अब किसानों को डीएपी और यूरिया के साथ अन्य उत्पाद बेचने पर की जाएगी कठोर कार्रवाई

हरियाणा के किसान भाइयों के लिए रबी की बुवाई से पहले सबसे बड़ी खुशखबरी आ गई है। अब कोई भी डीलर आपको यूरिया या डीएपी के साथ जिंक, कीटनाशक, माइक्रोन्यूट्रिएंट या कोई दूसरा सामान जबरन नहीं थमा सकेगा। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने साफ-साफ चेतावनी दे दी है कि ऐसा करने वाले का लाइसेंस तुरंत रद्द होगा और सख्त कार्रवाई होगी।

सालों से चल रहा था यह खेल

हर साल बुवाई का मौसम आते ही डीलरों का एक ही राग होता था – “भाई यूरिया चाहिए तो दो बोरी डीएपी और एक बोरा जिंक भी ले लो, नहीं तो कुछ नहीं मिलेगा।” कई किसान मजबूरी में हजार-दो हजार रुपये का अनचाहा सामान खरीदकर घर ले आते थे। जो मना करता, उसकी गाड़ी बाहर खड़ी रहती थी और दूसरे किसान को पहले सामान दे दिया जाता था। इस बार सरकार ने ठान लिया है कि यह सब पूरी तरह बंद होगा।

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने सभी जिला उपायुक्तों, कृषि अधिकारियों और उर्वरक डीलरों की मीटिंग बुलाकर साफ कहा कि किसान को सिर्फ वही सामान देना है जो वह माँग रहा है। कोई बंडल सिस्टम, कोई जबरन बिल बढ़ाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्री जी ने कहा कि किसान पहले ही महंगाई, मौसम की मार और कर्ज के बोझ से परेशान है। उस पर डीलरों की मनमानी नहीं चलेगी।

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शिकायत करने का सबसे आसान तरीका

अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है तो बिल्कुल चुप न रहें। तुरंत इनमें से कोई एक कदम उठाएँ:

  • टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551 पर फोन करें। यह नंबर चौबीसों घंटे खुला रहता है।
  • अपने ब्लॉक के कृषि विकास अधिकारी या जिले के उप कृषि निदेशक को सीधे कॉल करें।
  • जिला कृषि कार्यालय में लिखित शिकायत दें या व्हाट्सएप पर बिल की फोटो भेजें।

सरकार का वादा है कि शिकायत मिलते ही 48 घंटे के अंदर जाँच शुरू हो जाएगी और दोषी पर तुरंत कार्रवाई होगी। यदि आप दुसरे राज्य से भी हैं तो इस तरह के जबरदस्ती के लिए उपरोक्त टोल-फ्री नम्बर पर शिकायत कर सकते हैं।

इस बार खाद का स्टॉक पूरा है

हरियाणा सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए पहले से ही भरपूर मात्रा में यूरिया और डीएपी का इंतजाम कर लिया है। केंद्र सरकार से भी लगातार सप्लाई आ रही है। डीलरों को सख्ती से कहा गया है कि स्टॉक कम होने का बहाना बनाकर किसान को परेशान न करें। अगर किसी दुकान पर खाद कम है तो ऊपर से तुरंत मंगवाएँ, किसान को मना करने का कोई अधिकार नहीं है।

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जबरदस्ती के साथ-साथ नकली खाद का खेल भी बहुत चलता है। कई बार डीलर पुरानी या मिलावटी खाद भी जबरन थमा देते हैं। अगर आपको खाद की बोरी में कुछ भी शक लगे – रंग, गंध या पैकिंग सही न लगे – तो तुरंत फोटो लेकर शिकायत करें। कृषि विभाग की टीम मौके पर पहुँचकर जाँच करेगी और नकली सामान बेचने वाले को जेल तक हो सकती है।

गाँव में जागरूकता जरूरी है

ग्राम प्रधानों, चौकीदारों और सहकारी समितियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने गाँव के किसानों को यह बात अच्छे से बताएँ। अगर कोई डीलर गलत करता है तो पूरा गाँव एकजुट होकर शिकायत करे। जितनी ज्यादा आवाज उठेगी, उतनी जल्दी यह गंदा खेल खत्म होगा। कई किसान सोचते हैं कि शिकायत करने से क्या होगा। लेकिन इस बार सरकार गंभीर है। पिछले कुछ मामलों में डीलरों के लाइसेंस रद्द हुए हैं और जुर्माना भी लगा है। आपका एक फोन न सिर्फ आपको बचाएगा बल्कि पूरे इलाके के किसानों के लिए मिसाल बनेगा।

हरियाणा का किसान अब पहले जैसा मजबूर नहीं रहा। सरकार आपके साथ है, कानून आपके साथ है। खाद लेने जाएँ तो सीना तानकर जाएँ और सिर्फ वही सामान लें जिसकी जरूरत है। जबरदस्ती करने वाला डीलर अब खुद डरेगा, क्योंकि उसका खेल खत्म हो चुका है।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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