से दाने झड़ सकते हैं या फसल बर्बाद हो सकती है। ये सही पहचान मेहनत को मुनाफे में बदल देती है।
गेहूं की कटाई से खेत को तैयार रखें
अपने इलाके में गेहूं की कटाई का सही वक्त पहचानना इसलिए जरूरी है, क्यूँकि ये अगली फसल की तैयारी का रास्ता भी खोलता है। मार्च-अप्रैल में कटाई करें, तो मई में खेत अगली बुआई के लिए तैयार हो जाएगा। घर में बहनें कहती हैं कि ताज़ा गेहूं की रोटी का स्वाद अलग होता है। तो भाइयों, गेहूं की बालियों, दानों और मौसम को परखें, सही वक्त पर कटाई करें और मेहनत का फल ढेर सारा पाएँ। ये देसी नुस्खे आपकी फसल को सोना बना देंगे!
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