आप सबके लिए उत्तराखंड सरकार ने एक ऐसी योजना लाई है, जो आपके घर की लक्ष्मी को और चमका देगी। इसका नाम है गंगा गाय महिला डेयरी योजना। ये कोई साधारण योजना नहीं, बल्कि गाँव की बहनों को अपने पैरों पर खड़ा करने और घर-परिवार को मज़बूत करने का पक्का रास्ता है। इस योजना में सरकार आपको गाय-भैंस खरीदने, उनके रहने की जगह बनाने और चारे का इंतज़ाम करने के लिए पैसा देती है। वो भी ऐसा कि आपको अपनी जेब से एक पैसे का बोझ नहीं उठाना पड़ता। आइए, इस योजना को अपनी भाषा में समझें, ताकि आप भी इसका फायदा उठा सकें।
गंगा गाय योजना क्या है?
ये योजना खास तौर पर गाँव की बहनों के लिए बनाई गई है, ताकि आप दूध का धंधा शुरू करके अपने परिवार की आमदनी बढ़ा सकें। सरकार इसमें आपको गाय या भैंस खरीदने के लिए मोटी रकम देती है, जो सीधे आपके बैंक खाते में आती है। इतना ही नहीं, गाय के लिए शेड बनाने और उनके खाने-पीने का इंतज़ाम करने के लिए भी मदद मिलती है। इस योजना का मकसद है कि आप अपने घर में बैठकर दूध बेचें, अच्छी कमाई करें और गाँव में रोज़गार का नया रास्ता बनाएँ। ये ऐसा काम है, जो न सिर्फ आपकी जेब भरेगा, बल्कि गाँव को भी मज़बूत करेगा।
कितना पैसा मिलेगा और कैसे?
अब बात करते हैं पैसे की, जो आपके लिए सबसे ज़रूरी है। अगर आप दो गाय खरीदना चाहते हैं, तो सरकार आपको 1.5 लाख रुपये से ज्यादा देगी। अगर तीन गाय चाहिए, तो 2.5 लाख के आसपास, और पाँच गाय के लिए 4.5 लाख तक मिल सकते हैं। सबसे मज़ेदार बात ये है कि अगर आप अनुसूचित जाति या जनजाति से हैं, तो 75 फीसदी पैसा सरकार दे देगी। बाकी का हिस्सा बैंक से लोन मिलेगा, जिसे आप दूध बेचकर आराम से चुका सकते हैं। अगर आप सामान्य वर्ग से हैं, तो भी 50 फीसदी की छूट मिलेगी। यानी शुरू में आपको बस मेहनत करनी है, पैसों का इंतज़ाम सरकार और बैंक कर देंगे।
इस योजना का फायदा कौन ले सकता है?
ये योजना उत्तराखंड में रहने वाली उन बहनों के लिए है, जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है और जो गाँव में पक्की निवासी हैं। एक और बात, आपको अपने गाँव की दूध वाली सहकारी समिति का हिस्सा होना चाहिए। अगर आप अभी समिति की सदस्य नहीं हैं, तो फिकर न करें, आवेदन के वक्त आपको सदस्य बना दिया जाएगा। बस इतना ध्यान रखें कि आपके पास ज़रूरी कागज़ात तैयार हों, ताकि काम में कोई रुकावट न आए।
कागज़ात क्या-क्या चाहिए?
आवेदन के लिए कुछ साधारण कागज़ात चाहिए, जो गाँव में आसानी से मिल जाते हैं। आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते की जानकारी और अगर आप SC/ST से हैं तो जाति का प्रमाण-पत्र देना होगा। साथ में, आपकी ज़मीन या घर का कोई कागज़ भी चाहिए। अगर आप दूध समिति की सदस्य हैं, तो उसकी जानकारी भी जोड़ दें। ये सब कागज़ इकट्ठा कर लें, और आपका काम आसान हो जाएगा।
आवेदन कैसे करें?
आवेदन करना बहुत आसान है। आप अपने गाँव की दूध सहकारी समिति, डेयरी विकास विभाग के दफ्तर या जिला सहकारी बैंक में जाएँ। वहाँ से आपको एक फॉर्म मिलेगा, जिसमें अपनी जानकारी भरकर कागज़ात जमा करने होंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो कुछ ही दिनों में पैसा आपके खाते में आ जाएगा। गाय भी अच्छी नस्ल की मिलेंगी, जिनकी सेहत की पूरी जाँच की जाती है। आप बस गाय को घर लाएँ और दूध का धंधा शुरू करें।
कमाई कैसे होगी और लोन कैसे चुकाना है?
अब बात कमाई की। इस योजना में एक शर्त है कि आप जो दूध निकालेंगे, उसे गाँव की दूध समिति को बेचना होगा। इससे आपको दूध का सही दाम मिलेगा, बिना किसी चक्कर के। समिति आपके दूध के पैसे से लोन की किस्तें बैंक को दे देगी, और बाकी पैसा आपका होगा। इस पैसे से आप अपने घर का खर्च चला सकते हैं, बच्चों की पढ़ाई करवा सकते हैं, या जो मन में आए वो कर सकते हैं। एक बार गाय पालने का हुनर आ गया, तो ये धंधा सालों तक आपकी कमाई का ज़रिया बनेगा।
कितनी बहनें उठा रही हैं फायदा?
आपको जानकर खुशी होगी कि 2024-25 में 450 से ज्यादा बहनें इस योजना से जुड़कर कमाई कर रही हैं। ये बहनें न सिर्फ अपने घर चला रही हैं, बल्कि गाँव में पशुपालन को बढ़ाकर सबके लिए मिसाल बन रही हैं। ये आंकड़ा दिखाता है कि ये योजना गाँव की बहनों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। अगर आप भी इस मौके को हाथ से न जाने दें, तो आपका नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता है।
अब देर न करें। अपने गाँव की दूध समिति से आज ही बात करें, कागज़ात तैयार करें और इस गंगा गाय महिला डेयरी योजना से जुड़कर अपने परिवार और गाँव का नाम रोशन करें। ये मौका है आपके लिए, जो मेहनत और हिम्मत से आपके सपनों को सच कर सकता है।
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