किसानों के लिए खुशखबरी! पॉली हाउस पर मिल रहा है 95% तक सरकारी सहयोग

राजस्थान के बीकानेर जिले में खेती-किसानी अब नई तकनीक के साथ एक नया रंग ले रही है। सरकार इजराइल की तर्ज पर हाई-टेक पॉली हाउस के जरिए किसानों को उन्नत और रोगमुक्त पौधे देने के साथ-साथ फसलों का उत्पादन बढ़ाने का काम कर रही है। खासकर लूणकरणसर के ग्राम सहनीवाला को हाई-टेक हॉर्टिकल्चर मॉडल क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसे ‘मिनी इजराइल’ का नाम दिया गया है।

इस पहल में न सिर्फ किसानों को आधुनिक तकनीक से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बल्कि पॉली हाउस और अन्य उपकरणों पर भारी सब्सिडी भी दी जा रही है। आइए, जानते हैं कि ये योजना किसानों के लिए कैसे फायदेमंद है और बीकानेर में ये कैसे बदलाव ला रही है।

मिनी इजराइल की राह पर

लूणकरणसर का ग्राम सहनीवाला अब खेती की दुनिया में एक नया नाम बन रहा है। राजस्थान के कृषि और उद्यानिकी विभाग ने इसे हाई-टेक हॉर्टिकल्चर मॉडल क्लस्टर के रूप में चुना है। यहाँ 30 किसानों को चयनित किया गया है, जिन्हें पॉली हाउस, शेड नेट हाउस, लॉ-टनल, प्लास्टिक मल्च, सोलर पंप और ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों का लाभ दिया जा रहा है। हर किसान को पॉली हाउस या शेड नेट हाउस के साथ कम से कम चार अन्य घटकों का फायदा मिलेगा।

इन तकनीकों से किसान कम लागत में ज्यादा और बेहतर पैदावार ले सकेंगे। 30 अप्रैल 2025 को कृषि और उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने सहनीवाला का दौरा किया और इस प्रोजेक्ट को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

पॉली हाउस पर 95 फीसदी सब्सिडी

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत है इसका अनुदान। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को पॉली हाउस लगाने के लिए 2000 वर्ग मीटर की सीमा तक 95 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। यानी, अगर पॉली हाउस की लागत 20 लाख रुपये है, तो किसान को सिर्फ 1 लाख रुपये देने होंगे, बाकी सरकार देगी। ये सब्सिडी छोटे किसानों के लिए बड़ी राहत है, क्योंकि पॉली हाउस की लागत आमतौर पर ज्यादा होती है। इसके अलावा, शेड नेट हाउस, सोलर पंप और ड्रिप सिंचाई जैसे उपकरणों पर भी अनुदान मिल रहा है। इन सुविधाओं से किसान मौसम की मार से अपनी फसलों को बचा सकेंगे और साल भर अच्छी पैदावार ले सकेंगे।

प्रशिक्षण से बढ़ रही है जागरूकता

पॉली हाउस और हाई-टेक खेती को सफल बनाने के लिए सिर्फ पैसा देना काफी नहीं है, इसके लिए सही जानकारी और प्रशिक्षण भी जरूरी है। बीकानेर के लूणकरणसर में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) किसानों को आधुनिक खेती की ट्रेनिंग दे रहा है। शासन सचिव राजन विशाल ने केवीके का दौरा कर निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय और कृषि-उद्यानिकी विभाग मिलकर साल भर प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएँ। इन प्रशिक्षणों में किसानों को पॉली हाउस में फसल उगाने, ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल, और कीट-रोग प्रबंधन जैसे विषयों की जानकारी दी जा रही है। इससे किसान नई तकनीकों को आसानी से समझ और अपना सकेंगे।

जैतून की खेती को भी मिला बढ़ावा

इस दौरे के दौरान शासन सचिव ने लूणकरणसर के आरओसीएल जैतून फार्म और तेल प्रसंस्करण इकाई का भी जायजा लिया। उन्होंने जैतून उत्पादक किसानों से प्राप्त फलों से समय पर तेल निकालने के निर्देश दिए। जैतून फार्म के प्रभारी ने बताया कि अब तक कितना तेल उत्पादित हुआ और इसकी प्रक्रिया कैसे चल रही है। बीकानेर में जैतून की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार प्रयासरत है, जिससे किसानों को एक और नकदी फसल का विकल्प मिले। ये कदम न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि इलाके की मिट्टी और मौसम के लिए उपयुक्त फसलों को भी प्रोत्साहन देगा।

ग्राह्य परीक्षण केंद्र से बेहतर गुणवत्ता

शासन सचिव ने लूणकरणसर के ग्राह्य परीक्षण केंद्र (एटीसी) का भी दौरा किया। ये केंद्र किसानों को उन्नत किस्मों के बीज और पौधे उपलब्ध कराने में मदद करता है। यहाँ फसलों की गुणवत्ता की जाँच की जाती है, ताकि किसानों को रोगमुक्त और बेहतर पैदावार देने वाले पौधे मिलें। इस केंद्र के जरिए किसानों को नई तकनीकों और फसलों की जानकारी भी दी जाती है। शासन सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केंद्र की सुविधाओं को और बेहतर किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इसका लाभ ले सकें।

हाई-टेक पॉली हाउस और उद्यानिकी मॉडल क्लस्टर का लाभ लेने के लिए किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले, अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या उद्यानिकी विभाग से संपर्क करें और प्रशिक्षण लें। दूसरा, पॉली हाउस लगाने से पहले अपनी जमीन और फसल की जरूरतों को समझें। तीसरा, सब्सिडी का लाभ लेने के लिए समय पर आवेदन करें। राजस्थान सरकार के राज किसान पोर्टल (rajkisan.rajasthan.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा, नजदीकी जन सेवा केंद्र या ई-मित्र पर भी आवेदन की सुविधा है। और सबसे जरूरी, धैर्य और मेहनत के साथ नई तकनीकों को अपनाएँ। ये योजना न सिर्फ आपकी आय बढ़ाएगी, बल्कि आपके खेतों को भी नया जीवन देगी।

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  • Shashikant

    नमस्ते, मैं शशिकांत। मैं 2 साल से पत्रकारिता कर रहा हूं। मुझे खेती से सम्बंधित सभी विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी एकदम सटीक ताजा खबरें बताऊंगा। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं। जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप Krishitak.com के साथ जुड़े रहिए।

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