Subsidy on Drip Sprinkler : गर्मी बढ़ रही है, पानी घट रहा है, और ऐसे में खेती करना आपके लिए बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन चिंता मत कीजिए, सरकार आपके साथ है। फसलों को कम पानी में उगाने के लिए राज्य सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान चला रही है। अप्रैल में ये योजना खास तौर पर पानी को बचाने, उसे साफ रखने, पेड़ बढ़ाने और सस्ती बिजली को बढ़ावा देने पर जोर देगी। पुराने तालाबों और कुओं को भी ठीक किया जाएगा, ताकि आपके खेतों को पानी मिले। किसान भाइयों के लिए ये बड़ा मौका है।
ड्रिप और स्प्रिंकलर से आसान सिंचाई
उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा जी कहते हैं कि पानी का सही इस्तेमाल हो, इसके लिए सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दे रही है। इन तरीकों से पानी की बर्बादी रुकती है और फसल को जितना चाहिए, उतना ही मिलता है। अच्छी बात ये है कि सरकार इसके लिए 90 फीसदी तक पैसा दे रही है। साथ ही, नए तालाब या कुएँ बनाने के लिए भी 90 फीसदी अनुदान मिलेगा। इससे आपके खेत में पानी की कमी नहीं होगी।
जल-जीवन-हरियाली से खेती में नया रंग
मंत्री जी का कहना है कि जल, जीवन और हरियाली एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। पानी के बिना खेती नहीं, और हरियाली के बिना पानी नहीं बचता। 20 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री नीतीश जी ने जलवायु के हिसाब से खेती का प्लान शुरू किया था। “जैसा मौसम, वैसी फसल” का नारा दिया, जो आज देश-दुनिया में मशहूर है। आज बारिश का ठिकाना नहीं, गर्मी बढ़ रही है, और भूजल नीचे जा रहा है। ऐसे में ये अभियान आपके लिए वरदान है।
15 विभाग मिलकर करेंगे मदद
कृषि मंत्री ने बताया कि अप्रैल में जल-जीवन-हरियाली का बड़ा काम कृषि विभाग करेगा। इसमें 15 और विभाग भी साथ दे रहे हैं, जैसे ग्रामीण विकास, शिक्षा, जल संसाधन, वन और ऊर्जा विभाग। सब मिलकर पानी बचाने, पेड़ लगाने और खेती को आसान बनाने का काम करेंगे। गाँव में तालाब साफ होंगे, कुएँ बनेंगे, और बिजली का इंतजाम होगा।
जैविक खेती से बढ़ेगी कमाई
सरकार जैविक खेती को बढ़ाने के लिए भी मेहनत कर रही है। बिहार राज्य जैविक मिशन के तहत आपके लिए खास योजना है। जैविक कॉरिडोर वाले जिलों में सब्जियाँ उगाई जा रही हैं। इसके अलावा काला गेहूँ, कतरनी चावल, रंग-बिरंगी फूलगोभी, ब्रोकली, शिमला मिर्च और ड्रैगन फ्रूट जैसी खास फसलें भी बोई जा रही हैं। इनसे आपको अच्छा दाम मिलेगा और बाजार में पहचान बनेगी।
अगर आप इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं, तो कुछ बातें ध्यान रखिए। ड्रिप या स्प्रिंकलर लगवाने के लिए गाँव के कृषि अफसर से मिलिए, वो कागजी काम में मदद करेंगे। तालाब या कुआँ बनवाना हो, तो पंचायत में बात करिए, 90 फीसदी पैसा सरकार देगी। जैविक खेती के लिए गोबर की खाद और नीम का तेल इस्तेमाल करिए, ये सस्ता और असरदार है। फसल को मौसम के हिसाब से चुनिए, जैसे गर्मी में करेला या ड्रैगन फ्रूट।
तो भाइयों, जल-जीवन-हरियाली आपके खेतों को हरा-भरा रखने और जेब भरने का बड़ा मौका है। कम पानी में बंपर फसल उगाइए, सरकार की मदद लीजिए, और खेती को नई ऊँचाई दीजिए।
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