सरसों की बदली हुई नस्ल से बंपर पैदावार! जानें जीएम सरसों की पूरी सच्चाई

भारत में सरसों की खेती किसानों की आजीविका का बड़ा हिस्सा है, और अब जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) सरसों की खेती को लेकर चर्चा तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने पिछले साल पर्यावरण मंत्रालय की जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी के जरिए जीएम सरसों की खेती को मंजूरी दी। ये खबर खेतों में काम करने वालों के लिए उम्मीद की किरण है, लेकिन साथ ही कुछ विवाद भी लेकर आई। कुछ लोग इसे पैदावार बढ़ाने का रास्ता मानते हैं, तो कुछ इसे खेती के लिए जोखिम बता रहे हैं। आइए, आसान भाषा में समझें कि जीएम सरसों क्या है, इसके फायदे क्या हैं, और ये खेतिहर समुदाय के लिए कैसे कारगर हो सकता है।

जीएम सरसों: खेती में वैज्ञानिक छलांग

जीएम सरसों कोई चमत्कार नहीं, बल्कि लैब में तैयार की गई हाइब्रिड सरसों है। वैज्ञानिक इसे दो अलग-अलग सरसों की प्रजातियों को मिलाकर बनाते हैं, ताकि फसल ज्यादा दे और रोगों से लड़ सके। सामान्य सरसों के फूल खुद परागण कर लेते हैं, जिससे हाइब्रिड बनाना टेढ़ी खीर है। मगर जीएम तकनीक, जैसे धारा सरसों हाइब्रिड (DMH-11), इस मुश्किल को आसान करती है। ये हाइब्रिड सरसों ज्यादा तेल देती है और मौसम की मार को बेहतर झेलती है। खेतिहर किसानों के लिए ये तकनीक मुनाफे का नया दरवाजा खोल सकती है, बशर्ते इसे सही समझ और मेहनत के साथ अपनाया जाए।

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फसल बढ़े, कमाई बढ़े

जीएम सरसों का सबसे बड़ा फायदा है इसकी बंपर पैदावार। DMH-11 जैसी किस्में सामान्य सरसों से 20-30% ज्यादा उपज दे सकती हैं। जहाँ एक एकड़ में 8-10 क्विंटल सरसों मिलती है, वहाँ जीएम सरसों 12-15 क्विंटल तक दे सकती है। इससे किसानों की जेब भरेगी, खासकर रबी के मौसम में, जब मॉनसून के बाद सरसों की बुवाई शुरू होती है। ये किस्में कीटों और रोगों से लड़ने में भी माहिर हैं, जिससे कीटनाशकों का खर्चा कम होता है। छोटे खेतों वाले किसानों के लिए, जो कम पैदावार से परेशान रहते हैं, ये तकनीक बड़ी राहत लेकर आ सकती है।

तेल का आयात घटे, किसानों की बल्ले-बल्ले

भारत खाने के तेल के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है, जिससे देश का पैसा विदेश जाता है। जीएम सरसों, जैसे DMH-11, घरेलू तेल उत्पादन बढ़ाकर इस बोझ को कम कर सकती है। इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा—पहला, ज्यादा फसल से उनकी कमाई बढ़ेगी, और दूसरा, बाजार में सरसों का तेल सस्ता और स्थिर रहेगा। जीएम सरसों का तेल कम इरुसिक एसिड वाला और लंबे समय तक टिकने वाला होता है, जो सेहत के लिए अच्छा है। किसान बस्तियों में मंडियों में बिक्री कर बेहतर दाम पा सकते हैं, जिससे उनकी मेहनत का पूरा फल मिलेगा।

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पर्यावरण के लिए दोस्त, खेती के लिए रास्ता

जीएम सरसों पर्यावरण के लिए भी मददगार साबित हो सकती है। इसकी किस्में कीटों और रोगों से लड़ने में सक्षम हैं, जिससे रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत कम पड़ती है। जहाँ कीटनाशक मिट्टी और पानी को नुकसान पहुँचाते हैं, वहाँ जीएम सरसों पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देती है। कम पानी और खाद में भी ये अच्छी फसल देती है, जो मॉनसून पर निर्भर किसानों के लिए बड़ी बात है। सही तरीके से खेती करने पर मिट्टी की सेहत भी बनी रहती है। खेतिहर समुदाय इसे अपनाकर मुनाफे के साथ-साथ अपनी जमीन को भी बचा सकता है।

विवाद के साये, सच क्या है?

जीएम सरसों को लेकर कुछ किसान संगठन और पर्यावरण कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये तकनीक देसी सरसों की किस्मों को खत्म कर सकती है और पारंपरिक खेती को नुकसान पहुँचा सकती है। कुछ लोग इसकी सेहत पर सवाल उठाते हैं। मगर विशेषज्ञ बताते हैं कि जीएम फसलें, जैसे सोयाबीन और मक्का, कई देशों में सालों से उगाई जा रही हैं और सुरक्षित हैं। किसानों को चाहिए कि वे कृषि वैज्ञानिकों या नजदीकी कृषि केंद्रों से सलाह लें। सही जानकारी के साथ लिया गया फैसला ही फायदेमंद होगा।

जीएम सरसों की खेती (Genetically Modified (GM) Sarson Ki Kheti ) खेतिहर किसानों के लिए नया रास्ता खोल सकती है। सही तरीके से अपनाने पर ये पैदावार बढ़ाएगी और कमाई का जरिया बनेगी। लेकिन देसी सरसों की किस्मों को भी सहेजना जरूरी है। किसान उत्पादक संगठन (FPO) से जुड़कर बिचौलियों का खर्च बचाएँ। ये तकनीक किसानों को आत्मनिर्भर बनाएगी और खेती को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।

जीएम सरसों की खेती एक नई शुरुआत है। सही जानकारी, वैज्ञानिक सलाह, और देसी मेहनत से खेतों को मुनाफे का खजाना बनाएँ। इस रबी सीजन में जीएम सरसों को आजमाएँ और अपनी मेहनत का पूरा दाम पाएँ!

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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