आजकल हरियाणा में खेती करने वाले भाइयों के लिए मूंग की खेती एक नया मौका लेकर आई है। सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए पूरा जोर लगा रही है। कृषि और किसान कल्याण विभाग ने 2025-26 के सीजन में 1 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर ग्रीष्मकालीन मूंग बोने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, आप जैसे मेहनती किसानों को इसके बीज पर 75 फीसदी सब्सिडी भी मिलेगी।
रबी की फसल कटने के बाद अब मार्च-अप्रैल में मूंग की खेती के लिए खेत तैयार हो रहे हैं। ये फसल न सिर्फ आपकी जेब भर सकती है, बल्कि आपके खेत की मिट्टी को भी ताकत देती है। चलिए, हम आपको बताते हैं कि ये मौका आपके लिए कैसे फायदे का सौदा बन सकता है।
हरियाणा में मूंग की खेती को मिल रही नई उड़ान
हरियाणा में दालों की खेती को बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा प्लान बनाया है। इस बार 2025-26 सीजन में 1 लाख एकड़ से ज्यादा खेतों में ग्रीष्मकालीन मूंग बोने की तैयारी है। इसके लिए विभाग 10,000 क्विंटल बीज 75 फीसदी सब्सिडी पर दे रहा है। अलग-अलग जिलों में लक्ष्य बाँटा गया है। कुरुक्षेत्र, भिवानी, पलवल और सिरसा को सबसे ज्यादा 8,000 एकड़ का टारगेट मिला है।
फतेहाबाद, जींद और रेवाड़ी में 7,000 एकड़, करनाल और सोनीपत में 6,000 एकड़, कैथल और हिसार में 5,000 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है। बाकी जिलों में 1,000 से 4,500 एकड़ तक का हिस्सा है। आप अपने जिले के हिसाब से इस मौके का फायदा उठा सकते हैं।
बीज पर सब्सिडी, कम खर्च में ज्यादा कमाई
कृषि विभाग के एक अफसर का कहना है कि मूंग की खेती से दो फायदे हैं। पहला, ये आपकी मिट्टी को पोषण देती है, और दूसरा, ये कम समय में अच्छी कमाई का जरिया बनती है। अगर आप इस खेती में दिलचस्पी रखते हैं, तो 26 मार्च से 20 अप्रैल तक विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर लीजिए।
हरियाणा बीज विकास निगम (HSDC) आपके रजिस्ट्रेशन को चेक करेगा। इसके बाद आपको HSDC के काउंटर से सिर्फ 25 फीसदी कीमत चुकाकर बीज मिल जाएगा। बाकी 75 फीसदी सरकार देगी। एक किसान 3 एकड़ तक की खेती के लिए 30 किलो बीज ले सकता है। यानी कम खर्च में बड़ा फायदा पक्का।
मूंग की खेती से मिट्टी और जेब दोनों को फायदा
कुरुक्षेत्र के कृषि उपनिदेशक डॉ. करम चंद कहते हैं कि ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती आपके लिए वरदान है। ये फसल मिट्टी को ताकत देती है और कम समय में तैयार हो जाती है। गेहूं कटने के बाद और धान बोने से पहले आप इसे आसानी से उगा सकते हैं। प्रति एकड़ 4 से 5 क्विंटल तक पैदावार हो सकती है। बाजार में दालों की मांग हमेशा बनी रहती है, तो आपकी कमाई भी अच्छी होगी।
उनका कहना है कि कुरुक्षेत्र में 8,000 एकड़ का लक्ष्य है और बीज पर 75 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। लेकिन एक बात का ध्यान रखिए – अगर आप बीज लेते हैं और खेती नहीं करते, तो सब्सिडी वापस करनी पड़ेगी। ऐसा न करने पर अगले दो सीजन तक विभाग की दूसरी योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा।
खेत तैयार करने का आसान तरीका
मूंग की खेती शुरू करने के लिए खेत को अच्छे से जोत लीजिए। मिट्टी को ढीला करके गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डाल दीजिए। फिर बीज बोने से पहले मेड़ बना लें। बुवाई के 10-15 दिन बाद पहला पानी दीजिए। जब पौधे बढ़ने लगें, तो बांस और डोरी से सहारा दे दीजिए, ताकि बेल ऊपर चढ़े और फल तोड़ना आसान हो। 55-60 दिन में फसल तैयार हो जाएगी। इसे मंडी में बेचकर आप हर हफ्ते ठीक-ठाक कमाई कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार का मकसद है कि मूंग जैसी दालों का उत्पादन बढ़े, मिट्टी की सेहत सुधरे और आप जैसे किसानों को साल में एक अतिरिक्त कमाई का मौका मिले। ये फसल न सिर्फ आपके खेतों को हरा-भरा रखेगी, बल्कि आपकी मेहनत को भी दोगुना फल देगी। तो देर मत कीजिए, इस मौके को हाथ से न जाने दीजिए। अपने खेत में मूंग की खेती शुरू कीजिए और देखिए कैसे ये आपके लिए फायदे का सौदा बनती है।
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