जानें पौधों के लिए 12 घरेलू उर्वरक, गाँव में आसानी से मिलने वाला देसी खजाना

Homemade Fertilizer for Plants :किसान भाइयों, खेत और बगीचे के पौधों को ताकत देने के लिए महँगी खाद की जरूरत नहीं। गाँव में आपके घर में ही ऐसी चीजें पड़ी हैं, जो पौधों को हरा-भरा और फलदार बना सकती हैं। ये 12 घरेलू उर्वरक सस्ते हैं, आसान हैं और मिट्टी को भी नुकसान नहीं पहुँचाते। चाहे सब्जियाँ हों या फूल, इन देसी नुस्खों से पौधे चमक उठेंगे। आइए, समझें कि ये उर्वरक कैसे बनाएँ और इस्तेमाल करें।

केले के छिलके से ताकत

केले के छिलके पोटेशियम से भरे होते हैं, जो पौधों को मजबूती देते हैं। इन्हें सीधे खेत की मिट्टी में या पौधे की जड़ के पास दबा दें। गाँव में इसे पानी में भिगोकर रखें और फिर उस पानी को पौधों में डाल दें, ये तरल खाद की तरह काम करेगा। इससे फूल और फल ज्यादा लगेंगे। हर हफ्ते ऐसा करें, पौधे खिल उठेंगे।

कॉफी के दानों का कमाल

अगर घर में कॉफी पीते हैं, तो बचे हुए दानों को फेंके नहीं। ये उन पौधों के लिए बढ़िया हैं, जो खट्टी मिट्टी पसंद करते हैं, जैसे गुलाब या बेर। इन्हें मिट्टी में मिला दें या ऊपर से छिड़क दें। गाँव में इसे थोड़ा गोबर के साथ मिलाकर डालें, पौधों को दोहरी ताकत मिलेगी। महीने में एक बार ऐसा करें, फर्क दिखेगा।

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अंडे के छिलकों से जड़ें मजबूत

अंडे के छिलके कैल्शियम का खजाना हैं। इन्हें अच्छे से कुचलकर पाउडर बना लें और पौधों की जड़ों के पास छिड़क दें। गाँव में इन्हें सूरज में सुखाकर रखें, फिर मिट्टी में मिलाएँ। इससे जड़ें मजबूत होंगी और पौधा टूटेगा नहीं। हर 15 दिन में थोड़ा-थोड़ा डालें, पौधे की सेहत चमकेगी।

एप्सम नमक का जादू

एप्सम नमक मैग्नीशियम से भरा होता है। एक चम्मच को एक बाल्टी पानी में घोल लें और पौधों की जड़ों में डाल दें। गाँव में इसे नीम के पानी के साथ मिलाकर छिड़कें, कीड़े भी कम लगेंगे। इससे पत्तियाँ हरी-भरी रहेंगी और फसल में जान आएगी। महीने में दो बार ऐसा करें, पौधे तरक्की करेंगे।

गुड़ से मिट्टी को ताकत

गुड़ मिट्टी के छोटे-छोटे जीवों को खिलाता है, जो पौधों को पोषण देते हैं। एक चम्मच गुड़ को पानी में घोलकर पौधों की जड़ों में डाल दें। गाँव में इसे गोबर के घोल के साथ मिलाएँ, मिट्टी और पौधे दोनों को फायदा होगा। हर 20 दिन में ऐसा करें, पौधे में नई जान दिखेगी।

मछलीघर का पानी देगा रफ्तार

अगर घर में मछलीघर है, तो उसका गंदा पानी फेंके नहीं। ये प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरा होता है। इसे सीधे पौधों में डाल दें, खासकर सब्जियों और फूलों में। गाँव में इसे थोड़ा पतला करके इस्तेमाल करें, ताकि पौधे जलें नहीं। हफ्ते में एक बार ऐसा करें, बढ़त तेज होगी।

लकड़ी की राख से पोषण

लकड़ी की राख पोटेशियम और कैल्शियम देती है। इसे हल्का-हल्का मिट्टी पर छिड़क दें। गाँव में चूल्हे की राख को इकट्ठा करें, लेकिन ज्यादा न डालें, वरना मिट्टी सख्त हो सकती है। महीने में एक बार थोड़ी मात्रा में डालें, पौधे मजबूत होंगे।

जेली से हरा-भरा विकास

जेली पानी में घुलकर पौधों को ताकत देती है। एक चम्मच जेली को गर्म पानी में पिघलाकर ठंडा करें, फिर पौधों में डाल दें। गाँव में इसे गोबर के साथ मिलाकर डालें, पत्तियाँ हरी-भरी रहेंगी। हर 15 दिन में ऐसा करें, फर्क साफ दिखेगा।

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दूध से फूलों की चमक

दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होता है। एक कप दूध को चार कप पानी में मिलाकर पौधों में डाल दें। गाँव में बचा हुआ खट्टा दूध भी काम आएगा। इससे फूल ज्यादा खिलेंगे और पौधे चमकेंगे। महीने में एक बार ऐसा करें, फायदा होगा।

समुद्री शैवाल का खजाना

अगर समुद्र के पास से शैवाल मिले, तो उसे धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें और मिट्टी में मिला दें। गाँव में इसे पानी में भिगोकर उस पानी को डालें। ये खनिज और ताकत देता है। हर 20 दिन में ऐसा करें, पौधे तेजी से बढ़ेंगे।

सब्जी के बचे हिस्सों से शोरबा

सब्जियों के छिलके या बचे हिस्से उबाल लें, फिर ठंडा करके उस पानी को पौधों में डाल दें। गाँव में आलू, गाजर या प्याज के छिलके इस्तेमाल करें। ये पोषक तत्वों से भरा होता है। हफ्ते में एक बार डालें, फसल में जान आएगी।

जड़ी-बूटी की चाय से ताजगी

कैमोमाइल या बिच्छू घास जैसी जड़ी-बूटियों को उबालकर चाय बनाएँ और ठंडा करके पौधों में डाल दें। गाँव में तुलसी या पुदीने की चाय भी काम आएगी। ये प्राकृतिक खाद की तरह है। हर 15 दिन में डालें, पौधे तरोताजा रहेंगे।

गाँव के लिए खास फायदा

ये सारे उर्वरक गाँव में आसानी से मिलते हैं और पैसे भी नहीं लगते। ये मिट्टी को बंजर होने से बचाते हैं और फसल को ताकत देते हैं। गाँव की बहनें इन्हें घर में तैयार कर सकती हैं, और बच्चे भी मदद कर सकते हैं। तो भाइयों, इन देसी नुस्खों को आजमाएँ, खेत और बगीचा हरा-भरा रहेगा।

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  • Dharmendra

    मै धर्मेन्द्र एक कृषि विशेषज्ञ हूं जिसे खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी साझा करना और नई-नई तकनीकों को समझना बेहद पसंद है। कृषि से संबंधित लेख पढ़ना और लिखना मेरा जुनून है। मेरा उद्देश्य है कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुंचे ताकि वे अधिक उत्पादन कर सकें और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।

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