ग्वार की उन्नतशील खेती कैसे करें, उद्योगों में इसकी मांग खूब रहती है, एक एकड़ से 4 महीने कमाईये 1 लाख

गाँव में ग्वार का नाम तो सबने सुना होगा। ये वो फसल है, जो खेत में हरी-भरी दिखती है और जेब में अच्छा पैसा लाती है। इसकी फलियाँ सब्जी के लिए काम आती हैं, और बीज से ग्वार गम बनता है, जिसकी बड़ी कंपनियाँ इंतजार करती हैं। किसानो के लिए ये फसल किसी तोहफे से कम नहीं। कम पानी में बढ़ती है, जल्दी तैयार होती है, और बाजार में इसका दाम भी ठीक मिलता है। तो चलिए, जानते हैं कि इसे अपने खेत में कैसे उगाया जाए।

जमीन और मौसम का साथ

ग्वार की खेती के लिए बलुई या दोमट मिट्टी इसके लिए बिल्कुल सही है। बस इतना ध्यान रखें कि पानी खेत में रुकने न पाए। बारिश का मौसम, खासकर जून-जुलाई, इसे बोने का सबसे अच्छा समय है। गर्मी और हल्की नमी इसके लिए ठीक रहती है। सर्दी में इसे बोना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन गाँव की गर्मी और बारिश इसके लिए जैसे बनी ही हैं। खेत को तैयार करें, और इस फसल का कमाल देखें।

बीज कहाँ से लें और कैसे बोएं

ग्वार के बीज लेना बिल्कुल आसान है। गाँव की नजदीकी दुकान या बीज भंडार से अच्छी किस्म के बीज ले आएं। अगर पास में कोई जगह न हो, तो ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं, इंडिया मार्ट या दूसरी भरोसेमंद वेबसाइट्स से बीज घर तक पहुँच जाते हैं। खेत में पहले हल चलाकर मिट्टी भुरभुरी कर लें। फिर 1-2 फीट की दूरी पर लाइनें बनाएं। बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहरा बो दें। हल्का पानी डालें, और कुछ ही दिनों में अंकुर फूटने लगेंगे। ये फसल जल्दी शुरू हो जाती है।

देखभाल, बड़ा फायदा

ग्वार का पौधा बड़ा सख्त होता है, ज्यादा परेशान नहीं करता। शुरू में हल्का पानी डालें, ताकि जड़ें पकड़ बना लें। बारिश अच्छी हो तो पानी की जरूरत भी कम पड़ती है। खेत में घास उग आए तो उसे निकाल दें, वरना फसल कमजोर हो सकती है। गोबर की खाद या थोड़ी यूरिया शुरू में डाल सकते हैं, पौधे हरे-भरे रहेंगे। कीड़ों से बचाने के लिए नीम का पानी छिड़क दें। ये पुराना तरीका है, जो हर बार काम आता है।

फसल कब तैयार होगी और कमाई कैसे होगी

ग्वार की फसल 90-120 दिनों में तैयार हो जाती है। अगर फलियाँ चाहिए, तो 2-3 महीने में तोड़ सकते हैं। बीज के लिए थोड़ा इंतजार करें, जब फलियाँ सूख जाएं तो काट लें। एक एकड़ से 4-5 क्विंटल बीज मिल सकता है। बाजार में ग्वार का बीज 4000-6000 रुपये क्विंटल तक बिकता है, और फलियाँ 30-50 रुपये किलो। गाँव से मंडी दूर हो तो लोकल बाजार में बेच दें, सब्जी वाले और व्यापारी इसे जल्दी ले लेते हैं। ये फसल कमाई का बढ़िया रास्ता खोलती है।

सावधानियाँ

खेती में थोड़ा ध्यान रखना जरूरी है। पानी ज्यादा न डालें, ग्वार को गीलापन पसंद नहीं। गर्मी में पौधे मुरझाएं तो हल्का पानी दें। कीड़े लगें तो नीम का छिड़काव करें, दवा का कम इस्तेमाल करें। फसल काटते वक्त सारी फलियाँ एक साथ न तोड़ें, जो पक गईं वही लें। ये छोटी सावधानियाँ फसल को हँसता-खेलता रखती हैं।

ग्वार की खेती, फायदे का सौदा

सोचिए, खेत में ग्वार की हरी-हरी फलियाँ लहलहा रही हों, और कुछ ही महीनों में जेब में अच्छा पैसा आ जाए। ये फसल कम पानी में चलती है, गाँव की मिट्टी में आसानी से बढ़ती है, और बाजार में इसका दाम भी ठीक है। थोड़ी मेहनत से ये कमाई का ऐसा रास्ता देती है, जो हर साल फायदा पहुंचाए। अपने खेत में ग्वार बोएं, और देखें कैसे ये हरा सोना आपके लिए काम करता है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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