घर के बगीचे में कीटों को भगाने का देसी फॉर्मूला, दही-मिर्च से पौधे चमक उठेंगे, जानें तरीका

घर के आंगन या छत पर लगे टमाटर, मिर्च, लौकी या फूलों के पौधों पर कीटों की मार से परेशान हैं? अब केमिकल वाली महंगी दवाओं की जरूरत नहीं सहरसा के कृषि वैज्ञानिकों ने एक सस्ता, सुरक्षित घरेलू नुस्खा साझा किया है, जो दही और मिर्च से तैयार होता है। यह फॉर्मूला न सिर्फ चूसक कीटों और फंगस को जड़ से उखाड़ फेंकता है, बल्कि पौधों के माइक्रोबियल बैलेंस को भी बनाए रखता है।

पत्तियां फिर से हरी-भरी हो जाती हैं, और फसलें स्वस्थ बढ़ने लगती हैं। खास बात यह है कि यह पूरी तरह पर्यावरण-अनुकूल है बच्चे पौधे छू लें तो कोई नुकसान नहीं। छोटे बगीचों या टेरेस फार्मिंग करने वालों के लिए यह चमत्कार की तरह काम करता है।

दही-मिर्च फॉर्मूला क्यों है कमाल

यह नुस्खा हरी मिर्च के कैप्सेसिन (तीखी गंध) और काली मिर्च की गर्म तासीर पर आधारित है, जो कीटों को दूर भगाती है। दही इसमें प्राकृतिक बैक्टीरिया जोड़ता है, जो फंगस को कंट्रोल करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह घोल पौधों की जड़ों को मजबूत बनाता है, ताकि वे खुद ही कीटों से लड़ सकें। फलदार पौधों जैसे बैंगन, टमाटर पर चूसक कीटों का कहर आम है, लेकिन इस फॉर्मूले से एक हफ्ते में असर दिखने लगता है। लागत तो बस 10-20 रुपये में तैयार हो जाता है, और बाजार से लाने वाली दवाओं का खर्च बच जाता है।

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किचन से ही रेडी, 10 मिनट में घोल तैयार

घर में मौजूद चीजों से यह फॉर्मूला बनता है। मुख्य सामग्री: 100 ग्राम दही (सादा, बिना चीनी का), 50 ग्राम हरी मिर्च (ताजी, तेज वाली), और 10 ग्राम काली मिर्च (पाउडर या साबुत)। सबसे पहले हरी और काली मिर्च को मिक्सर में पीस लें, ताकि उनका रस निकल आए। फिर दही में मिलाकर अच्छे से फेंट लें। अब इस पेस्ट को पतले कपड़े से छान लें, ताकि स्प्रे बोतल में आसानी से भरे। आखिर में 10 गुना पानी मिलाएं जैसे 100 मिली पेस्ट में 1 लीटर पानी ताकि घोल पतला रहे और नाजुक पत्तियों पर जलन न हो। तैयार! स्प्रे बोतल में भरकर रख लें, और फ्रिज में 2-3 दिन तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

स्प्रे करने का सही तरीका

स्प्रे का समय महत्वपूर्ण है सुबह सूरज निकलने से पहले या शाम ढलते ही करें, जब धूप हल्की हो। पौधों की पत्तियों के ऊपर-नीचे दोनों तरफ अच्छे से छिड़काव करें, खासकर कोमल टिप्स और तनों पर। स्प्रे के बाद पौधों को हवा में सूखने दें, ताकि घोल सोख लिया जाए। हल्के प्रकोप में सप्ताह में दो बार, जबकि ज्यादा कीटों पर 3 दिन के अंतराल से 2-3 बार लगातार स्प्रे करें। एक हफ्ते बाद नई पत्तियां चमकदार हो जाएंगी, और कीट गायब। वैज्ञानिक सलाह देते हैं कि तेज धूप में स्प्रे न करें, वरना पत्तियां झुलस सकती हैं।

बच्चे-अन्य जानवरों के लिए सुरक्षित

यह फॉर्मूला 100% सुरक्षित है न तो पौधों को नुकसान पहुंचाता है, न ही मिट्टी के बैक्टीरिया को। ज्यादा मात्रा में न छिड़कें, बस हल्का कोटिंग दें। अगर पौधे बहुत नाजुक हैं तो घोल को और पतला कर लें। फायदे? कीटों के अलावा फंगस भी कंट्रोल होता है, और पौधे ज्यादा हरे-भरे हो जाते हैं। घर के बगीचे में लगे फूलों या फलों के पौधों पर यह जादू की तरह काम करता है। सहरसा के वैज्ञानिकों ने इसे छत की बागवानी के लिए परफेक्ट बताया है, जहां जगह कम हो लेकिन फसल ज्यादा चाहिए।

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  • Shashikant

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