Borwell Subsidy: किसान साथियों, महाराष्ट्र सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के किसानों के लिए ‘बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना’ को और बेहतर बनाया है। अब इस योजना में बोरवेल खुदवाने के लिए 50,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। ये कदम उन किसानों के लिए बड़ी सौगात है, जो सूखे और पानी की कमी से परेशान हैं। इससे सिंचाई की मुश्किलें दूर होंगी, और खेती में नई जान आएगी। चलिए, इस योजना को विस्तार से समझें और जानें कि इसका लाभ कैसे उठाएँ।
योजना का मकसद क्या है?
इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य है कि हर किसान के पास सिंचाई का पक्का साधन हो। पहले इसमें नए कुएँ खुदवाने, शेततळे (कृषि तालाब) बनाने, प्लास्टिक शीटिंग, ठिबक-तुषार सिंचन जैसी सूक्ष्म सिंचाई, और पुराने कुओं की मरम्मत के लिए अनुदान मिलता था। अब बोरवेल को भी शामिल करके सरकार ने एक नया रास्ता खोला है। खासकर कोरडवाहू इलाकों में, जहाँ बारिश का भरोसा नहीं रहता, वहाँ बोरवेल से सालभर पानी मिलेगा। इससे फसल की पैदावार बढ़ेगी, और मेहनत रंग लाएगी।
किसानों को क्या फायदा?
पहले बोरवेल के लिए कोई मदद नहीं थी। छोटे और मझोले किसानों को अपनी जेब से बड़ा खर्च करना पड़ता था, जो आसान नहीं था। अब 50,000 रुपये की सब्सिडी से ये बोझ हल्का होगा। बोरवेल से गहरा पानी निकलेगा, जिससे सूखे में भी खेत हरे रहेंगे। फसल अच्छी होगी, और बाजार में बेचकर ज्यादा कमाई हो सकेगी। ये योजना आधुनिक तरीकों को अपनाने में भी मदद करेगी, जैसे ठिबक सिंचन, जिससे पानी की बर्बादी रुकेगी। गाँव में खेती को नई ताकत मिलेगी।
कौन ले सकता है लाभ?
ये योजना SC और ST वर्ग के किसानों के लिए खास है। इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें हैं:
- आपको अनुसूचित जाति या जनजाति से होना चाहिए। इसके लिए जाति प्रमाणपत्र दें।
- सालाना आमदनी 1.5 लाख रुपये से कम हो, और आय प्रमाणपत्र चाहिए।
- कम से कम 0.40 हेक्टेयर (लगभग 1 एकड़) जमीन आपके नाम पर हो।
- पहले किसी दूसरी योजना से बोरवेल या कुएँ का लाभ न लिया हो।
आवेदन कैसे करें?
इस सब्सिडी का फायदा लेने के लिए तरीका आसान है। नीचे दिए कदम फॉलो करें:
- दस्तावेज इकट्ठे करें: आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, 7/12 और 8-A (जमीन के कागज), बैंक पासबुक कॉपी, 100 रुपये का शपथ पत्र, पानी उपलब्धता प्रमाणपत्र, तलाठी का जमीन स्वामित्व प्रमाण, और ये सर्टिफिकेट कि पहले खेत में कुआँ नहीं है।
- ऑनलाइन जाएँ: mahadbt.gov.in पर जाएँ। नया रजिस्ट्रेशन करें या लॉगिन करें।
- फॉर्म भरें: ‘बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना’ चुनें। बोरवेल सब्सिडी का ऑप्शन आएगा। जानकारी भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
- सबमिट करें: फॉर्म चेक करके जमा करें। आपको आवेदन नंबर मिलेगा, उसे संभालकर रखें।
- जाँच होगी: कृषि अधिकारी खेत और कागज देखेंगे। सब ठीक रहा, तो सब्सिडी मंजूर होगी।
- संपर्क: दिक्कत हो तो नजदीकी तालुका कृषि कार्यालय या CSC केंद्र से मदद लें।
और क्या खास है?
पहले इनवेल बोरिंग के लिए 20,000 रुपये तक मदद थी। अब बोरवेल को 50,000 रुपये तक बढ़ाना बड़ा कदम है। गहरे पानी वाले इलाकों में ये खूब काम आएगा। साथ ही, सूक्ष्म सिंचन के लिए PMKSY के साथ मिलाकर 90% तक अनुदान मिल सकता है। बोरवेल के बाद पाइप और पंप के लिए भी अलग से मदद ले सकते हैं। इससे पानी का पूरा इस्तेमाल होगा।
खेती में नया बदलाव
ये योजना छोटे और मझोले किसानों के लिए सोने पे सुहागा है। पानी की कमी से जो फसल बर्बाद होती थी, वो अब नहीं होगी। बोरवेल से खेतों में हरियाली छाएगी, और आपकी मेहनत का दाम बढ़ेगा। सरकार का मकसद है कि राज्य का हर किसान मजबूत बने।
अभी करें शुरू
अगर आप SC/ST वर्ग से हैं और जमीन है, तो फटाफट आवेदन करें। ये मौका खेती को नई ऊँचाई देगा। पानी की दिक्कत को अलविदा कहें, और मेहनत का पूरा फल पाएँ।
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