छत या आँगन में उगाएँ आम का पेड़, कम जगह, ज़्यादा मुनाफा, ग्रो बैग में आम उगाने की पूरी गाइड

Grow Bag: हमारे देश में आम न केवल स्वादिष्ट फल के रूप में लोकप्रिय है, बल्कि यह बागवानी के लिए भी एक आकर्षक विकल्प है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान जैसे राज्यों में शहरीकरण और सीमित जगह ने पारंपरिक खेती को चुनौती दी है। ऐसे में, ग्रो बैग में आम की खेती कम जगह में फल उत्पादन का शानदार तरीका है। यह तकनीक शहरी बागवानों, छतों, और छोटे किसानों के लिए आदर्श है। ग्रो बैग में आम उगाने से न केवल ताजे फल मिलते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी हरियाली मिलती है। यह लेख ग्रो बैग में आम की खेती, रोपण, देखभाल, लाभ, और चुनौतियों पर विस्तृत जानकारी देगा।

ग्रो बैग में आम की खेती क्यों चुनें

आम की खेती पारंपरिक रूप से बड़े बगीचों में की जाती है, जिसमें पेड़ों के लिए 8-10 मीटर जगह चाहिए। ग्रो बैग तकनीक इस समस्या का समाधान है, क्योंकि यह छतों, बालकनियों, और छोटे आँगनों में खेती की सुविधा देता है। ग्रो बैग हल्के, पोर्टेबल, और जड़ों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। बौनी और ग्राफ्टेड किस्में (जैसे अम्रपाली, मल्लिका) ग्रो बैग के लिए उपयुक्त हैं, जो 3-5 साल में फल देती हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बिहार के पटना, और राजस्थान के जयपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में यह तकनीक तेजी से अपनाई जा रही है। यह पर्यावरण अनुकूल है और जैविक खेती को बढ़ावा देता है।

ये भी पढ़ें – Gardening Tips: धूप से झुलस रहा मनी प्लांट? आजमाएं ये उपाय और देखें कमाल!

उपयुक्त जलवायु और किस्में

आम की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु आदर्श है, जहाँ तापमान 24-35 डिग्री सेल्सियस और 500-1500 मिमी वर्षा हो। सर्दियों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं जाना चाहिए। उत्तर भारत के गर्म मैदानी क्षेत्र, जैसे लखनऊ, भागलपुर, भोपाल, और उदयपुर, इसके लिए उपयुक्त हैं।

ग्रो बैग के लिए बौनी और ग्राफ्टेड किस्में चुनें:

  • अम्रपाली: छोटा पेड़, मीठे फल, 3-4 साल में फलन।

  • मल्लिका: रसीले फल, रोग प्रतिरोधी, 4-5 साल में फल।

  • दशहरी: लखनऊ में लोकप्रिय, मध्यम आकार।

ग्राफ्टेड पौधे KVK, CISH, या विश्वसनीय नर्सरियों से प्राप्त करें, क्योंकि ये जल्दी फल देते हैं।

ग्रो बैग और रोपण की प्रक्रिया

ग्रो बैग में आम उगाने के लिए सही सामग्री और तकनीक जरूरी है। 24x24x12 इंच का UV-स्थिर ग्रो बैग चुनें, जिसमें जल निकास के लिए 6-8 छेद हों। पॉटिंग मिक्स के लिए 40% दोमट मिट्टी, 30% वर्मी कम्पोस्ट, 20% कोकोपीट, और 10% रेत मिलाएँ। मिश्रण का pH 6-7 होना चाहिए। प्रत्येक बैग में 100 ग्राम नीम खली और 50 ग्राम NPK (10:26:26) डालें।

ये भी पढ़ें – हल्दी से बने इस देसी घोल को पौधों पर छिडकें, ना कीट आएंगे ना पत्तियां सूखेंगी, जानिए पूरा तरीका

रोपण के लिए:

  1. ग्राफ्टेड पौधा (1-2 साल पुराना) चुनें। जड़ों को हल्के से साफ करें।

  2. ग्रो बैग में आधा मिश्रण भरें। पौधे को केंद्र में रखें और बाकी मिश्रण से भरें।

  3. तने को सहारा देने के लिए बाँस की स्टिक लगाएँ। हल्की सिंचाई करें।

  4. बैग को ऐसी जगह रखें, जहाँ 6-8 घंटे धूप मिले।

रोपण का आदर्श समय वर्षा ऋतु (जून-जुलाई) है। पहले महीने सप्ताह में 2-3 बार हल्की सिंचाई करें।

देखभाल और रखरखाव

आम के पौधे की देखभाल में सिंचाई, उर्वरक, और छँटाई महत्वपूर्ण हैं। गर्मियों में सप्ताह में 2-3 बार और सर्दियों में 7-10 दिन में सिंचाई करें। ड्रिप सिस्टम पानी की बचत करता है। प्रत्येक बैग में हर 3 महीने में 100 ग्राम वर्मी कम्पोस्ट और 20 ग्राम NPK डालें। फलन शुरू होने पर 50 ग्राम पोटाश अतिरिक्त दें।

छँटाई से पौधा 4-6 फीट तक सीमित रहता है। सूखी टहनियों और घनी शाखाओं को हटाएँ। कीटों (मैंगो हॉपर, फल मक्खी) से बचाव के लिए नीम तेल (5 मिली/लीटर) का छिड़काव करें। फफूंद रोग से बचने के लिए कार्बेंडाजिम (0.1%) का उपयोग करें। CISH सलाह देता है कि मल्चिंग (सूखी पत्तियाँ) से नमी बनी रहती है।

कटाई और उत्पादन

ग्रो बैग (Grow Bag) में आम का पौधा 3-5 साल में फल देना शुरू करता है। एक परिपक्व पौधा प्रति वर्ष 5-15 किलो फल दे सकता है, जो किस्म पर निर्भर करता है। फल पूरी तरह रंग बदलने (हल्का पीला/लाल) और हल्की सुगंध आने पर तोड़ें। ताजे फल 10-15 दिन तक स्टोर किए जा सकते हैं।

ग्रो बैग में आम की खेती कम जगह में फल उत्पादन का शानदार तरीका है। अम्रपाली और मल्लिका जैसी किस्में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। ICAR और CISH की सलाह के साथ NHM की सब्सिडी का लाभ उठाकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान के बागवान इसे अपनाकर आय बढ़ा सकते हैं। आज ही ग्रो बैग में आम का पौधा लगाएँ और हरित, लाभकारी भविष्य बनाएँ।

ये भी पढ़ें- गमले में इलायची की खेती: जानिए इसे उगाने का रहस्य जो बदलेगा आपकी किस्मत

Author

  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

    View all posts

Leave a Comment