गुलाब की खेती : कम ज़मीन में ज्यादा मुनाफा, एक एकड़ से कमाइए 4 लाख

किसान साथियों, गुलाब का नाम सुनते ही मन में ताजगी आ जाती है। ये फूल जितना दिखने में सुंदर है, उतना ही खेती के लिहाज से फायदेमंद भी है। गुलाब के फूल की मांग साल भर रहती है, चाहे शादी-ब्याह का सीजन हो, मंदिर में पूजा हो या फिर बाजार में सजावट की बात हो। यही वजह है कि अब किसान भाई पारंपरिक खेती के साथ-साथ गुलाब की खेती की तरफ भी रुख कर रहे हैं। अगर थोड़ी मेहनत और सही जानकारी हो तो कम ज़मीन में भी गुलाब से अच्छी कमाई की जा सकती है।

कैसी ज़मीन और मौसम चाहिए गुलाब के लिए?

गुलाब की खेती लगभग हर तरह की ज़मीन में हो सकती है, लेकिन दोमट मिट्टी जिसमें जैविक तत्व भरपूर हों, और पानी की निकासी अच्छी हो, उसमें यह सबसे अच्छे तरीके से फलता-फूलता है। मिट्टी का pH 6 से 7 के बीच होना चाहिए। गुलाब को खुली धूप बहुत पसंद होती है, लेकिन बहुत ज्यादा गर्मी या तेज ठंड नुकसान पहुंचा सकती है। हल्की ठंडी जलवायु गुलाब के फूलों के लिए सबसे अनुकूल मानी जाती है।

गुलाब की किस्में जो खेती के लिए होती हैं फायदे की

इसकी की कई किस्में हैं, लेकिन खेती के लिए वही किस्में सही होती हैं जो बाजार में ज्यादा बिकती हों और जिनसे लगातार फूल निकलते रहें। हाइब्रिड टी, फ्लोरीबंडा, डच रोज़, और देसी गुलाब जैसी किस्में खेती के लिए बेहतर मानी जाती हैं। हाइब्रिड किस्में दिखने में आकर्षक होती हैं और इनका बाजार भाव अच्छा मिलता है। ये किस्में कम जगह में भी ज्यादा फूल देती हैं और इनमें रोगों से लड़ने की ताकत भी होती है।

पौध तैयार करना और खेत में रोपाई कैसे करें?

गुलाब की पौध कलम विधि से तैयार की जाती है। कलम को 15-20 सेमी लंबा काटकर उसे कोकोपीट, गोबर खाद और मिट्टी के मिश्रण में लगाना होता है। करीब 25-30 दिन में उसमें जड़ आ जाती है, तब उसे खेत में लगाया जा सकता है। खेत में 60×60 सेंटीमीटर की दूरी पर पौधे लगाए जाते हैं। रोपाई का सही समय जून-जुलाई और फिर अक्टूबर-नवंबर में होता है। शुरुआत में हर 3-4 दिन में पानी देना होता है, लेकिन पौधे मजबूत हो जाने के बाद सिंचाई सप्ताह में एक बार भी काफी होती है।

खाद और कीट नियंत्रण से फूलों की गुणवत्ता बनी रहती है

इस फूल को अच्छी खाद देने से फूल ज्यादा और सुंदर आते हैं। इसके लिए गोबर की खाद, नीम की खली, वर्मी कम्पोस्ट और थोड़ी मात्रा में डीएपी, सुपर फॉस्फेट जैसी उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता है। कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए नीम के तेल का छिड़काव एक सस्ता और असरदार उपाय है। अगर पत्ते सिकुड़ने लगें या पीले पड़ने लगें, तो तुरंत जैविक दवाओं से उपचार करें। फूल तोड़ने के बाद पौधों की हल्की छंटाई करने से अगली बार ज्यादा फूल निकलते हैं।

लागत और मुनाफा : कम खर्च, बढ़िया आमदनी

गुलाब की खेती में प्रति एकड़ शुरुआती लागत करीब ₹40,000 से ₹50,000 तक आती है, जिसमें पौध, खाद, सिंचाई और मजदूरी शामिल है। एक एकड़ में लगभग 8 से 10 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं। एक पौधा साल में 100 से 150 फूल तक दे सकता है। बाजार में एक गुलाब का थोक रेट ₹1 से ₹3 तक रहता है, जबकि त्योहारों या शादी के मौसम में यही रेट ₹5 से ₹10 तक भी पहुंच जाता है। ऐसे में अगर देखभाल सही हो तो एक एकड़ से ₹3 लाख तक की आमदनी हो सकती है। गुलाब को आप मंदिरों, फ्लावर मार्केट, शादी हॉल, और ऑनलाइन स्टोर तक भी सप्लाई कर सकते हैं।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र पिछले तिन साल से पत्रकारिता कर रहा हूँ मै ugc नेट क्वालीफाई हूँ भूगोल विषय से मै एक विषय प्रवक्ता हूँ , मुझे कृषि सम्बन्धित लेख लिखने में बहुत रूचि है मैंने सम्भावना संस्थान हिमाचल प्रदेश से कोर्स किया हुआ है |

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