उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गेहूँ बोने का सही समय चल रहा है। नवंबर का दूसरा पखवाड़ा है, मिट्टी में नमी बनी हुई है, इस बार अगर आप अपनी फसल को नई ऊँचाई देना चाहते हैं, तो गेहूँ की HD-3411 किस्म चुनें। ये वो किस्म है जो न सिर्फ दाने की गुणवत्ता में सबसे आगे है, बल्कि उपज भी 22-25 क्विंटल प्रति एकड़ तक देती है। रोगों से लड़ने की ताकत, तेज़ अंकुरण और कम पानी में भी अच्छी पैदावार – ये सब इसमें है। एक पैकेट में 40 किलो बीज सिर्फ 2060 रुपये में घर बैठे ऑर्डर कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि ये किस्म आपके खेतों के लिए क्यों परफेक्ट है, और इसे कैसे बोएँ।
HD-3411 की खासियतें जो इसे बनाती हैं किसानों की पहली पसंद
HD-3411 Wheat Variety एक हाई-यील्डिंग वैरायटी है, जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की सिफारिशों पर आधारित है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है दाने की गुणवत्ता – चमकदार, भारी और प्रोटीन से भरपूर। रोटिए में इस्तेमाल होने वाली आटे की क्वालिटी इतनी अच्छी कि बाजार में प्रीमियम दाम मिलते हैं। उपज की बात करें तो सामान्य किस्मों से 15-20 प्रतिशत ज्यादा – एक एकड़ में 22 से 25 क्विंटल तक। उत्तर भारत के यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मैदानों में ये किस्म खूब चलती है।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता जो बचाती है फसल को भारी नुकसान से
गेहूँ की फसल में सबसे बड़ा खतरा पीला रतुआ, काला रतुआ और कर्णाल बंट रोगों का होता है। HD-3411 में इनके खिलाफ मजबूत जेनेटिक रेसिस्टेंस है। पिछले सीजन में कई किसानों ने देखा कि जहाँ दूसरी किस्में रोग से पीली पड़ गईं, वहाँ HD-3411 हरी-भरी खड़ी रही। करनाल बंट से बचाव के लिए इसमें विशेष जीन हैं, जो दाने को सड़ने नहीं देते। कीटों जैसे गुलाबी तना छेदक से भी ये कम प्रभावित होती है। कम दवा छिड़काव की जरूरत पड़ती है, जिससे लागत बचती है और मिट्टी स्वस्थ रहती है। अगर आप जैविक खेती कर रहे हैं, तो ये किस्म आपके लिए रामबाण है।
उच्च अंकुरण दर और कम पानी में भी दमदार पैदावार
बीज की गुणवत्ता ही फसल की नींव होती है। HD-3411 का अंकुरण दर 90 प्रतिशत से ऊपर है – यानी बोए गए 100 बीजों में 90 से ज्यादा पौधे निकल आते हैं। NSC के प्रमाणित बीज साफ-सुथरे, उपचारित और पैकेट में सील्ड आते हैं, इसलिए कोई चिंता नहीं। बोने की दर 40 किलो प्रति एकड़ रखें – लाइन से लाइन 20-22 सेंटीमीटर और बीज से बीज 5-6 सेंटीमीटर दूरी। गहराई 4-5 सेंटीमीटर से ज्यादा न हो। पानी की बात करें तो ये किस्म कम सिंचाई में भी अच्छी चलती है। कुल 4-5 सिंचाइयाँ काफी – पहली बोने के 20-25 दिन बाद, फिर कल्ले फूटने पर, दूध अवस्था में और दाना भरते समय।
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बोने से कटाई तक का आसान तरीका, लागत कम और मुनाफा ज्यादा
खेत तैयार करने से शुरू करें। जमीन को 2-3 बार हल चलवाएँ, फिर 10 टन सड़ी गोबर की खाद प्रति एकड़ डालें। बोने से पहले बीज को कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें। पहली सिंचाई के साथ 50 किलो यूरिया, 60 किलो डीएपी और 20 किलो पोटाश डालें। कल्ले फूटने पर दूसरी खुराक यूरिया की दें। घास नियंत्रण के लिए पेंडीमेथालिन का छिड़काव बोने के 2-3 दिन बाद करें। रोग दिखें तो प्रोपीकोनाजोल या टेबुकोनाजोल का हल्का स्प्रे। कटाई जब दाने पूरी तरह पक जाएँ और पत्तियाँ पीली पड़ने लगें। थ्रेशिंग के बाद दाने साफ करके भंडारण करें। कुल लागत 25-30 हजार प्रति एकड़, और उपज 22 क्विंटल पर 50-55 हजार की कमाई – शुद्ध मुनाफा 20-25 हजार।
NSC की आधिकारिक जानकारी और ऑर्डर कैसे करें
NSC की स्थापना 1963 में हुई थी, और ये सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी बीज कंपनी है। ये ICAR के साथ मिलकर नई किस्में विकसित करती है और किसानों तक पहुँचाती है। HD-3411 जैसे प्रीमियम बीज NSC के फार्म सोना सीरीज़ में आते हैं। हर पैकेट पर QR कोड है, जिससे असली बीज की जाँच कर सकते हैं। MyStore.in NSC का आधिकारिक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। लिंक है – https://mystore.in/en/product/nsc-farm-sona-gehu-beej-premium-wheat-hd-3411-c-s-seeds-for-high-yield। 40 किलो पैकेट 2060 रुपये में, डिलीवरी 5-7 दिन में। पेमेंट ऑनलाइन, COD उपलब्ध। NSC की हेल्पलाइन और लोकल डीलर भी सहायता करते हैं।
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