गोवा सरकार ने एक नई धान की किस्म, गोवा धन-5, को खरीफ 2026 सीजन से बड़े पैमाने पर किसानों के लिए उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। राज्य के कृषि मंत्री रवि नाइक ने विधानसभा में बताया कि यह नया बीज खेतों में चल रहे परीक्षणों में शानदार नतीजे दे रहा है। यह किस्म न सिर्फ खारे पानी को सहन कर सकती है, बल्कि बाढ़ और जलभराव जैसी मुश्किल परिस्थितियों में भी बेहतर पैदावार देती है।
खारे पानी और बाढ़ में भी मजबूत
गोवा धन-5 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने पहले की चार किस्मों गोवा धन-1, धन-2, धन-3 और धन-4 के आधार पर विकसित किया है। ये चारों किस्में खारे पानी को सहन करने में सक्षम थीं, लेकिन गोवा धन-5 इससे भी एक कदम आगे है। यह नया बीज 10 से 15 दिन तक पानी में पूरी तरह या आंशिक रूप से डूबने के बावजूद भी खराब नहीं होता। गोवा के तटीय और बाढ़ प्रभावित इलाकों में खेती करने वाले किसानों के लिए यह किस्म किसी वरदान से कम नहीं। चाहे भारी बारिश हो या खेत में पानी भर जाए, यह बीज पौधों को सुरक्षित रखता है।
मजबूत तना, कम गिरने का खतरा
बरसात में अक्सर धान के पौधे तेज हवा या बारिश के कारण गिर जाते हैं, जिससे पैदावार को नुकसान होता है। लेकिन गोवा धन-5 का तना इतना मजबूत है कि यह पौधों को गिरने से बचाता है। कृषि मंत्री रवि नाइक के मुताबिक, इस खासियत की वजह से गोवा के बरसाती मौसम में भी फसल सुरक्षित रहती है। यह किस्म मशीन से कटाई के लिए भी उपयुक्त है, जिससे किसानों का समय और मेहनत दोनों बचते हैं। गोवा जैसे छोटे खेतों वाले राज्य में यह सुविधा किसानों के लिए बड़ा फायदा है।
शानदार पैदावार, किसानों को फायदा
परीक्षणों में गोवा धन-5 ने कमाल के नतीजे दिखाए हैं। सामान्य परिस्थितियों में यह प्रति हेक्टेयर 6 टन तक धान दे सकता है, जबकि खारे पानी वाले खेतों में भी 4 से 4.5 टन की पैदावार मिल रही है। फिलहाल, उत्तर और दक्षिण गोवा के अमोना, चोराओ, नेउरा, शिरोडा और कुम्बारजुवा गांवों में 40 से ज्यादा किसान इस बीज की खेती आजमा रहे हैं। मिनीकिट कार्यक्रम के तहत किए गए प्रदर्शन खेतों में यह बीज किसानों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। यह गोवा के उन किसानों के लिए वरदान है, जो खारे पानी और बाढ़ की वजह से खेती में दिक्कत झेलते हैं।
खरीफ 2026 से पहले होगी बीज की उपलब्धता
कृषि मंत्री ने बताया कि गोवा धन-5 का प्रदर्शन इस खरीफ सीजन में और जांचा जाएगा। इसके बाद दिसंबर 2025 में इसे राज्य स्तरीय किस्म जारी समिति (SVRC) के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो खरीफ 2026 की बुवाई से पहले यह बीज गोवा के किसानों के लिए उपलब्ध होगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस नई किस्म से गोवा में धान की पैदावार बढ़े और किसानों की कमाई में इजाफा हो। यह गोवा की खेती को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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