गेंदे की खेती से करें बंपर कमाई: जानें टॉप 3 सबसे महंगी वरायटी

Genda Phool Ki Kheti: भारत में गेंदे का फूल, जिसे मैरीगोल्ड भी कहते हैं, अपनी चमकीली रंगत और सांस्कृतिक महत्व के कारण हर मौसम में मांग में रहता है। शादी, पूजा, त्योहार, और सजावट में इसका उपयोग इसे किसानों के लिए लाभकारी बनाता है। गेंदे की खेती कम लागत, कम रखरखाव, और जल्दी तैयार होने वाली फसल के रूप में छोटे और सीमांत किसानों के लिए आदर्श है। 2025 में फूलों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और सही वरायटी चुनकर किसान प्रति एकड़ लाखों कमा सकते हैं। यह लेख गेंदे की तीन सबसे लाभकारी वरायटियों—अफ्रीकन मैरीगोल्ड, फ्रेंच मैरीगोल्ड, और पीयूष 303—के बारे में बताएगा, साथ ही खेती की प्रक्रिया और मुनाफे की जानकारी देगा।

अफ्रीकन मैरीगोल्ड

अफ्रीकन मैरीगोल्ड, जिसे टैगेटस इरेक्टा कहते हैं, गेंदे की सबसे लोकप्रिय वरायटी है। इसके फूल बड़े, गोल, और चमकीले पीले या नारंगी रंग के होते हैं, जो पूजा और सजावट के लिए खास पसंद किए जाते हैं। पौधे मजबूत और 90 सेमी तक लंबे होते हैं, जो प्रति पौधा अधिक फूल देते हैं। इसकी फसल 60 से 75 दिन में तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर से 8 से 12 टन उपज मिलती है, यानी एक एकड़ में 3.2 से 4.8 टन।

बाजार में इसके फूल 60 से 100 रुपये प्रति किलो बिकते हैं, खासकर दीवाली और विवाह सीजन में। एक एकड़ से 2 से 3 लाख रुपये की कमाई संभव है। खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी और 18-30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त है। मई-जुलाई में बीज बोएं और 45 x 45 सेमी की दूरी पर पौधे रोपें। गोबर खाद और NPK (36:36:30 किग्रा/एकड़) उपज बढ़ाते हैं। हर 7-10 दिन में सिंचाई करें और पिंचिंग से फूलों की संख्या बढ़ाएं। नीम आधारित कीटनाशक विल्ट और कीटों से बचाते हैं।

फ्रेंच मैरीगोल्ड

फ्रेंच मैरीगोल्ड, या टैगेटस पैटुला, अपने छोटे, बहुरंगी फूलों के लिए जानी जाती है। इसके फूल पीले, नारंगी, लाल, या मिश्रित रंगों में आते हैं, जो मालाओं, गमलों, और गार्डनिंग के लिए उपयुक्त हैं। पौधे बौने (30-45 सेमी) होते हैं और 50 से 65 दिन में फसल तैयार करते हैं। एक हेक्टेयर से 6 से 9 टन फूल मिलते हैं, यानी एक एकड़ में 2.4 से 3.6 टन।

इसके फूल 50 से 80 रुपये प्रति किलो बिकते हैं, और शहरी बाजारों में सजावट के लिए अधिक कीमत मिलती है। एक एकड़ से 1.5 से 2.5 लाख रुपये की कमाई हो सकती है। खेती शहरी क्षेत्रों के पास लाभकारी है। मिट्टी और तापमान की जरूरत अफ्रीकन मैरीगोल्ड जैसी है, लेकिन रोपण दूरी 35 x 35 सेमी रखें। रेड स्पाइडर माइट्स से बचाव के लिए क्विनालफॉस (0.05%) का छिड़काव करें। सुबह तुड़ाई करें और बांस की टोकरियों में पैक करें।

पीयूष 303

पीयूष 303 एक भारतीय वरायटी है, जिसे ICAR और KVK ने विकसित किया है। यह जल्दी फूल देने वाली और कीट-प्रतिरोधी है। इसके गहरे पीले फूल पूजा और माला के लिए पसंद किए जाते हैं। फसल 55 से 65 दिन में तैयार होती है और एक हेक्टेयर से 10 से 14 टन उपज मिलती है, यानी एक एकड़ में 4 से 5.6 टन।

बाजार में इसके फूल 60 से 120 रुपये प्रति किलो बिकते हैं। एक एकड़ से 1.5 से 3 लाख रुपये की कमाई संभव है। खेती के लिए मई-जुलाई या सितंबर-अक्टूबर में बोआई करें। रोपण दूरी 40 x 40 सेमी रखें। जैविक खाद और डाइथेन Z-78 (2 ग्राम/लीटर) रोगों से बचाते हैं। सुबह तुड़ाई से फूल ताज़ा रहते हैं।

खेती की प्रक्रिया

गेंदे की खेती के लिए दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी जरूरी है। मिट्टी का पीएच 6.0-7.5 हो। प्रति हेक्टेयर 50 टन गोबर खाद मिलाएं। ICAR प्रमाणित बीज (600-800 ग्राम/एकड़) लें। ड्रिप इरिगेशन से पानी की बचत करें और हर 7-10 दिन में सिंचाई करें। खरपतवार के लिए 3-4 बार निराई-गुड़ाई करें। पिंचिंग और डेडहेडिंग फूलों की संख्या बढ़ाते हैं।

मुनाफा और बाजार

गेंदे की खेती में लागत 50,000-70,000 रुपये प्रति एकड़ आती है, जिसमें बीज, खाद, और मजदूरी शामिल हैं। मुनाफा वरायटी और बाजार पर निर्भर करता है। दीवाली, दशहरा, और विवाह सीजन में कीमतें बढ़ती हैं। स्थानीय मंडियों, और शादी आयोजकों से बिक्री करें। महाराष्ट्र और कर्नाटक में किसानों ने 200% मुनाफा कमाया।

गेंदे की खेती 2025 में छोटे किसानों के लिए लाखों की कमाई का रास्ता है। अफ्रीकन मैरीगोल्ड, फ्रेंच मैरीगोल्ड, और पीयूष 303 सही देखभाल और बाजार रणनीति से बम्पर मुनाफा देती हैं। KVK से प्रशिक्षण और NHM सब्सिडी लें। यह आपके खेत और भविष्य को रंगीन बनाएगा।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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