Goat meat: बकरी पालन को ग्रामीण इलाकों में ‘एटीएम’ कहा जाता है। इसका कारण यह है कि जब चाहें, बकरी का दूध निकालकर बेच सकते हैं और जरूरत पड़ने पर बकरों को बाजार में बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
छह महीने में बकरी पालन से मुनाफा कमाएं
अगर सही रणनीति अपनाई जाए, तो छह महीने में ही बकरी पालन से मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मीट के लिए बकरों को विशेष रूप से पाला जाए और समय पर बाजार में बेचा जाए।
अब बकरी के दूध की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है। पहले यह व्यवसाय मुख्य रूप से मीट के लिए किया जाता था, लेकिन अब बकरी का दूध भी एक लाभदायक उत्पाद बन चुका है।
बकरे के मीट पर किसी प्रकार की कोई धार्मिक आपत्ति नहीं होती, इसलिए भारत समेत कई देशों में इसकी अच्छी मांग बनी रहती है। छह महीने का बकरा बाजार में आसानी से 7,000 से 8,000 रुपये तक बिक सकता है।
मुनाफा बढ़ाने के लिए इन खास नस्लों को पालें
गोट एक्सपर्ट और वैज्ञानिक डॉ. गोपालदास के अनुसार, बकरी पालन के लिए सही नस्ल चुनना बहुत जरूरी है।
मीट उत्पादन के लिए सर्वश्रेष्ठ नस्लें:
- बरबरी
- जमनापरी
- जखराना
- ब्लैक बंगाल
- सोनपरी
- सुजोत
इन नस्लों की खासियत यह है कि ये तेजी से बढ़ती हैं और इनका मीट बाजार में ऊंची कीमत पर बिकता है। जमनापरी और जखराना नस्ल की बकरियां दूध भी अधिक देती हैं, जिससे दोहरा लाभ मिलता है।
बकरी मीट एक्सपोर्ट में आने वाली रुकावटें अब नहीं
CIRG (Central Institute for Research on Goats) से जुड़े एक्सपर्ट्स के अनुसार, पहले बकरे के मीट को एक्सपोर्ट करने में काफी समस्याएं आती थीं। मुख्य समस्या मीट में पाए जाने वाले केमिकल तत्व थे, जो कि चारे में मौजूद कीटनाशकों के कारण होते थे।
CIRG ने अब ऑर्गेनिक चारा उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसे खाने से बकरों के मीट में कोई केमिकल नहीं पाया जाता। इस चारे को अपनाने वाले बकरी पालकों को मीट एक्सपोर्ट में कोई समस्या नहीं आती और वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत पर मीट बेच सकते हैं।
बकरी पालन के लिए जरूरी टिप्स
- सही नस्ल चुनें – मीट और दूध उत्पादन के लिए बेहतरीन नस्लों का चयन करें।
- पौष्टिक आहार दें – ऑर्गेनिक चारे का उपयोग करें जिससे बकरों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे।
- स्वास्थ्य देखभाल करें – समय-समय पर टीकाकरण करवाएं और पशु चिकित्सक से सलाह लें।
- बाजार पर नजर रखें – स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझानों को समझें और सही समय पर बिक्री करें।
- सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं – केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी लें और सब्सिडी प्राप्त करें।
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