घर की बालकनी में उगाएँ लाल शिमला मिर्च, 100% अंकुरण और शानदार उपज की गारंटी

घर का बगीचा न सिर्फ हरियाली का स्रोत है, बल्कि ताजी और स्वादिष्ट सब्जियों का खजाना भी बन सकता है। लाल शिमला मिर्च, जो रंग, स्वाद और पोषण से भरपूर होती है, आपके बगीचे की शोभा बढ़ा सकती है। NSC के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों से यह काम और भी आसान हो जाता है। मात्र 1 ग्राम बीज पैक से आप 10-15 पौधे उगा सकते हैं, जो 3-4 महीने में चमकीले लाल फल देने लगते हैं। यह फसल विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है।

घरेलू बागवानी में यह सब्जी सलाद, करी, स्टफिंग और पिज्जा टॉपिंग के लिए पसंदीदा है। NSC के बीज उच्च अंकुरण दर (90% से अधिक) और रोग प्रतिरोधी गुणों के कारण विश्वसनीय हैं। आइए, जानें लाल शिमला मिर्च कैसे उगाएँ।

लाल शिमला मिर्च की विशेषताएँ

NSC का लाल शिमला मिर्च बीज हाइब्रिड किस्म का है, जो गर्म और ठंडी दोनों जलवायु में अच्छी तरह बढ़ता है। पौधे 60-80 सेमी ऊँचे होते हैं, और फल 8-10 सेमी लंबे, चौकोर आकार के होते हैं। हरा से लाल रंग में बदलते फल मीठे और रसीले होते हैं। एक पौधा 1-1.5 किलोग्राम फल देता है, और 1 ग्राम बीज से 10-15 पौधे तैयार हो सकते हैं। यह किस्म फफूंदी और वायरस प्रतिरोधी है। फल विटामिन C से भरपूर होते हैं, जो प्रतिरक्षा बढ़ाते हैं। घरेलू बगीचे में गमलों या ग्रो बैग्स में आसानी से उगाए जा सकते हैं।

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बुवाई का सही समय और विधि

लाल शिमला मिर्च की बुवाई सालभर की जा सकती है, लेकिन उत्तर भारत में सितंबर-नवंबर और फरवरी-मार्च आदर्श समय है। NSC के 1 ग्राम बीज से नर्सरी तैयार करें। बीज को 12 घंटे पानी में भिगोएँ, फिर नर्सरी ट्रे या छोटे गमलों में बोएँ। मिट्टी का मिश्रण 50% बगीचे की मिट्टी, 30% गोबर खाद और 20% रेत का रखें। बीज 0.5 सेमी गहराई पर बोएँ और हल्की सिंचाई करें। 7-10 दिन में अंकुरण होगा। 25-30 दिन बाद, जब पौधे 10-15 सेमी ऊँचे हों, मुख्य स्थान पर रोपाई करें। गमले 12×12 इंच के या जमीन में 45×45 सेमी दूरी रखें। रोपाई शाम को करें, ताकि पौधे तनाव न लें।

मिट्टी, सिंचाई और खाद का प्रबंधन

यह फसल दोमट मिट्टी में अच्छी बढ़ती है, जिसमें pH 6.0-7.0 हो। जल निकासी जरूरी है। गमलों में 50% मिट्टी, 40% कम्पोस्ट और 10% रेत का मिश्रण उपयोग करें। रोपाई से पहले प्रत्येक गमले में 100 ग्राम गोबर खाद डालें। बढ़वार के दौरान हर 15 दिन में 10 ग्राम NPK (19:19:19) घोलकर डालें। जैविक खेती के लिए वर्मी कम्पोस्ट या गोमूत्र का घोल (1:10) उपयोग करें। मिट्टी को हल्का नम रखें, लेकिन जलभराव से बचें। नीम की खली मिलाने से कीटों से बचाव होता है।

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रोपाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें। फिर हर 3-4 दिन में पानी दें, गर्मी में रोजाना। गमलों में मिट्टी सूखने पर पानी दें। मल्चिंग (सूखी घास या प्लास्टिक) से नमी बनी रहेगी। पौधों को सपोर्ट स्टिक दें, ताकि फल भारी होने पर न गिरें। खरपतवार हटाते रहें। फूल आने पर पोटाश युक्त खाद डालें, फलन बढ़ेगा।

कीट और रोग नियंत्रण

एफिड्स और थ्रिप्स आम कीट हैं। नीम तेल (5 मिली/लीटर पानी) हर 10 दिन में छिड़कें। फफूंदी के लिए मैनकोजेब (2 ग्राम/लीटर) उपयोग करें। जैविक उपाय में दशपर्णी अर्क प्रभावी है। नियमित जाँच करें और प्रभावित पत्तियाँ हटा दें।

रोपाई के 70-90 दिन बाद फल हरे से लाल होने लगते हैं। लाल फल पूरी तरह पकने पर काटें। एक पौधे से 10-15 फल मिलते हैं। कटाई सुबह करें, फल ताजे रहेंगे।

बीज कैसे प्राप्त करें

NSC के लाल शिमला मिर्च बीज ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं। 1 ग्राम पैक मात्र ₹70 में NSC की आधिकारिक वेबसाइट या https://mystore.in/en/product/nsc-red-capsicum-seed से ऑर्डर करें। भुगतान UPI, कार्ड या COD से करें। डिलीवरी 5-7 दिन में घर पहुँचती है। स्थानीय NSC केंद्रों या कृषि दुकानों से भी खरीद सकते हैं। लाल शिमला मिर्च उगाना आसान और लाभकारी है। घरेलू बगीचे में ताजी सब्जी और स्वास्थ्य दोनों मिलेंगे। इस मौसम शुरू करें, और बगीचे को रंगीन बनाएँ।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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