सरकार ने e-NAM पोर्टल पर जोड़े 7 नए उत्पाद! जानिए कौन-कौन सी फसलें होंगी अब ऑनलाइन

किसान भाइयों, अब आपकी मेहनत का सही दाम पाने का रास्ता और आसान हो गया है। केंद्र सरकार ने ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) पोर्टल पर सात नए उत्पाद जोड़े हैं, जिससे आपकी फसलों की बिक्री देशभर में होगी और अच्छा मुनाफा मिलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 9 जुलाई 2025 को इसकी घोषणा की। नए उत्पादों में जर्दालू आम, शाही लीची, गन्ना, मर्चा चावल, कतरनी चावल, मगही पान और बनारसी पान शामिल हैं। अब ई-नाम पर कुल 238 फसलों की ऑनलाइन बिक्री हो सकेगी। इससे आपकी जेब मज़बूत होगी और खेती का काम और पारदर्शी बनेगा। आइए जानते हैं कि ये पोर्टल आपके लिए क्या खास लाया है।

सात नए उत्पाद, बड़ा फायदा

ई-नाम पोर्टल एक ऐसा ऑनलाइन मंच है, जो देश की सारी मंडियों को एक साथ जोड़ता है। अब इसमें सात नए उत्पाद जोड़े गए हैं जर्दालू आम, शाही लीची, गन्ना, मर्चा चावल, कतरनी चावल, मगही पान और बनारसी पान। ये खास फसलें बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर के किसानों के लिए वरदान हैं। मिसाल के तौर पर, बिहार का जर्दालू आम अब दिल्ली या कोलकाता के खरीदारों तक आसानी से पहुँचेगा। बनारसी पान और मगही पान की माँग भी अब देशभर में बढ़ेगी। इन उत्पादों को जोड़ने से पहले सरकार ने किसानों और व्यापारियों से लंबी चर्चा की ताकि हर फसल की क्वालिटी के हिसाब से सही दाम मिले।

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चार फसलों के नियमों में बदलाव

पोर्टल पर सिर्फ़ नए उत्पाद ही नहीं जोड़े गए, बल्कि चार मौजूदा फसलों सिंघाड़े का आटा, सिंघाड़ा, बेबी कॉर्न और ड्रैगन फ्रूट के बिक्री नियमों में भी सुधार किया गया है। इन बदलावों से इन फसलों को बेचना और आसान हो गया है। कृषि मंत्रालय ने इनके लिए नए मापदंड बनाए हैं, जो ये तय करते हैं कि फसल की क्वालिटी के हिसाब से सही कीमत मिले। इससे बिचौलियों का खेल कम होगा, और आपको अपनी मेहनत का पूरा दाम मिलेगा। मापदंडों में फसल का आकार, रंग और गुणवत्ता जैसी चीज़ें शामिल हैं, जो खरीदारों को भरोसा देती हैं।

ई-नाम से कैसे बढ़ेगा मुनाफा?

ई-नाम पोर्टल का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आप अपने गाँव से ही फसल बेच सकते हैं, और देशभर के खरीदारों तक पहुँच सकते हैं। मिसाल के तौर पर, अगर आप उत्तर प्रदेश में बनारसी पान उगाते हैं, तो अब मुंबई या चेन्नई के खरीदार सीधे आपसे खरीद सकते हैं। पोर्टल पर हर फसल की क्वालिटी के मापदंड साफ हैं, जिससे खरीदार को भरोसा रहता है और आपको बेहतर दाम मिलता है। पेमेंट भी सीधे आपके बैंक खाते में आता है, जो तेज़ और सुरक्षित है। ये पोर्टल छोटे और मझोले किसानों के लिए खास है, क्योंकि अब आपको स्थानीय मंडी के कम दामों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

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क्यों है ये योजना खास?

कृषि मंत्री का कहना है कि ई-नाम पर नए उत्पाद जोड़ने से छोटे किसानों को सबसे ज़्यादा फायदा होगा। जर्दालू आम, शाही लीची और मगही पान जैसे उत्पाद, जो खास इलाकों में उगते हैं, अब पूरे देश में बिक सकेंगे। गन्ना और मर्चा-कतरनी चावल की ऑनलाइन बिक्री से भी किसानों को स्थानीय मंडियों की मजबूरी से छुटकारा मिलेगा। ये कदम न सिर्फ़ आपकी कमाई बढ़ाएगा, बल्कि खेती को डिजिटल और आसान बनाएगा। इससे गाँवों की अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी, और किसानों का भरोसा बढ़ेगा।

ई-नाम का इस्तेमाल कैसे करें?

ई-नाम पोर्टल का फायदा उठाने के लिए आपको enam.gov.in पर रजिस्टर करना होगा। इसके लिए आधार नंबर, बैंक खाता और फसल की जानकारी देनी होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद आप अपनी फसल को ऑनलाइन लिस्ट कर सकते हैं। पोर्टल पर आपको मंडियों के दाम, खरीदारों के ऑफर और फसलों की जानकारी मिलेगी। अगर आप गन्ना, पान या आम बेचना चाहते हैं, तो उनकी क्वालिटी के हिसाब से मापदंड चुनें और बिक्री शुरू करें। अपने नज़दीकी APMC मंडी या कृषि विभाग से संपर्क करके और जानकारी ले सकते हैं। ये पोर्टल आपकी मेहनत को सही कीमत दिलाने का आसान रास्ता है।

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  • Rahul

    मेरा नाम राहुल है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं और संभावना इंस्टीट्यूट से पत्रकारिता में शिक्षा प्राप्त की है। मैं krishitak.com पर लेखक हूं, जहां मैं खेती-किसानी, कृषि योजनाओं पर केंद्रित आर्टिकल लिखता हूं। अपनी रुचि और विशेषज्ञता के साथ, मैं पाठकों को लेटेस्ट और उपयोगी जानकारी प्रदान करने का प्रयास करता हूं।

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