नूंह से शुरू हुआ बदलाव, धन-धान्य योजना और दलहन मिशन से हर खेत होगा हरा-भरा

पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में एक ऐसी सभा हुई, जहाँ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने वाली बातें कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की तारीफ की। इन योजनाओं को किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाला बताया, जो न सिर्फ खेती को मजबूत बनाएंगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार करेंगी। आइये जानते हैं मुख्यमंत्री जी ने और क्या योजना बताई हरियाणा को दलहन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए।

धन-धान्य योजना, नूंह जिले की नई शुरुआत

मुख्यमंत्री सैनी ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना देश के 100 जिलों में शुरू हो चुकी है, और हरियाणा का नूंह जिला भी इसमें शुमार है। यह योजना 2025-26 से अगले छह साल तक चलेगी, जिसमें 1.44 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। कम उत्पादकता वाले इलाकों पर फोकस करते हुए यह फसल विविधीकरण, सिंचाई सुविधाओं को मजबूत बनाने और आसान ऋण उपलब्ध कराने पर जोर देगी। नूंह जैसे क्षेत्रों में, जहाँ कृषि उत्पादन की चुनौतियाँ ज्यादा हैं, यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति देगी।

सैनी ने बताया कि 2014 के बाद भारत ने अनाज आयात से आत्मनिर्भरता हासिल की है, और अब यह योजना पोषण युक्त अनाज उत्पादन को बढ़ावा देगी। हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि नूंह के किसानों को इसका अधिकतम लाभ मिले, ताकि स्थानीय स्तर पर खेती की नई कहानियाँ लिखी जाएँ। यह न सिर्फ फसल पैदावार बढ़ाएगी बल्कि किसानों की आय में भी इजाफा करेगी, जो बाजार आधारित और जलवायु अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करेगी।

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दलहन मिशन में हरियाणा की मजबूत भूमिका

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन (Dalhan Aatmanirbhar Mission) की सराहना की, जो तूर, उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दालों के उत्पादन को बढ़ावा देगा। 1000 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू यह मिशन छह साल चलेगा, और हरियाणा इसमें अहम भूमिका निभाएगा। सैनी ने कहा कि प्रदेश के किसान नई तकनीकों और योजनाओं को तेजी से अपना रहे हैं, फसल विविधीकरण के जरिए बाजार की मांग पूरी कर रहे हैं। पशुपालन, मधुमक्खी पालन और मत्स्य पालन का क्षेत्र भी बढ़ रहा है, जो खेती को बहुआयामी बना रहा है।

उन्होंने हरित क्रांति में हरियाणा के योगदान को याद करते हुए विश्वास जताया कि दलहन मिशन में भी किसान आगे रहेंगे। 2019-20 में दलहन का रकबा 1 लाख 95 हजार एकड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर 2 लाख 67 हजार 500 एकड़ हो गया। सरकार अब इसे और विस्तार देगी, उत्तम बीज उपलब्ध कराकर। यह मिशन आयात पर निर्भरता कम करेगा, क्योंकि 2024 में दाल आयात 56 प्रतिशत बढ़ गया था। हरियाणा के किसान, जो चना और मूंग जैसे दलहन में माहिर हैं, इस मिशन से नई ऊर्जा पाएंगे।

ई-खरीद किसानों की सुविधा का नया द्वार

मुख्यमंत्री ने हरियाणा सरकार की किसान हितैषी नीतियों पर प्रकाश डाला। पिछले 10 सीजन में ई-खरीद पोर्टल के जरिए 12 लाख किसानों के खातों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये डाले गए। अब ई-खरीद एप्लीकेशन से घर बैठे ई-गेट पास बनाना आसान हो गया है, और फसल बिक्री का भुगतान 48 घंटे में हो जाता है। यह डिजिटल कदम किसानों को मध्यस्थों से मुक्ति दिला रहा है, और पारदर्शिता बढ़ा रहा है। सैनी ने कहा कि सरकार बीज से बाजार तक हर कदम पर सहायता दे रही है, जो किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करेगी।

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नकली बीजों पर लगाम, किसान सुरक्षा का कवच

किसानों की सबसे बड़ी चिंता नकली बीज और कीटनाशक रहे हैं, लेकिन हरियाणा सरकार ने इन्हें जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। बीज (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2025 के तहत नकली बीज बनाने या बेचने पर सख्त सजा और 5 लाख तक जुर्माना होगा। यह कानून अंग्रेजी काल के आबियाने को भी समाप्त करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम किसानों को धोखे से बचाएगा, क्योंकि नकली बीज फसल नुकसान का बड़ा कारण हैं। अब गुणवत्ता वाले बीज सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे, जो दलहन मिशन जैसे प्रयासों को मजबूत बनाएंगे।

सैनी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का जिक्र किया, जिसके तहत 20 लाख किसानों को 6,563 करोड़ रुपये मिले। फसल बीमा और मुआवजे से 15,145 करोड़ रुपये वितरित हुए। ये योजनाएँ किसानों को जोखिमों से बचाती हैं, खासकर जलवायु परिवर्तन के दौर में। हरियाणा में ये पहलें खेती को टिकाऊ बना रही हैं, और किसानों को नई आशा दे रही हैं।

42 हजार करोड़ की सौगात: कृषि का नया अध्याय

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने पुसा के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर से ये परियोजनाएँ शुरू कीं। सैनी ने इसका आभार जताते हुए कहा कि मोदी का नेतृत्व किसानों के लिए समृद्धि का द्वार खोल रहा है। यह दिन कृषि इतिहास में स्वर्णिम रहेगा, जो खाद्य सुरक्षा, आय वृद्धि और भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में कदम है।

मुख्यमंत्री ने सभी से आह्वान किया कि मिलकर इन योजनाओं को सफल बनाएँ। धन-धान्य और दलहन मिशन न सिर्फ हरियाणा बल्कि पूरे देश को मजबूत करेंगे। नूंह जैसे जिलों से शुरू होकर यह लहर पूरे प्रदेश में फैलेगी, जहाँ किसान नई तकनीकों से खेती को नया आयाम देंगे। यह बदलाव न सिर्फ खेतों को हरा-भरा करेगा बल्कि किसानों के सपनों को भी साकार करेगा।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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